इसके बाद बॉलिंग को आए एडम जंपा. स्ट्राइक पर थे केदार जाधव. 33वें ओवर की पहली गेंद पर केदार ने स्वीप में शानदार चौका लगाया. अगली गेंद शॉर्ट एक्स्ट्रा कवर की ओर मारी और लपक लिए गए. जाधव 12 गेंदों में 11 रन बनाकर आउट हुए. इसके बाद बैटिंग को आए महेंद्र सिंह धोनी. मैदान धोनी-धोनी से गूंज उठा. पर आज धोनी का दिन नहीं था. जंपा ने धोनी को खाता भी नहीं खोलने दिया. धोनी पहली गेंद पर ही निपट गए. धोनी का कैच उस्मान ख्वाजा ने पकड़ा. 32.3 गेंदों के बाद स्कोर 171 पर 6 विकेट हो गया.

ऐसे कैच थमा बैठे धोनी.
जंपा अब हैटट्रिक लेने को तैयार थे, लेकिन बल्लेबाजी को आए जडेजा ने जंपा की इस उम्मीद पर पानी फेर दिया. जंपा अगर हैटट्रिक लेते तो ऐसा करने वाले ऑस्ट्रेलिया के पहले स्पिनर बन जाते, लेकिन ऐसा हो न सका.
महेंद्र सिंह धोनी अब तक 337 मैच में 10 बार शून्य पर आउट हुए हैं. भारत की ओर से सबसे अधिक बार शून्य पर आउट होने के मामले में वो 18वें स्थान पर पहुंच गए हैं. जाहिर सी बात है धोनी खुद इस रिकॉर्ड में और आगे नहीं बढ़ना चाहते होंगे!
एक बात जो नहीं हो सकी वो ये कि धोनी अगर इस मैच में 33 रन बनाते तो इंटरनैशनल वन-डे क्रिकेट में भारत के लिए 17000 रन बनाने वाले 5वें बैट्समैन बन जाते. अब ऐसा करने के लिए उन्हें अगले मैच का इंतज़ार करना होगा.
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