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जिस खिलाड़ी में किसी को इंट्रेस्ट नहीं था, उसने CSK को धो डाला!

धोनी की कोचिंग पर भी पानी फिर गया.

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Ewin Lewis ने Ayush Badoni के साथ मिलकर LSG को CSK पर जीत दिला दी (BCCI)
एवन लूईस, आयुष बदोनी, क्विंटन डी कॉक और केएल राहुल. जब लक्ष्य 211 का हो, तो जीतने में ऐसे बहुत से नाम लगते हैं. और गुरुवार रात ब्रेबॉर्न क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मैच नंबर सात में ऐसा ही कुछ हुआ. लखनऊ सुपर जाएंट्स ने चेन्नई सुपर किंग्स को छह विकेट से एक चुभने वाली हार दी है. एक पल को लगा था कि ये मैच CSK के पाले में जा रहा है. लेकिन आखिरी दो ओवर्स में लखनऊ के स्टार परफॉर्मर ने मैच को पलट दिया. लखनऊ के लिए वैसे तो शुरुआत से आखिर तक कई खिलाड़ियों ने अच्छा खेल दिखाया. लेकिन स्टार परफॉर्मर एक ऐसा बल्लेबाज़ रहा, जिसे लखनऊ ने महज़ दो करोड़ में खरीदा था. उस बल्लेबाज़ का नाम है एवन लूईस. वेस्टइंडीज़ के इस अटैकिंग बल्लेबाज़ को राजस्थान रॉयल्स ने रिलीज़ किया और लखनऊ ने लपक लिया. और सीज़न के दूसरे मैच में ही एवन ने बता दिया कि आखिर क्यों LSG ने इस बल्लेबाज़ पर दांव लगाया था. लूईस कैसे बने स्टार परफॉर्मर? मैच में लखनऊ के कप्तान केएल राहुल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया. लेकिन रॉबिन उथप्पा, शिवम दुबे, मोईन अली और आखिर में एमएस धोनी की अटैकिंग पारी से CSK ने बोर्ड पर 210 रन लगा दिए. जवाब में लखनऊ की टीम ने तगड़ी शुरुआत की. पावरप्ले के अंदर लखनऊ ने कोई विकेट नहीं खोया और बोर्ड पर 55 रन लगा दिए. केएल राहुल के साथ मिलकर क्विंटन डी कॉक ने लखनऊ के लिए इस बड़े स्कोर की नींव रखी. 10 ओवर तक दोनों क्रीज़ पर जमे रहे. और स्कोर 100 के पास पहुंच गया. लग रहा था कि लखनऊ पटरी पर है. लेकिन 100 से ठीक पहले केएल राहुल को प्रिटोरियस ने 40 के निजी स्कोर पर आउट कर दिया. छह रन बाद ही मनीष पांडे, तुषार देशपांडे का शिकार हो गए. 99/0 से टीम 106/2 हो गई. जीत के लिए अब 52 गेंदों में 106 रन की दरकार थी. क्रीज़ पर उतरे नए बल्लेबाज़ एवन लूईस. लूईस ने क्रीज़ पर 52 मिनट गुज़ारे. पारी की शुरुआत में उन्होंने क्विंटन डी कॉक का साथ दिया. लेकिन ये साझेदारी रफ्तार पकड़ती, उससे पहले ही 15वें ओवर में प्रिटोरियस ने डी कॉक को धोनी के हाथों कैच करा दिया. विकेट्स गिरते रहे लेकिन एक ओर से लूईस कभी देशपांडे को, कभी प्रिटोरियस को तो कभी ब्रावो को बाउंड्रीज़ के लिए भेजते रहे. डीकॉक के विकेट के बाद लूईस ने दीपक हूडा के साथ पारी को आगे बढ़ाया. लेकिन हूडा भी 171 के स्कोर तक वापस पविलियन लौट गए. 18वें ओवर में हूडा के विकेट के बाद लखनऊ की मुश्किल बढ़ गई. आखिरी 12 गेंद में जीतने के लिए 34 रन चाहिए थे. और क्रीज़ पर लूईस के साथ युवा बल्लेबाज़ आयुष बदोनी थे. धोनी ने शिवम दुबे को अच्छे से ट्यूशन दिया. लेकिन फिर भी 19वें ओवर की पहली गेंद को बदोनी ने बिना देर किए स्क्वेयर लेग दिशा में छह रन के लिए पहुंचा दिया. इसके बाद सिंगल डबल में डील हुई और चौथी गेंद पर एवन ने कवर्स एरिया में चौका लगा दिया. सीधे प्रेशर शिवम दुबे पर. ओवर की पांचवी गेंद का हाल भी बिल्कुल ऐसा ही हुआ. इस बार लॉन्ग ऑफ की दिशा में लूईस का क्रैकिंग शॉट. अब भी सात गेंदों में 15 रन की दरकार थी. इस ओवर की आखिरी गेंद पर एक बड़ा शॉट चाहिए था. लूईस ने वही किया. बदोनी पर अगले ओवर में ज़्यादा प्रेशर ना आए. इसे ध्यान में रखते हुए लूईस ने लॉन्ग ऑफ के ऊपर से गेंद को छह रन के लिए पहुंचा दिया. इसके बाद मुकेश चौधरी के आखिरी ओवर में बदोनी ने दो वाइड के बाद छक्का लगाकर मैच खत्म कर दिया. इस तरह से एवन लूईस ने बीच मंझधार में फंसी लखनऊ की टीम को तीन गेंद बाकी रहते ही जीत दिला दी.