(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
"मूड अच्छा रहता है"- बिना दवाई के शरीर में ऐसे बढ़ाएं हैप्पी हॉरमोन्स
आप जो भी महसूस करते हैं, उसके पीछे काफ़ी हद तक आपके हॉर्मोन्स का हाथ होता है

क्या आपको ज़िंदगी में कभी किसी से प्यार हुआ है? जिस-जिस को हुआ है, वो अपने रोमांस के शुरुआती दिन याद करे. दुनिया में प्यार को लेकर जो भी गाने बने हैं, वो सारे उस फीलिंग को जस्टिफाई करते हैं. प्यार को नशा ऐसे ही थोड़ा न कहा जाता है. इस दौर में आप बहुत ख़ुश रहते हैं. दुनिया में जो हो रहा हो, कोई फ़र्क ही नहीं पड़ता! सब अच्छा लगता है. मूड अच्छा रहता है. है न? अब इस प्यार मोहब्बत से सेहत का क्या कनेक्शन, राइट? बहुत बड़ा कनेक्शन है. ये प्यार में जो ‘गुडी-गुडी फीलिंग्स’ आपको महसूस हो रही हैं, उनके पीछे हाथ है हॉर्मोन्स का. कौन सा है ये हॉर्मोन, अभी कुछ देर में पता चल जाएगा.
आज हम बात करने वाले हैं हैप्पी हॉर्मोन्स की. ये वो हॉर्मोन्स हैं, जिनकी वजह से आप ख़ुशी महसूस करते हैं. अच्छा महसूस करते हैं. आपकी सेहत बढ़िया रहती है. इन शॉर्ट, फ़ील गुड हॉर्मोन्स. क्या हैं ये हॉर्मोन्स हैं और आप अपने शरीर में इनका लेवल कैसे बढ़ा सकते हैं, जानते हैं डॉक्टर्स से.
ये हमें बताया डॉक्टर परिनीता कौर ने.

-हॉर्मोन्स वो केमिकल्स होते हैं जो शरीर में ग्लैंड्स यानी ग्रंथियों के ज़रिए रिलीज़ होते हैं
-कुछ न्यूरोट्रांसमीटर होते हैं जो खून के ज़रिए एक मेसेंजर (दूत) का काम करते हैं
-इन्हीं में से कुछ हॉर्मोन्स को हैप्पी हॉर्मोन्स कहते हैं
-ये मूड को अच्छा बनाने का काम करते हैं
-ये हॉर्मोन्स हैं सेरोटोनिन, डोपामाइन, इंडोरफिंस और ऑक्सीटोसिन
-डोपामाइन एक फ़ील गुड हॉर्मोन है
-क्योंकि ये मूड को अच्छा कर देता है
-डोपामाइन हॉर्मोन का लेवल शरीर में आउटडोर एक्टिविटी, बाहर एक्सरसाइज , दौड़ने, जोर से हंसने, लोगों का ख्याल रखने से और दोस्तों से मिलने-बातें करने से बढ़ता है
-सेरोटोनिन हॉर्मोन मूड को अच्छा बनाने के अलावा भूख, नींद और हाज़मे में भी मदद करता है
-इसका लेवल शरीर में एक्सरसाइज, अच्छी नींद या बैलेंस्ड डाइट खाने से बढ़ता है
-ऑक्सीटोसिन को लव हॉर्मोन भी कहते हैं
-किसी भी तरह की बॉन्डिंग से इस हॉर्मोन का लेवल शरीर में बढ़ता है
-जैसे स्तनपान करवाने से, मां-बच्चे के रिश्ते से
-शारीरिक स्नेह से ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का लेवल बढ़ता है
-एक्सरसाइज, आपस में बैठने, बातचीत करने से भी इसका लेवल बढ़ता है
-इंडोरफिंस को एक नेचुरल पेन रिलीवर की तरह देखा जाता है

-जब भी शरीर में कोई दर्द होता है तो बाहर से पेन किलर लिए जाते हैं
-लेकिन शरीर में नेचुरल पेन रिलीवर भी होते हैं जिन्हें इंडोरफिंस कहते हैं
-इनके लेवेल्स एक्सरसाइज, योग, लोगों से हमदर्दी और उनकी मदद करने से बढ़ते हैं
-इन हॉर्मोन्स से अच्छा फील होता है
-इसलिए इन हॉर्मोन्स को हैप्पी हॉर्मोन्स कहते हैं
सुनकर भले ही अजीब लगे, लेकिन सच तो यही है कि आप जो भी महसूस करते हैं उसके पीछे काफ़ी हद तक आपके हॉर्मोन्स का हाथ होता है. इन हॉर्मोन्स से आपका मूड, फीलिंग्स और सेहत काफ़ी कुछ प्रभावित होते हैं. बिना किसी दवा का सहारा लिए आप इनका लेवल अपने शरीर में कैसे बढ़ा सकते हैं, ये आपने सुन लिया. तो ट्राई करिए.
वीडियो: सेहत: स्तनपान करवाने से ब्रैस्ट कैंसर नहीं होता, डॉक्टर्स क्या कहते हैं?