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156 की स्पीड से गेंद फेंकने वाले मंयक की कहानी, जिसने IPL में हल्ला काट दिया है

IPL 2024 में Mayank Yadav अपनी रफ्तार से कहर ढा रहे हैं. उनके क्रिकेटर बनने में पिता प्रभु यादव के साथ-साथ सोनेट क्रिकेट के कोच का बड़ा योगदान रहा है. जानिए मयंक यादव के क्रिकेटर बनने की पूरी कहानी.

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पिता प्रभु यादव के सपनों को पूरा कर रहे मयंक यादव (PTI)

तारीख 30 मार्च, 2024. IPL 2024 में लखनऊ सुपर जाएंट्स (Lucknow Super Giants) और पंजाब किंग्स (Punjab Kings) के बीच मैच खेला जा रहा था. 200 रन का टारगेट चेज कर रही पंजाब की टीम 11 ओवर के बाद काफी आराम से टारगेट की तरफ बढ़ती हुई दिख रही थी. तभी पारी का 12वां और अपने कोटे का दूसरा ओवर लेकर आया 21 साल का 6 फुटिया फास्ट बॉलर. जो इस मैच में IPL डेब्यू कर रहा था. स्ट्राइक पर थे शिखर धवन (Shikhar Dhawan). बॉलर ने ओवर की पहली गेंद गुड लेंथ पर डाली, जिसे धवन ने बैकफुट पर जाकर कट करना चाहा. लेकिन उनका बल्ला जब तक बॉल तक पहुंचता, गेंद विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक (Quinton de kock) के दस्ताने में जा चुकी थी.

मयंक यादव (Mayank Yadav) की ये गेंद तब तक नॉर्मल लग रही थी, जब तक स्पीडोमीटर पर सबकी निगाहें नहीं गई. स्पीड देख कॉमेंटेटर्स से लेकर मैच देख रहे फैन्स, हर कोई हैरान रह गए. 155.8 KPH. अपने स्पेल में उन्होंने एक-दो नहीं, बल्कि नौ बार 150 की स्पीड को क्रॉस किया. इस एक गेंद के बाद से मयंक यादव क्रिकेट जगत में हॉट टॉपिक बने हुए हैं. लेकिन ये मयंक यादव हैं कौन? और वो यहां तक पहुंचे कैसे? आइये जानते हैं.

कौन हैं मयंक यादव?

शुरू से शुरू करते हैं. मयंक का जन्म 17 जुलाई 2002 को दिल्ली के मोतीनगर इलाके में हुआ. दाएं हाथ से बुलेट की रफ्तार से गेंद डालने के साथ-साथ लोअर ऑर्डर में ठीक-ठाक बैटिंग भी कर लेते हैं. मयंक की स्कूलिंग पंजाबी बाग स्थित S M Arya स्कूल से हुई है. पढ़ाई में ठीक-ठाक थे, लेकिन पेस बॉलिंग से लगाव तनिक ज्यादा था. और इसके पीछे की वजह काफी हद तक उनके पिता प्रभु यादव रहे हैं. जो कि ऑटोमोबाइल्स का बिजनेस करने के साथ-साथ क्रिकेट के जबरा वाले फैन हैं…

उन्होंने महज 5 साल की उम्र में मयंक को बल्ला और गेंद थमा दिया और वहीं से शुरुआत हुई मयंक के एक खौफनाक पेसर बनने का. मयंक के पिता ने 'दी लल्लनटॉप' से कहा,

“मुझे क्रिकेट से काफी लगाव था. मैं रात-रात भर जागकर मैच देखा करता था. कपिल देव, कर्टनी एम्ब्रोस, कर्टनी वॉल्श की बॉलिंग मुझे काफी पसंद थी. बाद में ग्लेन मैक्ग्रा और शॉन पोलॉक की बॉलिंग का भी मैं फैन था. और मैंने उन्हें देखकर सोचा कि मयंक को इससे भी बड़ा बॉलर बनाऊंगा.”

पिता प्रभु यादव के साथ मयंक यादव 

हर बच्चे की तरह मयंक के करियर की शुरुआत भी घर के बगल वाले पार्क से हुई. पापा के साथ संडे क्रिकेट से. 7 साल की उम्र में रोहतक रोड स्थित जिमखाना क्रिकेट क्लब में दाखिला कराया गया. मयंक ने अगले 5-6 साल तक क्रिकेट की ABCD सीखी. फिर मयंक के पिता ने उन्हें दिल्ली की मशहूर सोनेट क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिला दिया. वहीं अकादमी जहां से शिखर धवन, ऋषभ पंत और आशीष नेहरा जैसे कई बेहतरीन क्रिकेटर निकले हैं. 

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जहां कोच देवेंद्र सिंह और तब के कोच रहे दिवंगत तारक सिन्हा ने मयंक के टैलेंट को पहचानने में तनिक भी देरी नहीं लगाई. वो मयंक की स्पीड और लाइनलेंथ से काफी प्रभावित हुए. मयंक के टैलेंट को निखारने में तारक सिन्हा का खासा योगदान रहा. उनके बारे में प्रभु यादव बताते हैं,

“उस्ताद जी (दिवंगत तारक सिन्हा) हमारे लिए भगवान से कम नहीं हैं. मयंक के लिए वो ही सब कुछ हैं. उन्होंने पहली नजर में ही मयंक की प्रतिभा को पहचान लिया था. सोनेट में ट्रायल के कुछ दिन बाद ही मयंक उनकी तरफ से पहला मैच खेलने गया. इस मैच में मयंक को तीन विकेट मिले. और इससे तारक सर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मयंक को एक तरह से गोद ले लिया. एक मैच में मयंक की बॉलिंग से प्रभावित होकर तारक सर ने एक बार जूते खरीदने के लिए मयंक को 5,000 रुपये दिए थे.”

अपने परिवार के साथ मयंक यादव

मयंक की प्रतिभा को निखारने और उसे आगे बढ़ाने में पूर्व रणजी क्रिकेटर और सोनेट क्रिकेट क्लब के कोच देवेंद्र शर्मा का भी बड़ा योगदान रहा. उनके बारे में मयंक के पापा ने 'दी लल्लनटॉप' से बात करते हुए कहा,

“तारक सर के साथ-साथ देवेंद्र सर ने भी मयंक और हमारी काफी मदद की है. एक बार कैंप में देने के लिए पैसे नहीं थे. इसकी फी लगभग 60-65,000 के करीब थी. मैंने जब देवेंद्र सर को इस बारे में बताया कि थोड़ी पैसे की तंगी है, कुछ पैसे अभी दे देता हूं और बाकी के बाद में दे दूंगा. लेकिन उन्होंने पैसा लेने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि इस बार की फीस मेरे तरफ से है.”

मयंक के पास ‘गॉड गिफ्टेड’ पेस

मयंक को लेकर एक बात जो उनके पापा और कोच देवेंद्र सिंह बताते हैं कि वो 14-15 साल की उम्र तक काफी दुबले-पतले थे. ऐसे में फिर इतनी तेज गेंद वो कैसे डालते हैं? इस बारे में सोनेट क्रिकेट क्लब के कोच देवेंद्र शर्मा बताते हैं,

“मयंक करीब 7 साल पहले अपने पापा के साथ अकादमी में आए थे. वो देखने में काफी कमजोर से लग रहे थे. लेकिन जब ट्रायल में उन्होंने बॉल डाली तो उनकी स्पीड से हर कोई हैरान रह गया. इतनी कम उम्र में कोई दुबला-पतला सा बच्चा कैसे इतनी तेज गेंद फेंक सकता है. मेरे हिसाब से मयंक को ये पेस ‘गॉड गिफ्टेड’ है.”

कोच के मुताबिक जब मयंक अकादमी में आए तो उनके पास जूते भी नहीं थे. उन्होंने कहा,

“मयंक जब अकादमी में आए थे तो उनके पास जूते भी नहीं थे. क्लब की तरफ से ही उन्हें जूते दिलाए गए. इसके बाद से ही मयंक हमारी अकादमी का अभिन्न हिस्सा बन गए. साल 2021 के अंत में मयंक को दिल्ली के लिए विजय हजारे ट्रॉफी में डेब्यू का मौका मिला और उन्होंने बेहतरीन बॉलिंग के जरिए दिल्ली को पहले ही मैच में जीत दिला दी.”

सोनेट क्रिकेट अकादमी में साथी प्लेयर्स के साथ मयंक यादव

मयंक की सबसे खास बात उनकी स्पीड और सटीक टप्पे वाली शॉर्ट पिच गेंद रही है. जिसका किसी भी बल्लेबाज के पास कोई जवाब नहीं रहा है. इसको लेकर कोच बताते हैं,

“मयंक शानदार लय के साथ बॉलिंग करते हैं और वो अपने रनअप से काफी स्पीड जेनरेट करते हैं. उनकी स्पीड ‘गॉड गिफ्टेड’ है, लेकिन नेट्स में लगातार बॉलिंग करके उन्होंने अपनी स्पीड को और बेहतर किया है. ये तो अभी एक शुरुआत है, मयंक आने वाले समय में और तेज बॉल डालते हुए नजर आएंगे.”

विजय दहिया हुए थे प्रभावित

ESPNCricinfo से जुड़े दया सागर की रिपोर्ट के मुताबिक विजय हजारे ट्रॉफी 2021-22 के अपने पहले ही सीजन में मयंक ने सबको खासा प्रभावित किया. उत्तर प्रदेश के खिलाफ एक मुकाबले में लखनऊ सुपरजाएंट्स के अस्सिटेंट कोच विजय दहिया उनसे खासे प्रभावित हुए. दहिया उस दौरान उत्तर प्रदेश और लखनऊ सुपर जायंट्स दोनों टीमों के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा थे.

दहिया ने मयंक की बॉलिंग की फुटेज देखे और काफी प्रभावित हुए. जिसके बाद लखनऊ सुपरजाएंट्स ने साल 2022 में उन्हें 20 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ लिया. मयंक को IPL 2022 में खेलने का मौका नहीं मिला. जबकि 2022-23 के घरेलू सीज़न के दौरान उन्हें हैमस्ट्रिंग इंजरी हो गई. इस वजह से वो IPL 2023 से बाहर हो गए. वहीं 2023-24 के दौरान वो साइड स्ट्रेन का शिकार हुए. इस वजह से वो कई मुकाबलों में हिस्सा नहीं ले पाए. मयंक ने 2023-24 के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पंजाब के खिलाफ मैच में 155.1 KPH की रफ्तार से बॉलिंग की थी. 

उनके करियर की बात करें तो मयंक दिल्ली के लिए अब तक एक रणजी, 17 लिस्ट A और 10 T20 मैच खेल चुके हैं. जिसमें उनके नाम कुल 51 विकेट्स हैं. मयंक ने पिछले साल हुए कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी में छह मैचों में 15 विकेट अपने नाम किए थे. जबकि सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में मयंक ने  चार मैचों में पांच विकेट लिए थे. वापस IPL पर लौटें तो मयंक ने पंजाब किंग्स के खिलाफ 24 गेंदों की अपनी स्पैल में नौ गेंदें 150 या उससे अधिक की गति से डाली. मयंक खुद को डेल स्टेन का फैन बताते हैं और उनकी गेंद में प्राइम स्टेन की झलक भी दिखती है. ऐसे में अब फैन्स को उम्मीद है कि आगे आने वाले मुकाबलों में भी हमें मयंक की तरफ ऐसी ही शानदार बॉलिंग देखने को मिलेगी.

वीडियो: मयंक यादव स्पेल डाल बने प्लेयर ऑफ़ द मैच, अपने डेब्यू पर क्या-क्या बता गए?