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664 का ऐवरेज़, रिकॉर्डतोड़ बैटिंग... अब पूरी होगी करुण नायर की इच्छा?

करुण नायर टीम इंडिया में वापसी करने वाले हैं. ऐसा रिपोर्ट्स का दावा है. विजय हजारे ट्रॉफ़ी में करुण की बैटिंग ने भारतीय सेलेक्टर्स को काफी प्रभावित किया है. इस बरस विजय हजारे ट्रॉफ़ी में करुण 664 की ऐवरेज़ से रन जोड़ रहे हैं.

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करुण नायर कर सकते हैं टीम इंडिया में वापसी (स्क्रीनग्रैब, जियो सिनेमा)

साल 2022 का दिसंबर महीना. भारतीय क्रिकेट के एक बड़े रहस्य का हिस्सा रहे एक क्रिकेटर ने ट्वीट किया. इस ट्वीट में क्या था, बताएंगे. लेकिन पहले अभी की कहानी जान लीजिए. ये क्रिकेटर इस बरस भारत के घरेलू 50 ओवर्स टूर्नामेंट में 664 के ऐवरेज़ से रन बना रहा है. और रिपोर्ट्स कह रही हैं कि 33 साल का ये बंदा टीम इंडिया में वापसी भी कर सकता है.

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नाम तो अभी तक आपने गेस कर ही लिया होगा. और एकदम सही किया है. करुण नायर. विदर्भ के लिए खेल रहे करुण इस बार विजय हजारे ट्रॉफ़ी में छह बार बैटिंग करने उतरे हैं. और इन छह में से पांच बार उन्हें कोई भी आउट नहीं कर पाया है. करुण अभी तक इस सीज़न 120 की स्ट्राइक रेट से 664 रन बना चुके हैं. इसमें पांच शतक शामिल हैं. विजय हजारे ट्रॉफ़ी के इतिहास में किसी भी बैटर ने एक सीज़न में इससे ज्यादा शतक नहीं लगाए हैं.

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करुण की बैटिंग के दम पर विदर्भ की टीम सेमी-फ़ाइनल तक आ चुकी है. यानी करुण के पास कम से कम एक मैच और है. इसमें सेंचुरी मार वह विजय हजारे ट्रॉफ़ी के एक सीज़न में पांच से ज्यादा शतक मारने वाले पहले बल्लेबाज बन सकते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की मानें तो करुण का ये प्रदर्शन, उनकी एक पुरानी इच्छा पूरी करने के लिए ऑलमोस्ट काफ़ी हो चुका है. दरअसल करुण ने दिसंबर 2022 में ट्वीट किया था,

'प्रिय क्रिकेट, मुझे एक और मौका दे दो.'

उस वक्त करुण का डोमेस्टिक करियर भी खत्म होने के खतरे से जूझ रहा था. कभी कर्नाटक के कप्तान रहे करुण अब उस टीम से धकियाए जा रहे थे. और तभी उन्होंने ये ट्वीट किया. हालांकि, सिर्फ़ ट्वीट से चीजें नहीं बदलीं. इन्हें बदलने के लिए करुण ने खूब मेहनत की. करुण ने बेंगलुरु की जस्ट क्रिकेट अकैडमी में छह-सात महीने तक सिर्फ़ प्रैक्टिस की. इस बारे में उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बताया,

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'छह-सात महीने तक, जब मैंने कोई क्रिकेट नहीं खेली. मैं हर दिन तीन घंटे की यात्रा कर सिर्फ़ नेट प्रैक्टिस के लिए जाता था. मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था. किसी भी फ़ॉर्मेट के लिए मेरे नाम पर विचार भी नहीं होता था और उस वक्त मैं बहुत भावुक था. मुझे आगे बढ़कर खुद पर मेहनत करनी थी.

हालांकि, ये आसान नहीं था. मुझे कुछ वक्त की जरूरत थी. वक्त बीता. फिर मैंने अपनी स्किल्स और माइंडसेट पर काम शुरू किया. मैं बस खुद को किसी मौके के लिए तैयार कर रहा था. मेरी कोशिश थी कि जब मुझे अगला मौका मिले, तो फिर कोई मुझे ड्रॉप ना कर पाए.'

हालांकि ये आसान नहीं था. क्योंकि करुण के पास कोई टीम ही नहीं थी. फिर सीन में आए पूर्व भारतीय क्रिकेटर अबे कुरुविला. करुण ने कुरुविला से मदद मांगी. फिर काम बना, वह विदर्भ आए. यहां टीम में जगह बनाई, कप्तानी हासिल की. और फिर शुरू की बोलर्स की कुटाई. काउंटी में प्रभावित करने के बाद करुण ने 2023-24 रणजी सीज़न में 690 रन मारे. लेकिन असली मजा आया विजय हजारे ट्रॉफ़ी में. यहां करुण को आउट करना बोलर्स का सरदर्द बना हुआ है.

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