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कहानी फुटबॉल मैदान में घुटना तोड़ने के बाद RCB को जिताने वाले रजत पाटीदार की!

इसी साल की 12-13 फरवरी को बेंगलुरु में IPL 2022 के लिए ऑक्शन टेबल लगी. कई खिलाड़ी खरीदे और बेचे गए. कई खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्हें किसी ने नहीं खरीदा. जो खिलाड़ी उस दिन नहीं खरीदे गए, उनमें से ज्यादातर आज कहां हैं और क्या कर रहे हैं. इसकी खैर-ख़बर बहुत नहीं है. लेकिन उस टेबल से बिना बोली लगे लौटा एक खिलाड़ी IPL के इतिहास में अपना नाम अमर कर गया है.

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रजत पाटीदार. फोटो: PTI

इसी साल 12-13 फरवरी को बेंगलुरु में IPL 2022 के लिए ऑक्शन टेबल लगी. कई खिलाड़ी खरीदे और बेचे गए. कई खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्हें किसी ने नहीं खरीदा. जो खिलाड़ी उस दिन नहीं खरीदे गए, उनमें से ज्यादातर आज कहां हैं और क्या कर रहे हैं. इसकी खैर-ख़बर बहुत नहीं है. लेकिन उस टेबल से बिना बोली लगे लौटा एक खिलाड़ी IPL के इतिहास में अपना नाम अमर कर गया है.

बात हो रही है RCB के IPL2022 कैम्पेन के स्टार रजत पाटीदार की. वो पाटीदार, जिन्हें बीते अप्रैल में RCB ने लवनीत सिसोदिया के रिप्लेसमेंट के रूप में 20 लाख रुपये में अपने कैम्प में शामिल किया था. बुधवार, 25 मई को हुए IPL 2022 के एलिमिनेटर मुकाबले में रजत पाटीदार ने 54 गेंदों पर 112 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली. उनकी इस पारी की बदौलत ही RCB ने बोर्ड पर 207 रन लगाए और बाद में लखनऊ की टीम इस टार्गेट को चेज़ करने से 14 रन्स से पीछे रह गई.

# Rajat Patidar Story

इंदौर को वैसे भी क्रिकेट की ज़मीन कहा जाता है. यहां से भारत को बहुत सारे क्रिकेटर्स मिले. लेकिन रजत पाटीदार ना मिलते, अगर वो अपने परिवार के बिज़नेस को संभालने में लग जाते. बचपन में ही रजत का खेल देख दादाजी ने उन्हें अकैडमी भेजने का फैसला ले लिया. रजत को मज़ा आने लगा और परिवार ने भी उन्हें सपोर्ट करने में कोई कमी नहीं छोड़ी. लेकिन क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने से पहले रजत की लाइफ बहुत सारे टर्निंग पॉइंट्स से गुज़री.

पहले फास्ट बोलर बनने का ख्वाब, फिर स्पिन गेंदबाज़ी की तरफ रुख और आखिरकार एक बल्लेबाज़ बनकर कामयाबी की राह पकड़ी. शुरुआत से तेज़ गेंदबाज़ बनने का ख्वाब पाले चल रहे रजत को 18 साल की उम्र तक एज ग्रुप क्रिकेट में मौका नहीं मिला. इस दौरान उन्होंने तय कर लिया कि वो किसी और तरह से अब अपनी पहचान बनाएंगे.

इसके बाद वो एक ऑफ-स्पिनर बनने की तरफ बढ़ चले. उन्हें लगता भी था कि शायद एक स्पिनर के तौर पर ही वो टीम में पहुंचेंगे. लेकिन इसके बाद फुटबॉल मैदान की एक चोट उनके लिए वरदान बनकर आ गई. रजत को बचपन से फुटबॉल काफी पसंद था. जिसकी वजह से साल 2014 में उन्हें दाएं घुटने में चोट लगी. इस चोट के बाद उनकी सर्जरी हुई और वो खेल से लगभग आठ महीने तक दूर रहे.

इस बीच पाटीदार के घरवालों ने उन पर दबाव बनाया कि वो अब अपनी डिग्री पूरी करें. और परिवार के जमे-जमाए बिज़नेस में अपना हाथ साफ करें. लेकिन उन्होंने चेतेश्वर पुजारा से प्रेरणा ली. जिनके दोनों घुटनों की सर्जरी हुई और उन्होंने इसके बाद भी वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी बड़ी पहचान बनाई. उन्होंने यही बात अपने परिवार को भी समझाई कि जब पुजारा दोनों घुटनों में सर्जरी के बाद ऐसी वापसी कर सकते हैं. तो वो क्यों नहीं.

बस इसके बाद उनका क्रिकेटिंग करियर एक नई दिशा लेने लगा. कुछ उनकी लगन और कुछ पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ अमय खुरासिया का सपोर्ट. जिन्होंने उनके साथ काम किया और वो एक बेहतर बल्लेबाज़ बनकर अपनी पहचान बनाने निकल पड़े. सर्जरी होने के 18 महीने बाद पाटीदार ने मध्य प्रदेश टीम के लिए बतौर टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ अपना रणजी डेब्यू कर दिखाया. बड़ौदा के खिलाफ उस मैच की पहली पारी में पाटीदार ने 60 और दूसरी पारी में शानदार शतक लगा दिया.

इसके बाद पाटीदार ने डॉमेस्टिक क्रिकेट में पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्हें मध्यप्रदेश की टीम में जगह मिली और वो लगातार डॉमेस्टिक में अच्छा प्रदर्शन करते रहे. पांच साल तक अपनी स्टेट टीम के लिए बेहतरीन क्रिकेट खेलने के बाद उन्हें IPL ट्रायल्स के लिए बुलाया गया. सबसे पहले इस खिलाड़ी को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2020-21 के बाद KKR ने मुंबई में अपने कैम्प में बुलाया. उस साल SMAT में इस बल्लेबाज़ ने 153.47 की स्ट्राइक रेट से 221 रन बनाए थे. लेकिन ट्रायल्स के बाद उन्हें KKR की जगह RCB की टीम ने बेस प्राइज़ पर खरीद लिया.

पिछले सीज़न पाटीदार को विराट कोहली ने चार मुकाबले खिलाए. जिसमें उन्होंने 31 के हाईएस्ट स्कोर के साथ कुल 71 रन्स बनाए. लेकिन साल 2022 की कहानी बिल्कुल अलग है. 2022 के सात मुकाबलों में पाटीदार ने 156.25 की बेहतरीन स्ट्राइक रेट से 275 रन्स बना लिए हैं. इस सीज़न उन्होंने एक शतक के साथ एक अर्धशतक भी बनाया है.

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