कांग्रेस लीडर शमा मोहम्मद (Shama Mohamed) ने मुंबई के क्रिकेटर सरफराज खान (Sarfaraz Khan) को लेकर भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर पर बड़ा आरोप लगाया है. सरफराज को हाल ही में साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ घोषित की गई इंडिया ए टीम में जगह नहीं मिली है. इसी को लेकर शमा ने गंभीर पर धार्मिक पक्षपात का आरोप लगा दिया. 22 अक्टूबर को उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर ये तक कह दिया कि सरफराज को क्या उनके सरनेम के कारण टीम में जगह नहीं मिल रही है? वहीं, शमा के इस कॉमेंट पर पूर्व क्रिकेटर अतुल वासन (Atul Wassan) ने आपत्ति जताई है. उन्होंने शमा के इन आरोपों को मूर्खतापूर्ण बताया है.
'प्लेयर्स प्यादे नहीं...', सरफराज के नाम पर हिंदू-मुसलमान के खेल पर भड़के अतुल वासन
मुंबई के क्रिकेटर Sarfaraz Khan को लेकर कांग्रेस नेता Shama Mohamed ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. अब इसे लेकर पूर्व क्रिकेटर Atul Wassan ने उन्हें खूब सुनाया है.


दरअसल, सरफराज पिछले महीने भी ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ इंडिया ए की टीम में शामिल नहीं थे, लेकिन तब सरफराज चोटिल थे. लेकिन, अब वो फिट हैं और रणजी ट्रॉफी में खेल भी रहे हैं. मुंबई के लिए खेलते हुए सरफराज ने रणजी ट्रॉफी के पहले मुकाबले में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ 42 और 32 रनों की पारी खेली थी. हालांकि, इससे पहले, तमिलनाडु में हुए बुची बाबू टूर्नामेंट में उन्होंने सेंचुरी लगाई थी. इसी कारण जब उन्हें साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ टीम में जगह नहीं मिली तो इस पर विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस लीडर शमा मोहम्मद ने इसे लेकर एक्स पर लिखा,
क्या सरफराज खान को उनके सरनेम के कारण सेलेक्ट नहीं किया गया है! सिर्फ पूछ रही हूं. हमें पता है कि गौतम गंभीर का इस मामले पर क्या रुख है.
दरअसल, टीम इंडिया के हेड कोच बनने से पहले गौतम गंभीर BJP के सांसद भी रहे हैं. इसी कारण कांग्रेस लीडर ने उनपर निशाना साधा है. हालांकि, पूर्व क्रिकेटर अतुल वासन ने इस मामले में शमा मोहम्मद के बयान की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने ANI को दिए इंटरव्यू में कहा,
ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. जब भी ये इंडिया में स्पोर्ट्स में ये कम्युनल कार्ड खेला जाता है, मुझे बहुत बुरा लगता है. मैंने क्रिकेट खेला है. हमने कभी किसी भी प्लेयर को वो किस समुदाय से आते हैं इस आधार पर नहीं देखा है क्योंकि क्रिकेट में सिर्फ प्लेयर्स की क्वालिटी देखी जाती है.
वहीं, वासन ने आगे जोड़ते हुए कहा,
वह कैसे भूल सकती हैं कि 12 सालों तक मोहम्मद अजहरुद्दीन टीम इंडिया के कैप्टन रहे हैं. अभी भी, मोहम्मद शमी… मोहम्मद सिराज… मैं खुद मानता हूं कि सरफराज को टीम में शामिल होना चाहिए था. लेकिन, ये अलग टॉपिक है. ये एक क्रिकेटिंग टॉपिक है, जिस पर डिबेट की जा सकती है. लेकिन, इसे किसी खास समुदाय से जोड़कर देखना बिल्कुल बेतुका है. इससे आप क्रिकेटर्स और पूरे सिस्टम पर कीचड़ उछाल रही हैं. ये इंडियन क्रिकेट सिस्टम का बहुत बड़ा अपमान है.
वासन ने इसी के साथ पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा,
मैं बतौर पूर्व प्लेयर क्रिकेट सिस्टम का हिस्सा हूं. मुझे शर्म आती है किसी पार्टी के स्पोक्सपर्सन ने ऐसी बात कही है. हमारे पड़ोसियों को देखिए, वहां क्रिकेटर्स किस तरह से सर्वाइव करते हैं. किसी को क्रिश्चियानिटी छोड़कर इस्लाम कबूल करना पड़ा. वहां हिंदू प्लेयर्स के साथ कैसा सलूक होता है. ऐसा यहां कभी नहीं होता. इसी कारण हमारा नैतिक स्तर काफी ऊंचा है. लेकिन, अगर यहां पॉलिटिकल पार्टीज प्लेयर को प्यादे की तरह इस्तेमाल करेंगी तो ये सही नहीं होगा.
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हालांकि, वासन ने भी ये स्वीकार किया कि सरफराज खान को डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद कम मौके मिले हैं. उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा,
मुझे नहीं लगता है कि सिर्फ वर्तमान परफॉर्मेंस के आधार पर सेलेक्शन होना चाहिए. कई सारे प्लेयर्स हैं जो कई फॉर्मेट्स में अच्छा कर रहे हैं. लेकिन, जब किसी एक प्लेयर को चुना जाए तो उसे पर्याप्त मौके मिलने चाहिए. इतने गेम तो मिलने ही चाहिए कि या तो वो सफल हो जाए या कंप्लीटली फेल हो जाए. सरफराज को उतना मौका नहीं मिला है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ ऋषभ पंत की वापसी के कारण सरफराज को मौका नहीं मिला है. इसे लेकर वासन ने कहा,
सरफराज को नहीं मिले हैं पर्याप्त मौकेजब ऋषभ पंत जैसा कोई प्लेयर इंजरी से वापस आता है और परफॉर्म नहीं करता है, इसके बावजूद उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. क्रिकेट की अपनी एक विरासत है, अपनी टाइमलाइन है और कुछ मानक हैं जिसका हमेशा पालन किया जाना चाहिए.
सरफराज खान को भले ही अभी टीम इंडिया में जगह नहीं मिली हो. लेकिन, लगातार डोमेस्टिक परफॉर्मेंस उन्हें टीम में जगह जरूर दिलाकर ही रहेगी. अब तक सरफराज ने टीम इंडिया के लिए कुल 6 टेस्ट मैच ही खेले हैं. इनमें उन्होंने 40 के औसत से 371 रन बनाए हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ सरफराज ने एक पारी में 150 रन भी बनाए थे. यही उनकी अंतिम सीरीज थी. वो ऑस्ट्रेलिया में हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी टीम का हिस्सा थे, लेकिन तब उन्हें प्लेइंग XI में जगह नहीं मिल सकी थी.
इसके बाद से वह टीम में ही शामिल नहीं हो सके हैं. इंग्लैंड टूर पर सरफराज की जगह करुण नायर को मौका मिला. सबने उनके वेट पर सवाल उठाया तो सरफराज ने इस पर भी काम किया. उन्होंने दो महीनों में लगभग 17 केजी वेट घटा लिया. लेकिन, बावजूद इसके न ही वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हें मौका मिला और अब न वो साउथ अफ्रीका के खिलाफ इंडिया ए की टीम में शामिल हो सके हैं.
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