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FIFA ने AIFF पर लगाया बैन, शुरू से जानिए पूरा मामला

भारतीय फुटबॉल पर बैन लगने के सफर का पूरा हाल.

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भारतीय फुटबॉल का भविष्य खतरे में (TWITTER/IndianFootball)

भारतीय खेल प्रेमियों को मंगलवार, 16 अगस्त की सुबह-सुबह बड़ा झटका लगा. उन्हें ये झटका मिला दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल की दुनिया से. फुटबॉल की सबसे बड़ी संस्था FIFA ने भारतीय फुटबॉल को चलाने वाली संस्था, ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया. भारतीय फुटबॉल में AIFF वही संस्था है जो क्रिकेट में BCCI. क्रिकेट की भाषा में समझें तो ये कुछ ऐसा है कि ICC द्वारा BCCI को बैन कर दिया जाए.

FIFA के इस कदम से भारतीय फुटबॉल और खिलाड़ियों को बहुत बड़ा झटका लगा. क्योंकि, बैन का मतलब ये हुआ कि अब टीम कोई भी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाएगी. साथ ही लंबे इंतज़ार के बाद इस साल देश में आयोजित किए जाने वाले FIFA U-17 विमेंस वर्ल्ड कप की मेजबानी भी हाथ से चली गई है. हालांकि ये बैन अचानक नहीं लगाया है. इसके लिए FIFA की तरफ से कई बार वार्निंग भी दी गई थी.

लेकिन FIFA के मुताबिक इस पर सही से अमल नहीं किया गया, जिस वजह से उन्हें ये कड़ा कदम उठाना पड़ा है. फुटबॉल की सबसे बड़ी संस्था ने यह फैसला तीसरे पक्ष द्वारा भारतीय फुटबॉल में गैरजरूरी दखल के चलते लिया है.

#FIFA ने क्या कहा?

FIFA ने एक बयान जारी कर कहा कि थर्ड पार्टीज के बहुत ज्यादा दखल की वजह से ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) को बैन करने का फैसला किया गया है. फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था ने कहा,

‘काउंसिल द्वारा सर्वसम्मति से ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का फैसला लिया गया है. जिसकी वजह इसमें थर्ड पार्टीज द्वारा दिया जाने वाला बहुत ज्यादा दखल है. ये FIFA के नियमों के खिलाफ़ है.’

साथ ही FIFA की तरफ से ये भी कहा गया कि ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन से सस्पेंशन तभी हटेगा, जब वो साथ मिलकर काम करना शुरू करेंगे. FIFA के मुताबिक,

‘AIFF से सस्पेंशन अब तभी हटाया जाएगा जब इसके ऑफिशल्स पूरी तरह से पावर में आ जाएंगे. साथ ही वो इसमें रोजाना होने वाली गतिविधियों पर नजर रखेंगे. गौरतलब है कि AIFF में फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (CoA) का दखल है. और उनकी तरफ से ही भारतीय फुटबॉल की देखभाल की जा रही है.’

ये तो हो गई ताजा बात. अब चलिए आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला कहां शुरू होकर इस नतीजे पर पहुंचा.

18 मई, 2022

वकील राहुल मेहरा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने AIFF के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और उनकी कार्यकारी समिति को सस्पेंड कर दिया. पटेल 2009 में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के अध्यक्ष बने थे. इसके बाद से वो लगातार इस पद पर कायम थे. एक अध्यक्ष के तौर पर प्रफुल्ल पटेल का तीसरा कार्यकाल (AIFF के पुराने संविधान के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा तीन बार ही अध्यक्ष पद ग्रहण किया जा सकता है) दिसंबर 2020 में खत्म हो गया था. जिसके बाद चुनाव के जरिए नया अध्यक्ष चुना जाना था. लेकिन प्रफुल्ल पटेल ने कुर्सी नहीं छोड़ी. वह बिना चुनाव के ही अध्यक्ष पद पर बने रहे.

जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नया संविधान बनाने और चुनाव कराने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (CoA) का गठन किया गया. जिसका काम अगले अध्यक्ष की नियुक्ति तक भारतीय फुटबॉल की देखभाल के साथ चुनाव करना था. इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज AR दवे, पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर SY कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली शामिल थे.

11 जून 2022

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित CoA और कुछ एफलिएटेड यूनिट के सदस्यों की मुलाकात होती है. जिसमें चर्चा का विषय नेशनल स्पोर्ट्स कोड, FIFA और AFC के क़ानून का पालन करते हुए एक संशोधित संविधान के तहत AIFF के चुनाव जल्द से जल्द कराना होता है.

21 जून 2022

FIFA और एशियन फुटबॉल कंफेडरेशन के कुछ सदस्य हालातों का जायजा लेने और इस पर चर्चा करने भारत आते हैं. FIFA-AFC की टीम और COA के बीच पहले दौर की बातचीत अच्छी रही. जिसके बाद AIFF के अलग-अलग विभागों के दिन-प्रतिदिन के मामलों की देखरेख के लिए 12 सदस्यीय सलाहकार समिति को नियुक्त किया जाता है. सलाहकार समिति का काम COA के सभी सदस्यों को उनकी जानकारी के लिए नियमित रिपोर्ट भेजना होता है.

23 जून 2022

भारतीय फुटबॉल में चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए FIFA द्वारा एक समय सीमा तय कर दी गई. FIFA ने AIFF के संविधान को मंजूरी देने के लिये 31 जुलाई और चुनाव कराने के लिये 15 सितंबर तक का समय दिया. ऐसा नहीं करने पर AIFF पर बैन लगाने की बात कही गई.

1 जुलाई 2022

FIFA और AFC ने एक साझा रोडमैप तैयार किया जिसपर AIFF और अन्य पार्टिसिपेंट्स ने सहमति जताई.

16 जुलाई 2022

CoA यानी कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स ने संविधान का ड्राफ्ट, सुप्रीम कोर्ट में सबमिट कर दिया. इस ड्राफ्ट को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी ने ही तैयार किया था. इस दौरान CoA ने स्टेट एसोसिएशन, FIFA, AFC, ISL और I-league Clubs से बातचीत की और उनके सुझाव लेते हुए इस ड्राफ्ट को तैयार किया.

26 जुलाई 2022

COA द्वारा सबमिट ड्राफ्ट में कार्यकारी समिति द्वारा 50 फीसदी फॉर्मर प्लेयर्स को शामिल करने की बात कही गई थी. जिसको लेकर FIFA ने AIFF को निर्देश दिया कि COA द्वारा संविधान के मसौदे में निर्धारित 50 प्रतिशत के बजाय कार्यकारी समिति में अधिकतम 25 प्रतिशत फॉर्मर प्लेयर्स को ही शामिल किया जाए.

3 अगस्त 2022

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य फुटबॉल संघों के 36 प्रतिनिधियों और 36 फॉर्मर फुटबॉल प्लेयर्स को मिलाकर एक इलेक्टोरल कॉलिज बनाकर, AIFF की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने का निर्देश दिया. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा CoA द्वारा इलेक्शन की तैयारी के लिए मांगी गई 27 दिनों के समयसीमा को मंजूरी दे दी. कार्यक्रम के अनुसार, चुनाव परिणाम की घोषणा 28-29 अगस्त, 2022 को की जानी है.

5 अगस्त 2022

FIFA और AFC ने एक लेटर के जरिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कमेंट करते हुए कहा कि ये फैसला 1 जुलाई 2022 को जारी किए गए रोडमैप को दूसरी दिशा में ले जा रहा है. जिसके बाद FIFA ने थर्ड पार्टी (CoA) के बढ़ते "प्रभाव" के कारण AIFF को निलंबित करने और अक्टूबर में महिला अंडर -17 विश्व कप की मेजबानी के अधिकारों को छीनने की धमकी दी.

7 अगस्त 2022

इस धमकी के बाद CoA ने FIFA को आश्वस्त किया कि वो AIFF को संगठित करने की दिशा में सुचारू रुप से काम कर रहा है. इसके साथ CoA ने AIFF के निलंबन की साजिश रचने के लिए पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को फटकार लगाई.

13 अगस्त, 2022 

AIFF चुनावों से पहले सुब्रतो दत्ता और लार्सिंग मिंग के नामांकन को इलेक्शन रिटर्निंग ऑफिसर उमेश सिन्हा ने खारिज कर दिया. ये दोनों तीन बार AIFF कार्यकारी समिति में रह चुके थे, जिस वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया.

14 अगस्त 2021

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को FIFA से मिली धमकी पर भारत के स्टार फुटबॉलर सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) ने बयान दिया. उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों को इस मामले पर ज्यादा ध्यान नहीं देने की सलाह दी. छेत्री ने कहा,

‘मैंने लड़कों से बात की है और मेरी सलाह है कि ज्यादा ध्यान इस पर मत लगाओ क्योंकि यह आपके नियंत्रण से बाहर की चीज है.'

इससे पहले 3 जून, 2022 को छेत्री ने कहा था कि किसी भी विवाद के चलते देश में फुटबॉल पर बैन नहीं लगना चाहिए. उन्होंने कहा था,

‘भले ही इस मामले में जो कुछ हो रहा है, मैं उम्मीद करता हूं कि यह नियंत्रण में रहे और देश पर प्रतिबंध नहीं लगे. क्योंकि यह सिर्फ पूरे देश के लिये ही नहीं बल्कि मेरे लिए भी नुकसानदायक होगा. मैं 37 साल का हूं और अपने कुछ अंतिम मुकाबले खेल रहा हूं. मुझे नहीं पता कि कौन सा गेम मेरा अंतिम हो जाए.’

16 अगस्त 2022

FIFA ने आधिकारिक तौर पर AIFF पर बैन लगा दिया है. जिसके कारण भारत से फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी भी छीन ली गई. हालांकि FIFA के मुताबिक ऑफिशल्स के पूरी तरह से पावर में आने के साथ ही AIFF से बैन हटा लिया जाएगा.

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