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क्रिकेटर वॉशिंगटन सुंदर के नाम के पीछे की असली कहानी ये है

उनके पापा ने बताया एक और बेटा होता तो उसका क्या नाम रखते.

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टीम इंडिया के साथ प्रैक्टिस करते वॉशिंगटन सुंदर
वॉशिंगटन सुंदर. 20 साल के ऑफस्पिनर. दिसंबर, 2017 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले प्लेयर. साल 2016 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत के लिए खेल चुके हैं. बड़े लेवल पर पहली बार साल 2017 में चर्चा में आए. चोटिल रविचंद्रन अश्विन की जगह राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स के लिए खेले. सुंदर ने 10 मैचों में 6.61 की इकॉनमी से 8 विकेट्स लिए. सुंदर का नाम कई लोगों को आश्चर्यजनक लगता है. द हिंदू ने इस बारे में उनके पिता से बात की. द हिंदू से बात करते हुए सुंदर ने कहा,
'मैं एक हिंदू हूं और बेहद साधारण परिवार से आता हूं. त्रिपलीकेन के मेरे घर के करीब पीडी वॉशिंगटन नाम के एक पूर्व सैनिक रहते थे. वह क्रिकेट के बहुत शौकीन थे और मरीना ग्राउंड पर हमें खेलते देखने के लिए अक्सर ही आते थे. उन्हें मेरा खेल काफी पसंद था. हम गरीब थे और वह मुझे यूनिफॉर्म दिलाते थे, मेरी स्कूल फीस देते थे, मुझे किताबें लाकर देते थे और साथ ही अपनी साइकल पर ग्राउंड लेकर भी जाते थे.'
मिस्टर वॉशिंगटन की मौत के कुछ ही महीने बाद सुंदर के पहले बेटे का जन्म हुआ. इस बारे में उन्होंने कहा,
'मेरी बीवी को डिलिवरी में काफी दिक्कत हुई. लेकिन बच्चा बच गया. हिंदू रीति-रिवाज के तहत मैंने उसके कान में भगवान 'श्रीनिवासन' का नाम फुसफुसाया. लेकिन मैंने मेरे लिए इतना कुछ करने वाले व्यक्ति की याद में उसका नाम वॉशिंगटन रखना तय किया. अगर मेरा दूसरा बेटा होता तो मैं उसे वॉशिंगटन जूनियर बुलाता.'
गौरतलब है कि सुंदर खुद भी क्रिकेटर रह चुके हैं और वह रणजी ट्रॉफी के संभावितों में भी शामिल रह चुके हैं. सुंदर के मुताबिक, उनके सेलेक्शन पर मिस्टर वॉशिंगटन को काफी खुशी हुई थी.
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