(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
कैसे फैलता है फंगल इन्फेक्शन, जो कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है?
WHO ने इसे दुनिया के लिए नया खतरा बताया है.

अभी तक हमें लगता था कि फंगल इन्फेक्शन एक आम बात है. कुछ सीरियस नहीं है. अपने आप ठीक हो जाता है. लेकिन हम गलत थे. WHO के मुताबिक, फंगल इन्फेक्शन एक नया ग्लोबल थ्रेट है. यानी कोविड के बाद अब दुनिया को फंगल इन्फेक्शन से ख़तरा है. जैसे वायरल इन्फेक्शन एक वायरस के कारण होता है. फंगल इन्फेक्शन फंगाई के कारण होता है.
WHO ने 19 ऐसी फंगाई की लिस्ट जारी की है, जो लोगों के लिए ख़तरा हैं. इनमें से कई तो इतनी चालाक हैं कि ये दवाई कि पकड़ में भी नहीं आ रही हैं. इनकी वजह से दुनियाभर में लोग ज़्यादा बीमार पड़ रहे हैं. इस आर्टिकल में हम ये जानेंगे कि दुनियाभर में फंगल इन्फेक्शंस क्यों बढ़ रहे हैं और इनसे कैसे निपटें?
ये हमें बताया डॉक्टर मनीष पेंडसे ने.

- सबसे ज्यादा इन्फेक्शन फंगस से होते हैं
- फंगस हमारे वातावरण में हर तरफ मौजूद है
- सांस के जरिए हमारे शरीर में भी जाता है, लेकिन शरीर की इम्युनिटी हमें इससे होने वाले इन्फेक्शन से बचा लेती है
- कई बार शरीर फंगस से नहीं लड़ पाता है, जिस वजह से फंगल इन्फेक्शन होता है
फंगल इन्फेक्शन कितनी तरह का होता है?- आमतौर पर होने वाले फंगल इन्फेक्शन्स में शामिल हैं:
-कैंडिडा (candida)
-क्रिप्टोकोकस (cryptococcus)
-एस्परजिलोसिस (aspergillosis)
-म्यूकोरमाइकोसिस (mucormycosis)
-हिस्टोप्लाज्मोसिस (histoplasmosis)
इनसे किस तरह की बीमारियां होती हैं?- कैंडिडा मुंह और वजाइना को निशाना बनाता है
-इसमें वजाइना से सफेद डिस्चार्ज निकलता है
- अकसर बुजुर्गों में मुंह के अंदर सफेद परत जम जाती है
-इसकी वजह है कैंडिडा इन्फेक्शन

- साफ सफाई न रखने के कारण भी कैंडिडा इन्फेक्शन हो सकता है
- क्रिप्टोकोकस इन्फेक्शन जानलेवा हो सकता है
- ये दिमाग पर हमला करता है
- ये खून के जरिए दिमाग तक पहुंचता है
- इस्तेमाल की हुई सिरिंज आदि से खून में पहुंचता है
- एस्परजिलोसिस श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी सिस्टम) पर हमला करता है
- नाक और फेफड़े सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं
- ये कुछ-कुछ ब्रेड पर लगने वाली फफूंदी की तरह होता है
- म्यूकोरमाइकोसिस को ब्लैक फंगस भी कहते हैं
- कोविड के समय इसके केस सबसे ज्यादा सामने आए
- ये आंखों के नीचे और नाक के अंदर के हिस्से को प्रभावित करता है
- कम इम्युनिटी या स्टेरॉइड्स के ज्यादा इस्तेमाल से ब्लैक फंगस का इन्फेक्शन होता है
- हिस्टोप्लाज्मोसिस सबसे ज्यादा होने वाला इन्फेक्शन है
- इसमें नाक बहती है और बुखार आता है.
- कभी-कभी निमोनिया भी होता है
- ज्यादातर उत्तर भारत में इसके मामले सामने आते हैं
- दाद भी एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है
- ये टिनिया कॉर्पोरिस नाम की फंगस से होता है
- शरीर के ज्यादा गीले रहने वाले हिस्सों में दाद होता है
- ये जानलेवा नहीं होता, लेकिन इसका इलाज मुश्किल होता है
-इस इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए गीलापन दूर करना ज़रूरी है
दुनियाभर में फंगल इन्फेक्शन क्यों बढ़ रहे हैं?- शुगर लेवल बढ़ने के कारण
- हेल्थी लाइफस्टाइल न होना

- नींद पूरी न होना
बचाव- 6-8 घंटे की नींद लें
- एक्सरसाइज करें
- रोज नहाइए
- निजी अंगों में साफ-सफाई रखें
- फिर भी राहत न मिले या इन्फेक्शन हो तो डॉक्टर को दिखाएं
बढ़ते फंगल इन्फेक्शंस के पीछे क्या वजहें हैं, ये आपने जान लिया. ज़रूरी है कि आप फंगल इन्फेक्शन को नज़रंदाज़ न करें. तुरंत इलाज करवाएं.
वीडियो: सेहत: किस टाइम हार्ट अटैक का ख़तरा ज़्यादा होता है, जानिए डॉक्टर्स से