बॉक्सिंग डे टेस्ट जबसे शुरू हुआ है, रहाणे की कप्तानी की खूब तारीफ हो रही है. कोहली की अनुपस्थिति में कप्तानी संभाल रहे रहाणे के अंडर अब तक टीम इंडिया ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. मेलबर्न टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 195 पर समेटने के बाद पूरा ट्विटर कप्तानी की बहस में लग गया. सब रहाणे की तारीफ कर रहे थे. लेकिन कुछ लोग हैं जो चाहकर भी रहाणे की कप्तानी की तारीफ नहीं कर पा रहे. ऐसे लोगों में पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर भी शामिल हैं. गावस्कर, रहाणे की फील्ड प्लेसमेंट से काफी प्रभावित हैं. लेकिन वह रहाणे की तारीफ नहीं करना चाहते क्योंकि वह अभी इसके शुरुआती फेज में हैं. साथ ही गावस्कर यह भी नहीं चाहते कि लोग कहें कि वह मुंबई के प्लेयर की तारीफ कर रहे हैं. रहाणे की लीडरशिप पर जब गावस्कर की टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर कहा,
'बहुत जल्दी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए. अगर मैं कहूं कि उनकी कप्तानी बेहतरीन है, तो फिर, मुझपर आरोप लगेंगे कि मैं मुंबई के क्रिकेटर का सपोर्ट कर रहा हूं और तमाम चीजें होंगी. इसलिए मैं इन सबमें नहीं पड़ना चाहता क्योंकि ये बस शुरुआती दिन हैं.'
गावस्कर रहाणे की फील्ड प्लेसमेंट से काफी प्रभावित हैं. मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड, तीनों को रहाणे के लगाए फील्डर्स ने ही कैच किया था. इस बारे में गावस्कर ने कहा,
'उनकी कप्तानी में मैंने जो आखिरी दो टेस्ट और वनडे मैच देखे, उनके पास इस बात की बेहतरीन समझ है कि फील्डर्स को कहां होना चाहिए. हालांकि, बोलर्स के लिए भी यह जरूरी है कि फील्डिंग के हिसाब से बोलिंग करें. अगर बोलर्स, फील्डिंग के हिसाब से बोलिंग करेंगे, जैसा कि उन्होंने की, तो कैप्टन बहुत अच्छा दिखेगा.'
मेलबर्न टेस्ट के पहले दिन रहाणे ने अपने बोलिंग चेंज से भी खूब प्रभावित किया. उन्होंने खेल के पहले ही घंटे में अश्विन को बॉल सौंप दी. अश्विन अपने कप्तान के फैसले पर खरे उतरे और उन्होंने तेजी से मैथ्यू वेड और स्टीव स्मिथ के विकेट झटक लिए.