(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव लेकिन आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
फलाने वैद्य और ठिकाने हकीम के पास नहीं, शीघ्रपतन का असली इलाज यहां मिलेगा
शीघ्रपतन होने के कई कारण हैं. जरूरत है उनकी पहचान कर सही इलाज करना.

आज हम जिस बारे में बात करने वाले हैं, वो पुरुषों की एक बहुत ही आम समस्या है. लेकिन वो शर्म के कारण इसके बारे में न किसी से बात कर पाते हैं न डॉक्टर से सलाह ले पाते हैं. ये प्रॉब्लम है शीघ्रपतन यानी प्रीमैच्यौर इजैक्यूलेशन. अक्सर हमारे गांव और शहरों की दीवारें नीम, हकीम और बाबाओं के इश्तेहारों से रंगी रहती हैं, जो इस प्रॉब्लम का इलाज करने का दावा करते हैं. लेकिन इनके चक्करों में लोग फ़ायदे से ज़्यादा अपना नुकसान कर लेते हैं.
कुछ ऐसा ही हुआ हमारे एक व्यूअर के साथ, जो नहीं चाहते हम शो में उनका नाम लें. ये भागलपुर के रहने वाले हैं. एक साल पहले उनकी शादी हुई है. तब से वो बड़े परेशान हैं. शादी से नहीं, अपनी समस्या से. उन्हें शीघ्रपतन की समस्या है. लेकिन वो किसी से इस बारे में बात नहीं कर पा रहे हैं. वो चाहते हैं कि हम अपने शो में इसका इलाज बताएं.
भाईसाहब, हम इस बारे में ज़रूर बात करेंगे. इलाज भी बताएंगे. लेकिन वो इलाज लेने के लिए आपको डॉक्टर के पास जाना ही पड़ेगा. इसमें शर्माने की ज़रुरत नहीं है. गलत दवा और गलत इलाज आपकी सेहत के लिए ख़तरनाक है. खैर, सबसे पहले ये जान लीजिए कि शीघ्रपतन क्या है और क्यों होता है.
शीघ्रपतन क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर प्रवीन त्रिपाठी ने.

नॉर्मल से कम समय में अगर इजैक्यूलेशन हो जाए या वीर्य डिस्चार्ज हो जाए, तो उसको शीघ्रपतन कहते हैं. कुछ लोगों में सेक्स की शुरुआत में ही डिस्चार्ज हो जाता है. कुछ लोगों में पेनिट्रेशन करते ही डिस्चार्ज हो जाता है. कुछ लोगों को पर्याप्त समय से पहले डिस्चार्ज हो जाता है. अगर दो मिनट से कम समय में डिस्चार्ज होता है, तो उसे शीघ्रपतन कहते हैं. कुछ गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर एक मिनट से कम समय में डिस्चार्ज हो जाए तो उसे शीघ्रपतन कहते हैं. अगर ये समस्या 6 महीने से ज़्यादा चलती है, मेडिकल भाषा में तब ही इसे शीघ्रपतन कहा जा सकता है.
कुछ लोगों का लिंग ज्यादा सेंसिटिव होता है. जितना ज्यादा सेंसिटिव होगा, उतना जल्दी डिस्चार्ज होगा. अगर किसी की ब्रेन में सेरोटोनिन नाम का न्यूरोट्रांसमीटर का लेवल कम है, तो भी ये समस्या देखी जाती है. नया पार्टनर और नया सेक्शुअल एक्सपीरियंस भी वजह बन सकते हैं. एंग्जायटी की वजह से भी ऐसा होता है. नशा करने से भी शीघ्रपतन होता है.
कौन से टेस्ट किए जाते हैं?-इलाज से पहले नॉर्मल ब्लड टेस्ट किए जाते हैं
-देखा जाता है कि लिवर और किडनी ठीक तरह से काम कर रहे हैं या नहीं
-थायरॉइड के लेवल ठीक हैं या नहीं
-टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन के लेवल भी चेक किए जाते हैं

इलाज दो तरीके से होता है. मेडिकल ट्रीटमेंट में दवाइयां इस्तेमाल की जाती हैं. ये दवाइयां SSRI ग्रुप की होती हैं. पेशेंट को समझाया जाता है कि क्लाइमैक्स महसूस होते ही या तो खुद को रोक लें या स्लो हो जाएं, ताकि लिंग को सेंसेशन महसूस न हो. 15-25 सेकेंड का ब्रेक लेने के बाद, दोबारा सेक्स कर सकते हैं. ऐसे में इंसान अपने शरीर को कंट्रोल करना सीख जाता है.
उम्मीद है कि जो भी लोग शीघ्रपतन की समस्या ये जूझ रहे हैं, ये जानकारी उनके काम आएगी. डॉक्टर से मिलने में न हिचकें. इस समस्या का इलाज है, बस ज़रूरी है कि आप सही जगह से इसे लें. फर्ज़ी लोगों के चक्कर में पड़कर अपना नुकसान न करें.
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