The Lallantop

विटामिन की कमी से कई बीमारियों का खतरा, दिमाग से लेकर हड्डियों तक पड़ता है असर

कुल 13 तरह के Vitamins हैं. शरीर में ये अलग-अलग भूमिका निभाते हैं. अगर किसी विटामिन की कमी हो जाए, तो क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं? डॉक्टर से जानिए.

Advertisement
post-main-image
हर विटामिन एक निश्चित मात्रा में लेना चाहिए, जो हमें खाने से मिले.

हमारे एक पाठक हैं कमलेश. आगरा में रहते हैं. पिछले दिनों हमें उनका मेल आया. मेल में कमलेश बताते हैं कि उनका एक बेटा है जिसे दिन में तो ठीक दिखाई देता है. लेकिन, रात आते-आते उसे दिखाई देना कम होने लगता है. बच्चे की परेशानी बढ़ी तो कमलेश उसे डॉक्टर के पास ले गए. जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि उनके बच्चे को Night Blindness हो गई है. Night Blindness यानी रतौंधी. आपने इस बीमारी के बारे में कभी न कभी सुना ही होगा. डॉक्टर ने कमलेश से ये भी कहा कि उनके बच्चे को सही से विटामिनA नहीं मिला. इस वजह से उसे ये दिक्कत हुई है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

रतौंधी तो सिर्फ एक बीमारी है. खाने में विटामिन की कमी हो तो कई तरह की शारीरिक परेशानियां घेर लेती हैं. दरअसल विटामिन हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है. यानी बीमारियों से लड़ने की हमारी ताकत को बढ़ाता है. हमारे विकास में मदद करता है. ज्यादातर विटामिन हमें खाने से ही लेने होते हैं. क्योंकि, हमारा शरीर इन्हें खुद से पैदा नहीं कर सकता. जो विटामिन प्रोड्यूस होते भी हैं, वो बहुत ही कम मात्रा में होते हैं.

कुल 13 तरह के विटामिन हैं. विटामिन A, विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9, B12, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन E और विटामिन K. अलग-अलग विटामिन शरीर में अलग-अलग भूमिका निभाते हैं. एक व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए हर विटामिन की जरूरत होती है. लेकिन, सीमित मात्रा में. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- क्या विटामिन डी की कमी से कैंसर हो सकता है?

हम डॉक्टर से जानेंगे कि विटामिंस हमारे लिए जरूरी क्यों हैं? अगर शरीर में किसी विटामिन की कमी हो जाए, तो क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं? और, विटामिन को उचित मात्रा में लेना ही क्यों जरूरी है?

Vitamins हमारे लिए जरूरी क्यों हैं?
डॉ. राजीव गुप्ता, डायरेक्टर- इंटरनल मेडिसिन, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, दिल्ली

विटामिंस हमारे शरीर के लिए बहुत अहम हैं. ये हमारे खाने में पाए जाते हैं. विटामिंस को विटामिन A, विटामिन B कॉम्प्लेक्स, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन E, विटामिन K और विटामिन बायोटिन में बांट सकते हैं. ये बहुत सारे विटामिंस हैं, जो प्राकृतिक रूप से हमारी डाइट में होते हैं. विटामिंस की कमी से कई बीमारियां हो सकती हैं. विटामिन ज्यादा लेने से भी परेशानियां हो सकती हैं. विटामिंस हमारे लिए बहुत फायदेमंद हैं. सेल्युलर मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में विटामिंस की अहम भूमिका है. सेल्युलर मेटाबॉलिज्म यानी सेल्स का मेटाबॉलिज्म. इससे एनर्जी पैदा होती है और शरीर के सारे काम होते हैं. इसलिए विटामिन लेना सख्त जरूरी है. 

Advertisement

Vitamins की कमी से क्या होता है?

विटामिन की कमी से बहुत परेशानियां हो जाती हैं. जैसे विटामिन A की कमी से आंखों की परेशानी होती है. Night Blindness यानी रतौंधी हो सकती है. विटामिन B1 की कमी से बेरीबेरी बीमारी होती है. इसमें दिल और नसें कमजोर हो जाती हैं. 

विटामिन सी (Vitamin C) की कमी से स्कर्वी हो जाता है. स्कर्वी में मसूढ़ों से खून निकलता है. विटामिन D की कमी से रिकेट्स या ऑस्टियोमलेशिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं. रिकेट्स में हड्डियां कमजोर और नरम होकर मुड़ जाती हैं.  विटामिन डी की कमी से कई और दिक्कतें हो सकती हैं. डिप्रेशन और मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं. विटामिन K की कमी से खून से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं. 

लिहाजा हर तरह के विटामिंस सख्त ज़रूरी हैं. इनकी कमी से बहुत गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं. कुछ विटामिंस सीधे हमारे दिमाग के काम पर असर डालते हैं. जैसे विटामिन बी कॉम्प्लेक्स में एक विटामिन नायसिन होता है. नायसिन की कमी से डिमेंशिया, डायरिया और डर्मेटाइटिस हो सकता है. डिमेंशिया भूलने की एक बीमारी है. इससे पीड़ित व्यक्ति रोजमर्रा के काम भी भूलने लगता है. वहीं डर्मेटाइटिस स्किन से जुड़ी दिक्कत है. इसमें स्किन पर फफोले पड़ जाते हैं. विटामिन बी की कमी से न्यूरोपैथी हो सकती है. न्यूरोपैथी में शरीर के किसी भी अंग पर नसें खराब हो जाती हैं यानी विटामिन की कमी हमारे दिमाग के काम पर सीधा असर डालती है.

सप्लीमेंट्स के बजाय विटामिंस को अपने खाने से लेना चाहिए

विटामिन की अधिकता भी नुकसानदेह

याद्दाश्त दिमाग के काम का ही एक हिस्सा है. डिमेंशिया न हो, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स लेना जरूरी है. हर विटामिन एक निश्चित मात्रा में लेना चाहिए, जो हमें खाने से मिले. प्राकृतिक रूप से मिलने वाले विटामिन हमारे शरीर की जरूरत हैं. इनको पिल्स या टैबलेट के रूप में आर्टिफिशियल तरीके से भी लिया जाता है. इन्हें सिर्फ विटामिन की कमी होने पर ही लेना चाहिए. 

विटामिन की अधिकता हो जाए तो भी कई दिक्कतें हो सकती हैं. जैसे बीटा कैरोटीन. ये विटामिन A का घटक है. इसे ज्यादा लेने से फेफड़ों के कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है. इसी तरह नायसिन की कमी से डिमेंशिया का रिस्क बढ़ता है. लेकिन इसे ज्यादा लेने पर दिल से जुड़ी बीमारियां बढ़ सकती हैं. लिहाजा विटामिन को बहुत अधिक लेना भी सही नहीं है. आप सीमित मात्रा में प्राकृतिक तरीके से ही विटामिन लें.

अब ये तो आप जान ही गए हैं कि विटामिन हमारे लिए कितने अहम हैं. ऐसे में इन्हें अपनी डाइट में शामिल करना जरूरी है. इसके लिए आप गाजर, पपीता, शकरकंद, पालक, सोयाबीन, फल और हरी सब्जियां खाएं. डेयरी प्रोडक्ट्स लें. अंडा, मछली, चिकन और खट्टे फलों को भी अपने खाने में शामिल करें. ध्यान रखिए, आपकी डाइट में हर पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होना जरूरी है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: बहुत ज्यादा पसीना आने का क्या मतलब है? क्या इसके फायदे भी हैं?

Advertisement