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मैं नहीं चाहता कि शुभमन... गिल के पापा ने अपने बेटे की बैटिंग पोजिशन पर ये क्या कह दिया!

Shubman Gill आखिरकार फ़ॉर्म में लौट आए हैं. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ़ नंबर तीन पर खेलते हुए एक और सेंचुरी जड़ दी. हालांकि इसके बावजूद उनके पिता नहीं चाहते कि शुभमन नंबर तीन पर खेलें.

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शुभमन गिल के पापा नहीं चाहते कि वह नंबर तीन पर खेलें (एपी फ़ोटो)

शुभमन गिल. कुछ वक्त पहले तक टीम इंडिया के टेस्ट ओपनर थे. लेकिन अब नंबर तीन पर खेलते हैं. अब इस बदलाव पर शुभमन के पहले कोच और पिताजी ने रिएक्ट किया है. शुभमन के पिता लखविंदर ने कहा कि बोलर्स के खिलाफ़ आगे बढ़कर खेलने के चलते शुभमन दोबारा से रन बना पा रहे हैं. हालांकि वह शुभमन के नंबर तीन पर खेलने के फैसले से सहमत नहीं हैं.

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इससे पहले, इंग्लैंड के साथ सीरीज़ का पहला टेस्ट खत्म हुआ तो शुभमन पर काफी सवाल थे. वह कई पारियों से पचासा नहीं मार पाए थे. लोग उन्हें टीम से बाहर करने की मांग कर रहे थे. लेकिन वाइज़ाग टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने बेहतरीन सेंचुरी मारी. यह नंबर तीन पर उनकी पहली बड़ी पारी भी थी. शुक्रवार, 8 मार्च को शुभमन ने एक बार फिर से सेंचुरी मारी.

और इसके बाद लखविंदर ने PTI से बात करते हुए कहा,

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'आगे बढ़कर खेलने से बड़ा बदलाव आया है. उन्होंने यह करना बंद कर दिया था जिससे प्रेशर बना था. अपने अंडर-16 के दिनों से ही वह पेसर्स और स्पिनर्स पर आगे निकलकर खेल रहे हैं. जैसे ही आप अपना नेचुरल गेम खेलना छोड़ते हैं, मुश्किल में पड़ जाते हैं. सारा गेम कॉन्फ़िडेंस का है. एक अच्छी पारी आते ही आप अपन बेस्ट पर लौट आते हैं. अपने अंडर-16 के दिनों से ही वह बहुत से रन बना रहा है.'

धर्मशाला टेस्ट के दूसरे दिन शुभमन ने स्पिनर्स और पेसर्स के खिलाफ़ क्रीज़ से निकलकर खूब रन बनाए. उन्होंने एंडरसन के खिलाफ़ तो आगे निकलकर बेहतरीन छक्का भी मारा. लखविंदर ने इस बातचीत में ये भी कहा कि वह अपने बेटे को स्क्वॉयर कट और कवर ड्राइव खेलते देख खुश होते हैं. अपनी बात आगे बढ़ाते हुए वह बोले,

'उसे ओपन करते रहना चाहिए था. मेरे हिसाब से ये ठीक नहीं है. जब आप लंबे वक्त तक ड्रेसिंग रूम में बैठते हैं, प्रेशर बढ़ जाता है. नंबर तीन ना तो ओपनिंग है और ना ही मिडल ऑर्डर. प्लस उसका गेम भी ऐसा नहीं है. यह चेतेश्वर पुजारा जैसे के लिए ठीक है जो डिफेंसिव खेलते हैं.

जब गेंद नई होती है आपको ज्यादा लूज बॉल्स मिलती हैं. जब आप पांच-सात ओवर के बाद आते हैं तब भी गेंद चमकदार होती है और बोलर तब तक अपनी लेंथ के साथ सेटल हो चुका होता है.'

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हालांकि, लखविंदर ने ये भी कहा कि वह अब शुभमन के फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करते. वह बोले,

'मैं उसके फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करता. बस उसके साथ ट्रेनिंग करता हूं. अब उनकी इतनी उम्र हो गई है कि अपने फैसले ले सकें. मैंने तभी तक उनके फैसले लिए जब तक वह टीनएजर थे.'

बात मैच की करें तो इंग्लैंड ने पहले बैटिंग करते हुए 218 रन बनाए थे. जवाब में दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने अपनी पहली पारी में आठ विकेट खोकर 473 रन बना लिए थे.

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