'मैं एक हिंदू हूं और बेहद साधारण परिवार से आता हूं. त्रिपलीकेन के मेरे घर के करीब पीडी वॉशिंगटन नाम के एक पूर्व सैनिक रहते थे. वह क्रिकेट के बहुत शौकीन थे और मरीना ग्राउंड पर हमें खेलते देखने के लिए अक्सर ही आते थे. उन्हें मेरा खेल काफी पसंद था. हम गरीब थे और वह मुझे यूनिफॉर्म दिलाते थे, मेरी स्कूल फीस देते थे, मुझे किताबें लाकर देते थे और साथ ही अपनी साइकल पर ग्राउंड लेकर भी जाते थे.'मिस्टर वॉशिंगटन की मौत के कुछ ही महीने बाद सुंदर के पहले बेटे का जन्म हुआ. इस बारे में उन्होंने कहा,
'मेरी बीवी को डिलिवरी में काफी दिक्कत हुई. लेकिन बच्चा बच गया. हिंदू रीति-रिवाज के तहत मैंने उसके कान में भगवान 'श्रीनिवासन' का नाम फुसफुसाया. लेकिन मैंने मेरे लिए इतना कुछ करने वाले व्यक्ति की याद में उसका नाम वॉशिंगटन रखना तय किया. अगर मेरा दूसरा बेटा होता तो मैं उसे वॉशिंगटन जूनियर बुलाता.'गौरतलब है कि सुंदर खुद भी क्रिकेटर रह चुके हैं और वह रणजी ट्रॉफी के संभावितों में भी शामिल रह चुके हैं. सुंदर के मुताबिक, उनके सेलेक्शन पर मिस्टर वॉशिंगटन को काफी खुशी हुई थी.
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