तो आइये जान लेते हैं कौन हैं वेणुगोपाल राव?
वेणुगोपाल राव भारतीय टीम के पूर्व ऑल-राउंडर बल्लेबाज़ हैं. भारत के लिए 18 वनडे खेले. साल 2005-06 के दौरान राहुल द्रविड़ की कप्तानी वाली टीम इंडिया में मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ रहे. इस दौरान राव ने मामूली 24 के औसत से 218 रन बनाए. इसमें उन्होंने एकमात्र अर्धशतक भी बनाया.

भारतीय टीम के लिए खेलते हुए वेणुगोपाल राव. फोटो: Reuters
अब आप सोच रहे होंगे कि 24 के औसत वाले वेणुगोपाल राव ने ऐसा क्या किया कि वाइज़ैग में उनके नाम पर एक गेट ही बना दिया गया. दरअसल राव आंध्रा टीम के कप्तान रह चुके हैं. जहां पर फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेलते हुए उन्होंने बड़ा कारनामा किया है. वेणुगोपाल ने 121 फर्स्ट-क्लास मैचों में 41 के औसत से 7081 रन बनाए. इसमें उन्होंने 17 शतक और 30 अर्धशतक जमाए हैं. साल 2019 के जुलाई महीने में इस पूर्व कप्तान ने क्रिकेट जगत से संन्यास का ऐलान कर दिया था.
लेकिन वेणुगोपाल ने एक ऐसी पारी खेली जिसकी वजह से उन्हें एक शानदार क्रिकेटर माना गया. और इसी पारी की वजह से उन्हें टीम इंडिया में जगह मिली.
साल 2004 में दलीप ट्रॉफी खेली जा रही थी. उस दौर में दलीप ट्रॉफी में एक एक्सपेरिमेंट किया जाता था. यानी दलीप ट्रॉफी में साउथ, ईस्ट, नॉर्थ, वेस्ट और सेंन्ट्रल ज़ोन के अलावा विदेश से भी एक टीम को बुलाया जाता था. साल 2004 से 2008 तक इंग्लैंड, श्रीलंका, ज़िम्बाबवे से टीमें यहां खेलने आती थीं.
उस दिन गुड़गांव के टेरी ओवल में क्या हुआ: गुड़गांव (अब गुरुग्राम) का टेरी ओवल क्रिकेट मैदान. यहां साउथ ज़ोन और इंग्लैंड ए के बीच चार दिवसीय फर्स्ट-क्लास मैच हुआ. साउथ ज़ोन के कप्तान थे सदगोपन रमेश. वही रमेश जो 1999 में भारत के लिए ओपनिंग करते थे. इंग्लैंड ए के कप्तान थे. जेम्स ट्रेडवेल. इंग्लैंड की टीम में थे केविन पीटरसन, मैट प्रायर, साइमन जोन्स और साजिद महमूद.
साउथ ज़ोन ने टॉस जीतकर इंग्लैंड ए को पहले खेलने के लिए बुलाया. इंग्लैंड ए ने पहली पारी में केविन पीटरसन के शतक की मदद से 377 रन बना दिए. इसके बाद साउथ ज़ोन खेलने उतरा. पूरी टीम जेम्स ट्रेडवेल की गेंदों पर धराशायी हो गई और महज़ 177 रनों पर ढेर हो गई.
अब पहली पारी के आधार पर इंग्लैंड को कुल 203 रनों की बढ़त मिल गई. दूसरी पारी में एक बार फिर से केविन पीटरसन ने भारतीय खिलाड़ियों को खूब परेशान किया. उन्होंने दूसरी पारी में भी शतक जड़ा और इसी की मदद से इंग्लैंड ए ने साउथ ज़ोन के सामने 501 रनों का लक्ष्य रख दिया. इंग्लैंड ए को जीत पक्की लगने लगी थी.
खेल खत्म होने में डेढ़ दिन बाकी था. लेकिन डेढ़ दिन तक इंग्लैंड ए की घातक गेंदबाज़ी खेलना इतना भी आसान नहीं था. वो भी ऐसे में जब पहली पारी में साउथ ज़ोन की बल्लेबाज़ी बुरी तरह ढेर हो गई थी. दर्शक भी मान चुके थे कि साउथ ज़ोन हार चुकी है. दूसरी पारी के पहले दो ओवर्स में भारतीय ओपनर्स फ्रांसिस और महमूद की गेंद पर आउट होकर लौट गए .
अब साउथ ज़ोन और हार के बीच बहुत कम फासला बचा था. क्रीज़ पर थे श्रीधरन श्रीराम और वेणुगोपाल राव. वही श्रीधरन श्रीराम जो अब ऑस्ट्रेलिया को स्पिन के गुर सिखा रहे हैं. और अगले साल IPL में विराट कोहली के खेमे में होंगे.
इन दोनों बल्लेबाज़ों ने क्रीज़ पर ऐसा खूंटा गाड़ा कि फिर तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक इन दोनों को कोई भी इंग्लिश गेंदबाज़ आउट नहीं कर पाया. 501 रनों का पीछा करते हुए टीम ने 2 विकेट खोकर 171 रन बना लिए.
तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद यही लग रहा था कि अब भी इंग्लैंड ए इस मैच में कहीं आगे है. क्योंकि चौथे दिन साउथ ज़ोन को 330 रनों की दरकार था. जबकि उसके पास 8 विकेट बाकी थे.
लेकिन चौथे दिन वेणुगोपाल राव ने मैदान पर वो किया जो इंग्लैंड के दिग्गज खिलाड़ी कभी भी याद करना नहीं चाहेंगे. वेणुगोपाल राव मैदान पर जमे हुए थे. श्रीधरन श्रीराम के साथ मिलकर उन्होंने चौथे दिन भी अच्छी शुरुआत की. टीम का स्कोर 200 रनों के पार पहुंचाा. दोनों आखिरी दिन भी 12 ओवर तक बल्लेबाज़ी कर चुके थे. इस दौरान दोनों ने अपने-अपने शतक पूरे कर लिए थे. लेकिन श्रीधरन श्रीराम, महमूद की गेंद पर प्रायर के हाथों कैच आउट हो गए.

इंग्लैंड के बल्लेबाज़ केविन पीटरसन मैदान पर बैठे हुए. फोटो: Getty
अब इंग्लैंड को लगने लगा कि फिर से मैच में वापसी हो सकती है. लेकिन वेणुगोपाल अब भी क्रीज़ पर थे. उन्होंने श्रीधरन शरत के साथ पारी को बनाए रखा और साउथ ज़ोन 291 के स्कोर पर पहुंच गया. लेकिन श्रीधरन शरत भी 28 के स्कोर पर आउट हो गए.
वेणुगोपाल ने इसके बाद पीछे पलट कर नहीं देखा. और आखिर में सुब्रमण्यम बद्रीनाथन के साथ मिलकर टीम को जीत दिला दी. उन्होंने अपने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर 228 रन भी इसी मैच में बनाया. वेणुगोपाल चौथे दिन भी आखिर तक क्रीज़ पर जमे रहे और टीम को जिताकर ही दम लिया.
तीसरे दिन 41 ओवर और फिर चौथे दिन 121 ओवर तक उन्होंने बल्लेबाज़ी की और टीम को जीत दिलाई. उन्होंने इस मैच की आखिरी पारी में कुल 457 मिनट बल्लेबाज़ी की. जो कि ईडन गार्डन्स में द्रविड़ की 446 मिनटों की पारी से बड़ी थी. इस पारी में उन्होंने 394 गेंदों का सामना किया और 32 चौके भी लगाए. 228 रनों की वेणुगोपाल की वो पारी आज भी याद की जाती है.
वेणुगोपाल की ये पारी इतनी शानदार थी कि कहा जाता है कि इस मैच के बाद इंग्लैंड के क्रिकेटर्स ने वेणुगोपाल के पास जाकर उन्हें बधाई दी थी.
इसके अलावा वेणुगोपाल राव 1999/2000 में अंडर 19 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे. उस टीम में उनके साथ मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी भी शामिल थे.
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