(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
PCOD और PCOS में क्या फ़र्क है?
यंग लड़कियों में PCOD/ PCOS के केस लगातार बढ़ते क्यों जा रहे हैं?

PCOS और PCOD, ये दो ऐसे शब्द हैं जिन्हें सुनकर लगभग हर लड़की ने ‘यूफ्फ़’ बोला होगा. क्योंकि ये प्रॉब्लम है ही इतनी आम. आपको पता है हिंदुस्तान में हर पांच में से 1 महिला को PCOS होता है. PCOS यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और इसी की बहन है PCOD यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज.
अजीब बात ये है कि इतना कॉमन होने के बावजूद भी हमारे देश में 65 प्रतिशत औरतों को PCOS के लक्षणों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. जो लोग जानते भी हैं, उनमें से भी ज़्यादातर लोगों को लगता है कि इसमें पीरियड टाइम पर नहीं होते. ये आधी जानकारी है. दिक्कत इससे काफ़ी बड़ी है. इस हफ़्ते हम बात करने वाले हैं औरतों की हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में और इसकी शुरुआत करते हैं मुसीबत नंबर वन से. PCOS और PCOD. सबसे पहले तो ये समझ लीजिए कि दोनों में फ़र्क क्या होता है?
ये हमें बताया डॉक्टर अराधना सिंह ने.

-PCOD और PCOS एक ही बीमारी के दो रूप हैं. एक माइल्ड है और दूसरा सीवियर.
-PCOD यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज.
-जिसमें हॉर्मोनल इमबैलेंस होता है.
-इस हॉर्मोनल इमबैलेंस की वजह से पीरियड लेट होने लगते हैं.
-चेहरे पर बाल आने लगते हैं.
-सिर के बाल झड़ने लगते हैं.
-इसमें सिंपल हॉर्मोनल इमबैलेंस होता है.
-लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करने से इसका इलाज किया जा सकता है.
-PCOS यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम.
-ये थोड़ा सीवियर होता है और एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर होता है.
-इसमें शरीर के सारे अंगों पर असर पड़ने लगता है.
-मेल हॉर्मोन ज़्यादा मात्रा में बनने लगते हैं.
-इंसुलिन रेज़िस्टेंस शुरू हो जाता है.
-आगे जाकर डायबिटीज हो सकता है.
यंग लड़कियों में PCOD/ PCOS के केस लगातार बढ़ते क्यों जा रहे हैं?-इसकी एक बड़ी वजह है गलत डाइट और गलत लाइफस्टाइल.
-ज़्यादातर लोग जंक फ़ूड खूब खाते हैं.
-कोल्डड्रिंक, पिज़्ज़ा, बर्गर जैसी चीज़ें ज़्यादा खाई जा रही हैं.
-इन चीज़ों से काफ़ी मात्रा में शुगर शरीर के अंदर जाता है.

-जिसकी वजह से हॉर्मोनल इमबैलेंस होने लगता है.
-ये हाई शुगर लिवर को ज़्यादा इंसुलिन रिलीज़ करने के लिए ट्रिगर करता है.
-PCOS के पेशेंट्स में इंसुलिन हॉर्मोन के लिए रेज़िस्टेंस होता है.
-जब इंसुलिन हॉर्मोन ज़्यादा निकलता है तब शुगर ज़्यादा अच्छी तरह से पच नहीं पाता.
-इंसुलिन हॉर्मोन की वजह से मेल हॉर्मोन रिलीज़ होता है.
-महिला के शरीर में मेल हॉर्मोन की ज़्यादा मात्रा होने लगती है ओवरी के ज़रिए.
-जो ओवरी मोटी हो जाती हैं यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी, इनमें छोटे-छोटे फॉलिकल बन जाते हैं.
-ये हर महीने रिलीज़ नहीं होते.
-वही हॉर्मोनल इमबैलेंस पैदा करते हैं.
-वज़न बढ़ने लगता है.
-हर महीने ओवरी से अंडा न निकलने के कारण पीरियड रुक जाते हैं.
-जब महीनों बाद पीरियड होते हैं तो वो हैवी होते हैं और लंबे समय के लिए चलते हैं.
-PCOD/PCOS के केसेज बढ़ने का दूसरा कारण है एक्सरसाइज की कमी.
-इसके अलावा जेनेटिक फैक्टर्स भी ज़िम्मेदार हैं.
PCOD/PCOS से जुड़े कुछ आम मिथक-कई लोगों को ऐसा लगता है कि PCOD होने के बाद वज़न बढ़ गया है या चेहरे पर बाल आ रहे हैं.
-पर होता इसका ठीक उल्टा है.

-जब आप वेट गेन कर लेते हैं या आपका लाइफस्टाइल ख़राब हो जाता है.
-उस वेट गेन की वजह से ये समस्या होती है.
-लोगों को लगता है कि अगर उनका अल्ट्रासाउंड नॉर्मल है तो उनको ये समस्या नहीं हो सकती.
-30 प्रतिशत केसेज में अल्ट्रासाउंड नॉर्मल आ सकता है.
-नॉर्मल दिखने वाली ओवरी होने पर भी आपमें सारे लक्षण दिख सकते हैं.
इलाज-डाइट से अगर प्रॉब्लम शुरू हो रही है.
-तो सबसे पहला इलाज है वेट को कंट्रोल करना.
-जंक फ़ूड न खाएं, होल ग्रेन फ़ूड खाएं.
-जैसे बादाम, अखरोट, स्प्राउट्स, हरी सब्जियां, फल खाएं उसके छिलके के साथ.
-सलाद और खीरा खाएं.
-जिन लोगों को घर का खाना नहीं मिलता है वो भी फल और सब्जियां अपनी डाइट में आसानी से शामिल कर सकते हैं.
-रोज़ एक्सरसाइज करिए 30-45 मिनट, हफ़्ते में पांच बार.

-10-15 मिनट एरोबिक्स, ज़ुम्बा जैसी एक्सरसाइज करिए.
-तीसरे नंबर पर आती हैं दवाइयां.
-अगर पीरियड्स और हॉर्मोन्स बहुत ज़्यादा गड़बड़ हैं तब दवाइयां दी जाती हैं.
-हॉर्मोन्स पिल्स दी जाती हैं.
-जिससे पीरियड ठीक हो जाते हैं.
चलिए जिन लोगों को PCOD और PCOS के बीच फ़र्क नहीं पता था, उनका कन्फ़्यूज़न दूर हो गया होगा. और जिन लोगों को इनके लक्षण नहीं पता थे, उम्मीद है ये जानकारी उनके बहुत काम आएगी क्योंकि पिछले कुछ सालों में PCOD और PCOS के केसेज में भारी उछाल आई है. डॉक्टर साहब ने जो टिप्स बताई हैं, उनका ध्यान रखिए. कोई भी प्रॉब्लम होने पर, डॉक्टर से ज़रूर मिलें.
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