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'होमगार्ड की बेटी' जैस्मिन लेंबोरिया ने बॉक्सिंग में जीता गोल्ड मेडल, दादा भी बड़े मुक्केबाज थे

हरियाणा की रहने वालीं Jaismine Lamboria ने पूरी दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाया है. उन्होंने World Boxing Champioship 2025 में 57 किलोग्राम कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीत कर कमाल कर दिया है.

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जैस्मिन लेंबोरिया ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपना पहला गोल्ड मेडल जीत लिया है. (तस्वीर: PTI/Boxing Federation)

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025 में भारत की जैस्मिन लेंबोरिया (Jaismine Lamboria) ने इतिहास रच दिया. 24 साल की जैस्मिन ने 57 किलोग्राम कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता है. इंग्लैंड के लिवरपूल में हुए फाइनल मुकाबले में उन्होंने पोलैंड की जूलिया सेरेमेटा को हराया. इस साल के चैंपियनशिप में भारत का ये पहला गोल्ड मेडल है.

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खेल में जैस्मिन ने धीमी शुरुआत की और तीन मिनट के राउंड के बाद पीछे चल रही थीं. उनकी प्रतिद्वंदी जूलिया पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीत चुकी हैं. शुरुआत में उन्होंने जैस्मिन पर बढ़त बनाए रखी लेकिन दूसरे प्रयास में जैस्मिन ने अपने ‘लॉन्ग रेंज स्टाइल’ का इस्तेमाल किया और बाजी पलट दी. बीच-बीच में उन्होंने बेहतरीन जैब लगाए और अंक बटोरे. हालांकि, मैच में जूलिया भी सक्रिय दिखीं, लेकिन जजों ने भारतीय खिलाड़ी जैस्मिन के पक्ष में वोट दिया. जैस्मिन को 4-1 के फैसले से विजेता घोषित किया गया. 

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कौन हैं जैस्मिन लेंबोरिया?

30 अगस्त 2001 को हरियाणा में जन्मी जैस्मिन को अपने चाचा से मुक्केबाजी में आने की प्रेरणा मिली. उनके दो चाचा संदीप सिंह और परविंदर सिंह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुके हैं. ओलंपिक डॉट कॉम के मुताबिक, जैस्मिन के परिवार में कई मुक्केबाज हुए हैं. उनके परदादा हवा सिंह भी मुक्केबाज थे. उन्होंने 1960 और 70 के दशक में भारतीय हैवीवेट मुक्केबाजी में अपना दबदबा बनाया और 1966 तथा 1970 के एशियाई खेलों में लगातार स्वर्ण पदक जीते.

अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हवा सिंह प्रसिद्ध ‘भिवानी बॉक्सिंग क्लब’ के सह-संस्थापकों में से एक थे. इस क्लब ने ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह सहित भारत के कुछ सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों को पहचान दिलाई. 

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पिता होमगार्ड और मां गृहिणी

जैस्मिन के पिता होमगार्ड के रूप में काम करते थे और मां गृहिणी थीं, इसलिए प्रशिक्षण के शुरुआती दिनों में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. हालांकि, मुक्केबाजी में आगे बढ़ने के लिए उनके चाचा ने उनकी खूब मदद की. उन्होंने जैस्मिन को प्रशिक्षित किया. जैस्मिन ने पढ़ाई और प्रशिक्षण के बीच संतुलन बनाए रखा.

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025 में जैस्मिन की रिश्तेदार, नूपुर श्योराण ने 81 किलोग्राम कैटेगरी में रजत पदक जीता है. नूपुर को फाइनल में पोलैंड की ही अगाता काज्मार्स्का के खिलाफ 3-2 के फैसले से हार का सामना करना पड़ा.

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