साउथ अफ्रीका के हाथों घर पर हुई फजीहत के बावजूद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की कुर्सी पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है. BCCI जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहता है. वह चाहता है कि जिन खिलाड़ियों को अब तक बैक किया गया है, उन्हें बैक किया जाता रहे. बोर्ड ट्रांजिशन के दौर से गुजर रही टीम में और बदलाव नहीं करना चाहता है.
घर में दो-दो बार सूपड़ा साफ, गंभीर की नौकरी फिर भी सेफ, बीसीसीआई बोला- जल्दबाजी नहीं करेंगे
गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद भारत ने घर पर न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के खिलाफ क्लीन स्वीप का सामना किया. यह इस सदी में पहला मौका है जब एक साल के अंदर भारत का घर पर टेस्ट सीरीज में दो बार सूपड़ा साफ हुआ है.
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गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद भारत ने घर पर न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के खिलाफ क्लीन स्वीप का सामना किया. यह इस सदी में पहला मौका है जब एक साल के अंदर भारत का घर पर टेस्ट सीरीज में दो बार सूपड़ा साफ हुआ है. जब 26 नवंबर को साउथ अफ्रीका को हार मिली, तब गौतम गंभीर ही मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए. उनसे उनके कोच के पद पर बने रहने को लेकर सवाल किया गया. तब गंभीर ने कहा था कि वह कोच बने रहेंगे या नहीं, यह फैसला बोर्ड के हाथ में हैं और मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि गंभीर पर बोर्ड का भरोसा कायम है.
गौतम गंभीर पर नहीं है कोई खतराBCCI अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,
गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा?BCCI कोई भी फैसला लेने में जल्दबाजी नहीं करेगा, टीम अभी बदलाव के दौर से गुज़र रही है. जहां तक कोच गौतम गंभीर का सवाल है, हम उनके बारे में कोई फैसला नहीं लेंगे क्योंकि वर्ल्ड कप नज़दीक है और उनका कॉन्ट्रैक्ट 2027 वर्ल्ड कप तक है. बीसीसीआई आगे चलकर सलेक्टर्स और टीम मैनेजमेंट से बात करेगा, लेकिन कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा.
भारतीय कोच गौतम गंभीर ने दूसरे टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका से मिली 408 रन की करारी हार के बाद किसी एक खिलाड़ी को दोष नहीं दिया. उन्होंने कहा कि इस हार का जिम्मेदार हर कोई है. उन्होंने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
उस ड्रेसिंग रूम में मौजूद हर कोई, और शुरुआत मुझसे, उस ड्रेसिंग रूम में मौजूद हर किसी से करता हूं. मैं ऐसा कोई नहीं हूं जो कहूं कि यह X, Y या Z पर निर्भर करता है. यह उस कमरे में बैठे हर व्यक्ति पर निर्भर करता है, जितना आसान हो सकता है. टीम स्पोर्ट का यही मतलब है.
गंभीर ने यहां यह भी बताया कि सुधार के लिए टीम इंडिया को क्या करने की जरूरत है. उन्होंने कहा,
सच्चाई यही है कि हमें लाल गेंद के क्रिकेट में बहुत सुधार करना है. चाहे वह मानसिक हो, तकनीकी हो, दबाव झेलने की क्षमता हो, बलिदान देने की भावना हो, या टीम को खुद से ऊपर रखना हो. आप भारतीय क्रिकेट की कितनी परवाह करते हैं और ड्रेसिंग रूम में बैठे लोगों की कितनी परवाह करते हैं, यह बहुत जरूरी है.
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गंभीर ने रेड बॉल क्रिकेट को प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा,
वॉइट बॉल के क्रिकेट में रन बनते ही लोग टेस्ट में किए गए प्रदर्शन को भूल जाते हैं. ऐसा कभी नहीं होना चाहिए. मीडिया, हम, फैंस सब टेस्ट क्रिकेट में किए गए प्रदर्शन को भूलने लगते हैं. हमें आगे काफी सफेद गेंद का क्रिकेट खेलना है.
भारतीय टीम को अब 30 नवंबर से साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज खेलनी है. इसके बाद पांच टी20 मैचों की सीरीज खेली जाएगी. वहीं भारत अगला टेस्ट मैच अगस्त में खेलेगा.
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