Leeds Test में England के खिलाफ पहली इनिंग में Jasprit Bumrah का कमाल सबने देखा. टेस्ट सीरीज़ के पहले ही मैच की पहली इनिंग में उन्होंने 5 विकेट अपने नाम कर लिया. इस दौरान उन्होंने करीब 25 ओवर गेंदबाजी भी की. लेकिन बुमराह अब भी अपनी फिटनेस और सीरीज़ के सारे मैच नहीं खेलने को लेकर आलोचकों के निशाने पर हैं. उन्हीं आलोचकों को जसप्रीत बुमराह ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा, “लोग कहते रहे हैं कि अब वह जाएगा. लेकिन मैं तब तक खेलूंगा जब तक भगवान चाहेंगे.”
'लोग कहते रहे हैं...', मैदान पर अंग्रेजों पर बरसने के बाद बुमराह किसपर भड़के?
22 जून को तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने के बाद Jasprit Bumrah मीडिया से मुख़ातिब हुए. इस दौरान उनसे उनका करियर ख़त्म होने और फिटनेस को लेकर पूछा गया. इस पर उनका कहना था कि उन्हें कई मौकों पर उन्हें कमतर आंका जाता है.

22 जून को तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने के बाद बुमराह मीडिया से मुख़ातिब हुए. इस दौरान उनसे उनका करियर ख़त्म होने और फिटनेस को लेकर पूछा गया. इस पर बुमराह का कहना था कि उन्हें कई मौकों पर उन्हें कमतर आंका जाता है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा,
लोग जो लिखते हैं वह तो मेरे हाथ में नहीं है. मैं किसी को यह सिखाने की कोशिश नहीं कर रहा हूं कि मेरे बारे में क्या लिखना है. हर कोई जो चाहे लिखने के लिए स्वतंत्र है. हमारे देश में क्रिकेट फेसम है. मेरे नाम से दर्शकों की संख्या बढ़ेगी. लेकिन दिन के अंत में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

उन्होंने आगे कहा,
अगर यह बात दिमाग में आ जाए तो मैं यकीन करना शुरू कर दूंगा. मैं वही चाहता हूं जो मैं मानता हूं. दूसरे लोग मुझसे जो चाहते हैं, मैं वैसा नहीं हूं. मैं हमेशा भारत के लिए खेलना चाहता था. मैं अपने विश्वास के साथ आया. मैंने अपने विश्वास के आधार पर सभी फॉर्मेट खेले.
उन्होंने आगे कहा,
लोगों ने हमेशा मुझे मना किया. ‘वह छह महीने खेलेगा. वह आठ महीने खेलेगा.’ मुझे इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हुए क़रीब 10 साल हो गए हैं. मैं 12-13 साल से IPL खेल रहा हूं. हर चार महीने में एक बात आती है, ‘अब वह जाएगा.’ मैं तब तक क्रिकेट खेलूंगा जब तक भगवान ने लिखा है. मैं अपनी तैयारी करता हूं और बाकी सब भगवान पर छोड़ देता हूं.
अक्सर ही बुमराह के आलोचक कहते हैं कि वह अक्सर चोटिल हो जाते हैं. ख़ासकर पीठ और कमर की चोटों के कारण. इसकी वजह से उन्हें कई अहम सीरीज़ और टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ता है. इससे टीम की गेंदबाज़ी की ताकत पर असर पड़ा है. ख़ासकर जब भारत को उनकी ज़रूरत सबसे ज़्यादा थी.
बुमराह ने 2016 में अपना वनडे और T20 डेब्यू किया. 2018 में उन्हें टेस्ट में कदम रखा. रोहित शर्मा और विराट कोहली की रिटायरमेंट के बाद उन्हें टीम इंडिया का कप्तान बनाए जाने की चर्चा भी थी. हालांकि, बुमराह ने अपनी फिटनेस का हवाला देकर BCCI से ये जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया था.
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