ग्रुप स्टेज में तीन हार. फैंस बहुत निराश थे. ये टीम तो तीन-तीन मैच हार गई. ये तो सेमीफाइनल में भी पहुंच जाए तो बड़ी बात है. लेकिन, पहले करो या मरो के मैच में न्यूजीलैंड को हराया. अब सेमीफाइनल में पिछले 15 मैचों से अजेय 7 बार की चैंपियन टीम को हराकर भारतीय टीम फाइनल में पहुंच गई है. ऑस्ट्रेलिया ने मुकाबले में 338 रनों का स्कोर कर खड़ा दिया. भारतीय टीम के सामने जो अब तक महिला क्रिकेट में टारगेट हासिल नहीं हुआ, वो स्कोर था.
महिला वर्ल्ड कप: 7 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को भारत ने रौंदा, 339 रन भी कम पड़ गए
भारतीय महिला टीम ने 7 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलियन टीम को दूसरे सेमीफाइनल में 5 विकेट से रौंदकर तीसरी बार फाइनल में जगह बना ली है. इस दौरान Jemimah Rodrigues ने सेंचुरी और कप्तान Harmanpreet Kaur ने हाफ सेंचुरी लगाई.
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लेकिन, टीम इंडिया इतिहास रचने उतरी थी और भारतीय टीम ने रिकॉर्ड बना दिया. 9 बॉल रहते भारतीय महिला टीम ने अनविंसिबल ऑस्ट्रेलिया को रौंदकर फाइनल में जगह बना ली. इसकी सूत्रधार बनीं शतकवीर जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर. अब 2 नवंबर को यहां उनका सामना साउथ अफ्रीका से होगा, जो पहली बार फाइनल में पहुंचा है. इसी के साथ ये भी तय हो गया कि इस बार महिला वर्ल्ड कप में नया चैंपियन मिलने वाला है.
टीम इंडिया ने इस मैच से पहले कभी 265 रन से ऊपर के टारगेट को हासिल नहीं किया था. लेकिन, इस अहम मुकाबले में टीम ने 339 रन बनाकर इतिहास रच दिया. ये अब महिला वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा सफल रन चेज है. इस दौरान टीम इंडिया के लिए जेमिमा रोड्रिग्स ने नाबाद 127 रन बनाए. वहीं, कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी 89 रनों की दमदार पारी खेली.
टीम इंडिया जब 339 रन के टारगेट को चेज करने उतरी तो महज 59 रन के स्कोर पर दोनों ओपनर स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा का विकेट गंवा दिया. इसके बाद नंबर 3 बैटर जेमिमा ने कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ तीसरे विकेट के लिए 167 रनों की रिकॉर्ड पार्टनरशिप की. यही टीम इंडिया की जीत का नींव बनी. हरमनप्रीत कौर जब आउट हुईं तब भी टीम को जीत के लिए 113 रनों की दरकार थी. लेकिन, जेमिमा ने एक छोर संभाले रखा और दूसरी छोर पर पहले दीप्ति (24 ) फिर ऋचा (26) और अंत में अमनजोत (15*) ने उनका साथ देकर टीम को जीत की दहलीज पार करा दी.
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इस वर्ल्ड कप में डक से शुरुआत करने वाली जेमिमा को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भाग्य का भी पूरा साथ मिला. मैच के दौरान उन्हें तीन जीवनदान मिले. इसमें दो बार ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली ने ही उनका कैच ड्रॉप किया. एक बार लिचफील्ड ने शानदार कोशिश कर हाफ चांस को कैच में तब्दील किया पर गेंद उनके हाथ पर लगकर नीचे गिर गई. विकेटकीपर हीली ने एक बार मुश्किल कैच छोड़ा, लेकिन दूसरी बार एलेना किंग की बॉल पर उन्होंने जेमिमा का लड्डू कैच छोड़ दिया. तब जेमिमा महज 87 रन पर थीं. इसके बाद 44वें ओवर में मैक्ग्रा ने भी जेमिमा का कैच मिडऑन पर टपका दिया. जेमिमा को मिले इतने जीवनदान ही अंंत में मैच के टर्निंंग पॉइंट साबित हुए.
लिचफील्ड का शतक हुआ बेकारइससे पहले, ऑस्ट्रेलियाई टीम की ओर ओपनर फीबी लिचफील्ड ने महज 93 बॉल्स पर 119 रनों की पारी खेलकर 300 से ज्यादा के स्कोर की नींव रख दी. दूसरे विकेट के लिए उन्होंने एलिसी पेरी के साथ 155 रनों की पार्टनरशिप. एलिसी पेरी ने भी 77 रनों की दमदार पारी खेली. वहीं, ऑलराउंडर एश्ले गार्डनर ने भी सिर्फ 45 गेंदों पर 65 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया को 338 तक पहुंचा दिया. मिडिल ओवर्स में लिचफील्ड के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई पारी थोड़ी सी लड़खड़ाई वरना 7 बार की चैंपियन टीम आसानी से 350 के पार जाते दिखाई दे रहे थे. इस दौरान श्रीचरणी ने दो विकेट चटकाकर दबाव बनाया. अंतिम ओवर में दीप्ति ने भी शानदार बॉलिंग की. इस ओवर में दो विकेट और एक रन आउट के दम पर टीम ने ऑस्ट्रेलिया को एक गेंद रहते ऑलआउट कर दिया.
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