बचपन में फैंसी ड्रेस कॉम्पटिशन में हिस्सा लेती थी. वहां हर किरदार अपने सोशल रोल के हिसाब से कपड़े पहन कर आता था. वकील हुआ तो काला ब्लेजर, डॉक्टर हुआ तो सफेद! सोशल रोल्स में कपड़ों की कंडीशनिंग बचपन से सिखाई जाती है. औरतों के लिए तो ये कंडीशनिंग कैरेक्टर सूचक चिह्न की तरह होती है. साड़ी है तो संस्कारी, जींस या शॉर्ट्स हैं तो बोल्ड! किसी के कपड़ों से उसका कैरेक्टर डिफ़ाइन हो या ना हो, उसके काम से जरूर होता है. देखिए वीडियो.
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