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कोच बनना था तो छुट्टी मनाने बैंकॉक नहीं जाना चाहिए था शास्त्री जी: गांगुली

रवि शास्त्री की बात का दादा ने दिया जवाब.

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फोटो - thelallantop
अनिल कुंबले टीम इंडिया के एक साल के लिए कोच बन गए हैं. कोच की कुर्सी भरी तो उम्मीद भरी निगाह लिए कुछ लोग बिदक गए. रवि शास्त्री बोले- सौरव गांगुली को मेरे इंटरव्यू के दौरान होना चाहिए था. अब दादा तो दादा हैं. गुस्सा गए. सौरव गांगुली ने कहा, 'अगर रवि शास्त्री सोचते हैं कि उनको हेड कोच न चुने जाने के लिए सिर्फ सौरव गांगुली जिम्मेदार हैं तो ये उनका दिमागी फितूर है.'
सौरव गांगुली ने कहा, 'मुझे इस बात से दिक्कत है कि वो मुझे बीसीसीआई मीटिंग्स में शामिल होने की सलाह दे रहै हैं. मैं बीसीसीआई की बैठकों में रहा हूं. मैं हमेशा उपलब्ध रहता हूं. मेरी शास्त्री को सलाह है कि जब इंडिया का कोच चुना जाना था, जब उन्हें बैंकॉक में छुट्टी मनाने के बजाय एक प्रेजेंटेशन देनी चाहिए.'
बता दें कि सौरव गांगुली कोच को चुने जाने वाली कमेटी के मेंबर थे. टीम में गांगुली के अलावा सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण भी शामिल थे. गांगुली ने कहा, 'चयन समिति में मेरे अलावा कई और दिग्गज भी थे. कोच चुने जाने की मेरी पोजिशन पर रवि शास्त्री भी 10 साल तक रहे हैं. ऐसे में उनका ये बयान तकलीफ से भरा है.' बवाल शुरू कहां से हुआ? दरअसल रवि शास्त्री कह रहे हैं कि जब मैं बीसीसीआई के कोच के लिए इंटरव्यू देने गया, तब गांगुली वहां मौजूद नहीं थे. गांगुली को वहां पर होना चाहिए था. गांगुली कह रहे हैं, मैंने बीसीसीआई को 20 दिन पहले ई-मेल कर बता दिया था कि मैं 5 बजे मीटिंग से निकल जाऊंगा. इस मीटिंग को 4.15 पर तय किया गया. लेकिन किसी वजह से मीटिंग 5 बजे तक के लिए बढ़ा दी गई, जिसके चक्कर में रवि शास्त्री जब इंटरव्यू दे रहे थे, तब गांगुली वहां नहीं रहे.

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