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दुर्भाग्यशाली... शुभमन गिल के बचाव में पूर्व क्रिकेटर का बड़ा दावा

बांग्लादेश के खिलाफ़ पहले टेस्ट की पहली पारी में शुभमन गिल नाकाम रहे. वह बिना खाता खोले हसन महमूद का शिकार बने. उनके डिस्मिसल पर तमाम बातें हो रही हैं. लेकिन पूर्व क्रिकेटर पार्थिव पटेल को लगता है कि वह दुर्भाग्यशाली रहे.

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हसन महमूद की गेंद पर आउट हुए शुभमन गिल (AP)

बांग्लादेशी पेसर हसन महमूद ने भारत के खिलाफ़ पहले टेस्ट में कमाल कर दिया. इन्होंने पहले सेशन में ही भारत के तीन दिग्गजों को वापस भेजा. हसन ने कप्तान रोहित के बाद प्रिंस शुभमन गिल और विराट कोहली के विकेट लिए. सबसे ज्यादा चर्चा मिली गिल के डिस्मिसल को.

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गिल डाउन द लेग जा रही गेंद पर विकेट के पीछे कैच आउट हुए. और इसी के चलते उन्हें सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया गया. लेकिन पूर्व क्रिकेटर पार्थिव पटेल को लगता है कि गिल दुर्भाग्यशाली रहे. गुरुवार, 19 सितंबर को गिल बिना खाता खोले वापस लौटे.

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गेंद उनके बल्ले का हल्का किनारा लेकर विकेट के पीछे गई. जहां लिटन दास ने इसे कैच किया. पार्थिव के मुताबिक गिल का ये शॉट स्वाभाविक था. क्योंकि वह स्विंग से निपटने के लिए पॉपिंग क्रीज़ से बहुत बाहर खड़े होते हैं. जियो सिनेमा से बात करते हुए पार्थिव बोले,

'मैं सोचता हूं कि वह दुर्भाग्यशाली रहे. जब आप डाउन द लेग साइड आउट होते हैं, तो ये थोड़ा सा स्वाभाविक शॉट होता है. उनका गेम प्लान पॉपिंग क्रीज़ से आगे रहने का होता है. वह पॉपिंग क्रीज़ से लगभग आधी दूरी पर खड़े होते हैं. वह बोलर को मिलने वाली स्विंग और सीम से निपटने की कोशिश करते हैं. लेकिन क्रिकेट में हम कहते हैं कि दो दुर्भाग्यशाली डिस्मिसल होते हैं. एक नॉन-स्ट्राइकर एंड पर रनआउट और दूसरा जब आप डाउन द लेग कॉट बिहाइंड होते हैं. शुभमन के साथ यही हुआ.'

पार्थिव ने ये भी कहा कि आमतौर पर बल्लेबाज ऐसी गेंदों को छोड़ते नहीं हैं. चौके की तलाश में बैट अपने आप उधर चला जाता है. पार्थिव बोले,

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'आप उस गेंद को छोड़ते नहीं हैं. एक बाद आपको डाउन द लेग जाती गेंद दिखती है, आपका बैट अपने आप उधर चला जाता है. और कई बार आपको पता होता है कि अगर बल्ला सही से लग गया तो शायद चौका मिल जाएगा. लेकिन इस बार मैं सोचता हूं कि शुभमन दुर्भाग्यशाली रहे कि बल्ले का बहुत हल्का किनारा लगा.'

बता दें कि यह गिल के करियर का पांचवां टेस्ट डक था. इनमें से तीन बार वह घर पर बिना खाता खोले आउट हुए हैं. गिल नंबर तीन पर बैटिंग करते हुए तीन बार शून्य के स्कोर पर वापस लौटे. और इस मामले में अब उनसे आगे बस दो भारतीय क्रिकेटर्स हैं. भारत के लिए नंबर तीन पर खेलते हुए सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा हैं. इन्होंने 70 पारियों में पांच बार ये किया है. जबकि 32 पारियों में दिलीप वेंगसरकर चार बार बिना खाता खोले आउट हुए.

यह गिल का इस कैलेंडर साल का तीसरा डक था. क्रिकेट डॉट कॉम के मुताबिक, गिल एक कैलेंडर साल में घर में हुए टेस्ट मैचेज़ में तीन या इससे ज्यादा डक स्कोर करने वाले छठे भारतीय बल्लेबाज हैं. गिल के बाद क्रीज़ पर आए ऋषभ पंत ने थोड़ी देर तक मोर्चा संभाला. उन्होंने 62 रन की पार्टनरशिप की. पंत का विकेट 96 के टोटल पर गिरा. उन्होंने 39 रन की पारी खेली.

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