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CoA ने संविधान का फाइनल ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट में किया दर्ज, जानिए क्यों हो सकता है बवाल!

फीफा ने भारत को 15 सितंबर तक का वक्त दिया है.

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इंडियन फुटबॉल (Courtesy: AIFF)

CoA यानी कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स ने अपना ड्राफ्ट संविधान सुप्रीम कोर्ट में सब्मिट कर दिया है. इस ड्राफ्ट को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी ने ही तैयार किया था. AIFF यानी ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के एक्टिंग महासचिव सुनंदो धर ने इस पूरे मामले पर बात की है. 

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सुनंदो धर ने बताया -

'सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ लंबे विचार-विमर्श के बाद संविधान का ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दिया गया है. जो लोग भी इस पूरी प्रक्रिया से जुड़े थे, मैं उन सभी को बधाई देता हूं. हमने ये काम तेज़ी से किया है. नया संविधान जैसे ही लागू हो जाएगा, हम एक बार फिर इंडियन फुटबॉल को आगे बढ़ाने का काम शुरु कर देंगे.'

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बता दें कि 18 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेटी का गठन किया था. जिसमें पूर्व न्यायाधिश अनिल दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस.वाई. कुरैशी और पूर्व इंडियन फुटबॉल टीम के कप्तान भास्कर गांगुली शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट ने CoA को संविधान तैयार करने, उसके अपनाने में मदद करने और जल्द से जल्द AIFF के चुनाव सुनिश्चित करवाने के लिए चुना था.

उसके बाद से ही CoA ने 150 से ज्यादा घंटें काम कर ड्राफ्ट संविधान बनाया. इस दौरान CoA ने स्टेट एसोसिएशन्स, फीफा, एएफसी, ISL और I-league क्लब्स से बातचीत की और उनके सुझाव लेते हुए इस ड्राफ्ट को तैयार किया. इन सभी बिंदुओं पर बात करते हुए डॉ. कुरैशी ने कहा -

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'काफी विचार-विमर्श के बाद, हमने आखिरकार एक ड्राफ्ट संविधान तैयार कर लिया है जो AIFF को नेशनल स्पोर्ट्स कोड के दायरे में ले आएगा. साथ ही फीफा और एएफसी के सदस्य संघ के रूप में कुशलतापूर्वक कार्य करने में भी मदद करेगा. हमें विश्वास है कि इन बदलाव के साथ फेडरेशन अब इंडियन फुटबॉल को आगे ले जाने के लिए एक अच्छी स्थिति में होगा.'

जस्टिस दवे ने कहा -

'हमने भारतीय फुटबॉल में शामिल सभी स्टेकहोल्डर्स के महत्वपूर्ण विचारों को ध्यान में रखते हुए इस ड्राफ्ट संविधान को तैयार किया है.'

भारत के पूर्व गोलकीपर और कप्तान भास्कर गांगुली ने इतने कम समय में संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने पर सभी की तारीफ की. गागुंली ने कहा -

'संविधान के ड्राफ्ट पर जितना काम किया गया है वह वास्तव में सराहनीय है, और मैं इसे पूरा करने में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं. हमें उम्मीद है कि इन नए बदलावों के साथ हमारे देश में फुटबॉल पहले से कहीं ज्यादा आगे बढ़ता रहेगा.'

संविधान का फाइनल ड्राफ्ट सभी स्टेट फेडरेशन्स को भी दिया गया है. CoA के साथ चर्चा में स्टेट्स का प्रतिनिधित्व एक सात-सदस्यीय समिति कर रही थी. 23 जून को फीफा और एएफसी की एक टीम ने भारतीय फुटबॉल की समस्याओं को खत्म करने के लिए समय सीमा निर्धारित की थी. भारत के पास 15 सितंबर तक का समय है. इसके बाद भारत पर फीफा और एएफसी प्रतिबंध लगा सकते हैं.

अगर फीफा भारत पर प्रतिबंध लगाता है तो विमेंस अंडर -17 वर्ल्ड कप जो कि 11 से 30 अक्टूबर के बीच भारत में खेला जाना है. उसकी मेज़बानी भारत से छीनी जा सकता है.

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