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तोड़े कई रिकॉर्ड... फिर घबराकर पीछे हटा और अब कॉमनवेल्थ से मेडल लाएगा ये लड़का

अपने पिता की कोचिंग में खेल कॉमनवेल्थ मेडल लाएंगे मुरली श्रीशंकर.

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मुरली श्रीशंकर (फोटो - PTI)

बॉलीवुड मूवी दंगल. जिसमें रेसलर्स गीता–बबीता की कहानी दिखाई गई है. इस मूवी में दिखाया गया हैं कि इन रेसलर्स से बड़ा कैरेक्टर तो उनके पिताश्री महावीर सिंह फोगाट हैं. जिन्होंने अपने बच्चों को ‘बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है’ गाते हुए भी दौड़ा दिया था. और ऐसे ही दौड़ते, भागते, लड़ते हुए ये दोनों चैम्पियन भी बन गईं.

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अब बॉलीवुड के जरिए तो अभी तक हमारे सामने सिर्फ यही कहानी आई है. लेकिन आज हम आपको ऐसी ही दूसरी स्क्रिप्ट सुनाते हैं. जिस पर भविष्य में एक शानदार मूवी बन सकती है. और इस मूवी का मुख्य किरदार होंगे लॉन्ग जंपर मुरली श्रीशंकर. और इस मूवी में मुरली श्रीशंकर से बड़ा रोल होगा उनके पिता मुरली का.

लेकिन इसके लिए श्रीशंकर को कुछ काम करने होंगे. अपनी झोली में कुछ मेडल्स डालने होंगे. वैसे उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप की मेंस लॉन्ग जम्प फाइनल के लिए क्वॉलिफाई कर इसकी शुरुआत कर दी है. जुलाई 2022 में ऑरेगन में हुई इस चैम्पियनशिप में उन्होंने आठ मीटर लम्बी छलांग लगाई थी.

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और अब मुरली श्रीशंकर को CWG में भी इससे बढ़िया करना होगा.

#कौन हैं मुरली श्रीशंकर?

अब आपके दिमाग में चल रहा होगा कि भई ये हैं कौन, इनके बारे में थोड़ा तो बताओ? यार बात ऐसी है कि मुरली इस साल में दुनिया के बेस्ट लॉन्ग जम्पर्स में से एक है. और ये एथलीट केरल के पलक्कड़ से आता है. श्रीशंकर बचपन से ही अपने पिता के मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहे हैं. इनकी मम्मी और पापा, दोनों ही इंडिया के लिए मेडल्स ला चुके हैं.

श्रीशंकर भी अब उसी ट्रेडिशन को फॉलो कर रहे है. स्पोर्ट्स के साथ पढ़ाई में भी वो उतने ही अच्छे है. मेडिकल और इंजीनयरिंग के इंट्रेंस टेस्ट वो बिना कोचिंग के क्लियर कर चुके हैं. हालांकि उन्होंने इन टेस्ट्स के बाद B.SC मैथ्स को चुना था. स्पोर्ट्स और पढ़ाई पर बात करते हुए इंडियन एक्सप्रैस से श्रीशंकर ने कहा,

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‘मैं जानता हूं कि अगर मैंने मेडिकल सीट ली होती, तो मेरी जिंदगी सेट हो जाती है. मेरा फ्यूचर सिक्यॉर होता. लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि एथलेटिक्स मेरे लिए पहले आती है. मुझे अपना सारा फोकस पढ़ाई पर शिफ्ट करना होता, और मैं ये बिल्कुल अफोर्ड नहीं कर सकता. ये हर बात सिर्फ पैसों के बारे में नहीं होती.’

इनके करियर पर गौर करें तो साल 2018 में पटियाला मे हुए फेडरेशन कप में 7.99 मीटर की छलांग लगाकर श्रीशंकर सबकी नज़रों में आए थे. इसके बाद इन्हें साल 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया. लेकिन वहां वो अपेंडिक्स के चलते नहीं जा पाए.

#खास क्यों है श्रीशंकर? 

इतना बड़ा टूर्नामेंट मिस करने के बाद श्रीशंकर ने बेहद शानदार वापसी की. अपनी सर्जरी के बाद श्रीशंकर एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में गए. यहां पर उन्होंने अपने बेस्ट से काफी पीछे, 7.47 मीटर की लम्बी छलांग लगाकर ब्रॉन्ज़ मेडल जीता.

इसके बाद इसी साल श्रीशंकर ने जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में भी हिस्सा लिया. हालांकि यहां भी वो आठ मीटर का मार्क पार नहीं कर पाए. लेकिन इसके बाद श्रीशंकर जब भुवनेश्वर में हुई नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप पहुंचे, तो यहां उन्होंने सारी कसर निकाल ली.

श्रीशंकर ने यहां 8.20 मीटर लम्बी छलांग लगाई. और साल 2016 में अंकित शर्मा द्वारा बनाए गए 8.16 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. अपनी जम्प के बाद श्रीशंकर ने कहा भी था कि अगर मैं अपनी इस सीज़न की परफॉर्मेंस से खुश होता, तो यहां नहीं होता. श्रीशंकर ने इस सफलता के बाद मेल टुडे से कहा,

‘अगर मैं एशियन गेम्स में 8+ मीटर की छलांग के साथ मेडल जीतता, तो मैं ओपन नेशनल छोड़ देता. मेरे पिताजी (मुरली) ने मुझे प्रोत्साहित किया और कहा कि मुझे सीजन का अंत उच्च स्तर पर करना चाहिए. और इसीलिए मैंने सोचा कि मुझे अपना सब कुछ यहां देना चाहिए.’

अपना नेशनल रिकॉर्ड टूटने पर अंकित शर्मा ने भी बात की थी. उन्होंने कहा,

‘देश में लंबी कूद के लिए यह बहुत बड़ी बात है. मैं 8.19 मीटर की रेंज पर रुक गया, लेकिन हमेशा सपना देखा कि कोई और भारतीय इसको आगे लेकर जाएगा. एक समय आठ मीटर बैरियर को पार करना बहुत बड़ा माना जाता था, अब हमारे पास तीन जंपर्स (श्रीशंकर, मोहम्मद अनीस याहिया, जस्विन एल्ड्रिन) हैं, जो ऐसा कर सकते हैं.’

इस परफॉर्मेंस के बाद श्रीशंकर ने साल 2019 में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया. वो Tokyo Olympics में भी गए. लेकिन दोनों ही जगह आठ मीटर की छलांग नहीं लगा पाए. और बाहर हो गए. यहां से श्रीशंकर का बुरा दौरा शुरू हुआ. टोक्यो ओलंपिक्स के बाद उन्होंने इस स्पोर्ट को छोड़ने और पढ़ाई पर फोकस करने का मन बना लिया था.

इस बारे में उनके पिता और कोच मुरली बताते हैं,

‘वो वापस लौटे और सभी अख़बार पढ़ने लगे. जिसमें उनके बारे में ज्यादा अच्छी बातें नहीं लिखी थीं.’ 

इसके बाद मुरली को श्रीशंकर की कोचिंग से भी हटा दिया गया. एथलेटिक्स फेडरेशन के प्रेसिडेंट आदिल सुमारीवाला (Adille Sumariwalla) ने इस बारे में कहा,

 ‘हम उसके कोचिंग प्रोग्राम से खुश नहीं हैं, पहली कार्रवाई की जा रही है. हमने उसके कोच को बदल दिया है.’

लेकिन इसके बाद भी श्रीशंकर और उनके पिता मुरली अड़े रहे. उन्होंने श्रीशंकर को पलक्कड़ में कोचिंग देना जारी रखा. और इसका असर अप्रैल में हुए फेडरेशन कप में दिखा. जब श्रीशंकर ने एक बार फिर नेशनल रिकॉर्ड को तोड़ा. इस बार श्रीशंकर ने 8.36 मीटर की जम्प लगाई.

नया रिकॉर्ड बनाने के बाद श्रीशंकर ने कहा,

‘मेरे पिता मुझे और मेरे शरीर को मुझसे बेहतर समझते हैं. मुझे हमेशा उन पर और मेरे लिए उनके फैसलों पर पूरा भरोसा रहा है.’

#श्रीशंकर से उम्मीद क्यों?

अब अगर आपको इनके इतने सारे नेशनल रिकॉर्ड और परफॉर्मेंस देखकर भी उम्मीद नहीं है, तो आपको याद दिला दें कि ये वही एथलीट है जो पहली बार भारत को वर्ल्ड चैम्पियन के लॉन्ग जम्प फाइनल में लेकर गए थे. और इस साल लगातार ही श्रीशंकर अपनी जम्स को आठ मीटर के पार लेकर जा रहे.

और सबसे बड़ी बात ये है कि अब के, और पहले के श्रीशंकर में बहुत फर्क है. पहले श्रीशंकर बड़े टूर्नामेंट्स में नर्वस हो जाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. इस सीज़न श्रीशंकर ने परिपक्वता और निरंतरता दिखाई है, उन्होंने लगातार आठ मीटर मार्क को पार किया है. इंटरस्टेट मीट में, फाइनल सेलेक्शन में और CWG के लिए हुए फिटनेस ट्रॉयल में लगातार उन्होंने ये कर के दिखाया है.

और हमको उम्मीद है कि अब श्रीशंकर एक बार फिर ऐसा करके दिखाएंगे, ताकि इस गेम में भी भारत का एक मेडल पक्का रहे.

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