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जडेजा और अश्विन से पहले टेस्ट में टॉप 2 पर कौन से भारतीय बॉलर थे?

रैंकिंग में अश्विन और जडेजा इस वक़्त सबसे ऊपर हैं.

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फोटो - thelallantop
इंडिया और इंग्लैंड की सीरीज़ ख़तम हो गयी है. इंडिया ने 4-0 से धोबी पछाड़ मारा है. कप्तान कुक बटलर समेत वापस स्वदेस जा रहे हैं. क्रिसमस मनाने. 17 जनवरी से वन-डे मैचों की सीरीज़ चालू होगी. इसी बीच टेस्ट मैच खतम होते ही आईसीसी ने रैंकिंग्स रिलीज़ की हैं. इंडिया के लिए डबल खुशखबरी है. आर अश्विन पहले नंबर पर हैं और जडेजा दूसरे नंबर पर. ये बेहद मज़ेदार बात है. इंडिया के लिए. तब जब विराट कोहली अपने चरम पर हैं. केएल राहुल बैटिंग में चमक रहे हैं. करुन नायर प्रॉमिसिंग लग रहे हैं. ऐसे में बॉलिंग में दुनिया के दो सबसे बड़े (करेंट रैंकिंग के मामले में) बॉलर्स का होना अच्छी फ़ीलिंग देता है. अब इंडिया डॉमिनेटिंग पोज़ीशन में आ गया है. ऐसी पोज़ीशन में पिछले काफी सालों में हम नहीं थे. जडेजा ने आखिरी टेस्ट मैच की तीसरी इनिंग्स में 7 विकेट लिए. रैंकिंग रिलीज़ हुई तो मालूम चला कि उन्होंने 66 पॉइंट कमाये. वो आश्विन से 8 पॉइंट पीछे हैं. जडेजा टेस्ट रैंकिंग में जॉश हेज़लवुड, जेम्स एन्डरसन, डेल स्टेन और रंगना हेरात के पीछे थे. अब उन सभी से आगे हैं. एक झटके में. बैटिंग में केएल राहुल और करुन नायर ने भी खूब तरक्की की है. राहुल 29 स्लॉट ऊपर होकर 51 नंबर पर आ गये हैं. करुन नायर के 303 की बदौलत वो 122 स्पॉट ऊपर उठकर 55 नंबर पर पहुंच गए हैं. ये दूसरी बार है जब इंडियन टीम के दो बॉलर्स टेस्ट रैंकिंग में पहले और दूसरे नंबर पर बैठे हुए हैं. इससे पहले 1974 में बिशन सिंह बेदी और चंद्रशेखर टॉप के दो स्पॉट्स पर काबिज थे. बिशन सिंह बेदी बिशन सिंह बेदी स्लो लेफ्ट-आर्म बॉलर थे. 1966 से 1979 के बीच इंडिया के लिए 67 टेस्ट मैच खेले. 266 विकेट लिए. 22 मैचों में कप्तानी भी की. उन्हें मंसूर अली खान पटौदी के बाद 1976 में कप्तान बनाया गया. डोमेस्टिक क्रिकेट में बेदी उत्तरी पंजाब के लिए पंद्रह साल की उम्र में खेलने लगे थे. इसके बाद दिल्ली गए और 1974-75 में रणजी ट्रॉफी में रिकॉर्ड 64 विकेट लिए. बेदी ने इंग्लिश काउंटी क्रिकेट की नॉर्थहैम्पटनशायर को भी कई सालों तक रिप्रेजेंट किया. फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में उनके 1560 विकेट हैं जो किसी और इंडिया के बॉलर से ज्यादा हैं. बिशन सिंह बेदी बॉल को बहुत खूबसूरती से फ्लाईट कराते थे. अपनी स्पिन में प्रयोग करते थे. उनका बॉलिंग एक्शन बढ़िया था इसीलिए खराब बॉलिंग एक्शन देखकर उखड़ जाते हैं. मुथैया मुरलीधरन की कई बार आलोचना कर चुके हैं. क्रिकेट के मामलों में तीखी राय जताते रहे हैं. बिशन सिंह बेदी कहते हैं कि वो अपने कपड़े खुद धुलते थे. इसे वो अपने कंधों और उंगलियों के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज मानते थे. बीएस चंद्रशेखर भगवत सुब्रमण्यम चंद्रशेखर लेग-स्पिनर थे. उन्हें देश के सबसे अच्छे लेग-स्पिनर्स में से एक माना जाता है. चंद्रशेखर बचपन में पोलियो का शिकार हो गए थे. तीन महीने अस्पताल में पड़े रहे और मालूम चला कि दाहिना हाथ खराब हो गया है. अपनी इसी डीफॉर्मेशन को उन्होंने अपनी ताकत में बदल लिया. उन्होंने 58 टेस्ट मैच खेले. 242 विकेट लिए. उनका सोलह साल लम्बा करियर रहा. 1972 में उन्हें 'विजडन क्रिकेटर ऑफ़ द इयर' और 2002 में साल की सबसे बेस्ट बॉलिंग का अवार्ड मिला. 1971 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 38 रन देकर छह विकेट लिए थे. 1964 में मुंबई में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने अपना टेस्ट करियर शुरू किया था और अपने पहले मैच में ही चार विकेट लिए. 1976 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ चंद्रशेखर और प्रसन्ना ने मिलकर दो इनिंग्स में 19 विकेट लिए थे. बिशन सिंह बेदी कहते थे कि उन्हें चंद्रशेखर में भगवान दिखता था. स्पिन की इसी जोड़ी ने तहलका मचाया हुआ था.
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