2003 में वनडे वर्ल्ड कप (2003 ODI World Cup) का फाइनल खेलने वाली टीम इंडिया (Team India), 2007 वर्ल्ड कप (2007 ODI World Cup) के पहले दौर में बाहर हो गई. खूब हल्ला-हंगामा हुआ और फिर फैन्स ने ये कन्क्लूजन निकाला कि तब टीम इंडिया के कोच रहे ग्रेग चैपल (Greg Chappell) ने टीम में ऐसे प्रयोग किए हैं कि टीम का ही बेड़ा गर्क हो गया. कई सीनियर प्लेयर्स का भी यही मानना था. हालांकि, टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान (Irfan Pathan) के अनुसार, ग्रेग चैपल एक शानदार कोच थे. लेकिन, वो काफी स्ट्रिक्ट थे इसलिए टीम में उन्हें पसंद नहीं किया जाता था. साथ ही इरफान ने एक घटना का भी जिक्र किया जब वो सीधे चैपल के पास पहुंच गए थे, और उन्हें कह दिया था कि उनका तरीका सही नहीं है.
'अगर हमने परफॉर्म नहीं किया...', बिना किसी डर के जब ग्रेग चैपल से भिड़ गए थे इरफान पठान
2005 से 2007 तक Team India के कोच रहे Greg Chappell का कार्यकाल काफी विवादित रहा था. अब इसे लेकर Irfan Pathan ने लल्लनटॉप के 'गेस्ट इन द न्यूजरूम' शो में कई खुलासे किए हैं, जिनके बारे में अब तक कहीं बातचीत भी नहीं हुई थी.

इरफान पठान ने लल्लनटॉप के 'गेस्ट इन द न्यूजरूम' शो में कोच ग्रेग चैपल के कार्यकाल को लेकर विस्तार से बातें कीं. उन्होंने बताया,
ग्रेग चैपल जब आए थे उनका इंटेंशन कभी खराब नहीं था. उनका इंटेंशन ये था कि सभी लोग एक तरह की मेहनत करें. लेकिन, उनका तरीका काफी एग्रेसिव था. उनका कहना था कि मैं उतनी ही रिस्पैकट दूंगा सीनियर खिलाड़ी को, जितनी मैं जूनियर खिलाड़ी को दूंगा. कई बार इस चक्कर में बहुत ज़्यादा एग्रेसिव हो गए थे.
उदाहरण के रूप में इरफान ने बताया,
ग्रेग हमेशा अपना हाथ दिखाकर बातें करते थे. अगर आप परफॉर्म नहीं करोगे तो आपको टीम से ड्रॉप कर दिया जाएगा. मुझे जब इसका अहसास हुआ कि वो जो कर रहे हैं वो थोड़ा ज़्यादा एग्रेसिव है. मैंने उनसे कहा कि मुझे आपसे बात करनी है. उनके साथ इयान फ्रेजर थे. मैंने कहा कि मुझे अकेले में बात करनी है. इस पर उन्होंने इयान को भेज दिया.
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इरफान ने आगे कहा,
मैंने उनसे कहा कि ये जो आप बोलते रहते हैं कि अगर हमने परफॉर्म नहीं किया तो हम ड्रॉप कर दिए जाएंगे ये हमें पता है. आप मत बताइए. लेकिन, इससे टीम में एक इनसिक्योरिटी फैल रही है. ये आप मत करिए. थोड़ी देर उन्होंने मुझे देखा. थोड़े नाराज़ हो गए, उन्होंने मुझे इंग्लिश में काफी कुछ सुनाया. लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि मैं जो बोल रहा था, वो सही है.
इरफान का कहना था कि कोच के रूप में कोई कहीं भी जाता है, और अगर वो वहां का कल्चर फॉलो नहीं करता, तो टीम उसे एक्सेप्ट नहीं करेगी. इरफान का मानना है कि ग्रेग के साथ यही समस्या थी. उन्होंने आगे कहा,
सीनियर्स से विवाद पर क्या बताया?ग्रेग का इंटेंशन गलत नहीं था, लेकिन वो प्रोपर ऑस्ट्रेलियन कल्चर लाना चाहते थे. एकदम हार्ड क्रिकेट खेलना है. फर्क नहीं पड़ता कि कौन है? क्या है? जो बहुत हद तक सही भी है. लेकिन, अपना तरीका बेहतर कर सकते हो. अगर आप कल्चर एक्सेप्ट नहीं करते तो आप टीम का हिस्सा बन ही नहीं सकते हो. अगर ये एक चीज़ वो मिस नहीं करते, तो शायद वो टीम इंडिया के बेस्ट कोच में से एक होते.
वहीं, सीनियर प्लेयर्स और चैपल के बीच विवाद को लेकर भी इरफान ने बातें कीं. उन्होंने बताया,
सामने तो कभी हीटेड बातचीत नहीं हुई, लेकिन पता चलता था कि कुछ बातें चल रही हैं. जैसे-ग्रेग चैपल और राहुल द्रविड़, ग्रेग और सौरव गांगुली. क्योंकि इसके बाद टीम इंडिया की लीडरशिप में बड़ा बदलाव हुआ. काफी यंग लड़के टीम में आए. सुरेश रैना को बैक किया गया. धोनी को पुश किया गया काफी ज़्यादा. ये सही भी है. फिटनेस को बहुत ज़्यादा तरजीह दी गई. अलग-अलग फील्डिंग प्रैक्टिसेज शुरू किए गए.
ग्रेग चैपल के कार्यकाल में कप्तान सौरव गांगुली को एक रफ पैच के बाद कप्तानी छोड़नी पड़ी थी. ये वही दौर था जब टीम इंडिया में काफी बदलाव हुए. कई यंग प्लेयर्स टीम इंडिया का हिस्सा बने, जो बाद में 2011 वर्ल्ड कप विनिंग टीम का भी हिस्सा रहे. हालांकि, इरफान पठान चोट के कारण 2010 में टीम से बाहर हो गए थे. उन्हें टीम में वापसी करने में दो साल लग गए. इस कारण वह 2011 वनडे वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा नहीं बन सके थे.
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