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हार्ट अटैक से बचाने में कितनी कारगर है एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी?

एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी ब्लॉक नसों का पूरा समाधान नहीं है. लेकिन अगर ब्लॉक पड़ने की समस्या को खत्म नहीं किया गया तो नस दोबारा ब्लॉक हो सकती है.

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सिर्फ एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी से समस्या का समाधान नहीं होगा, इसके लिए लाइफस्टाइल भी बदलना जरूरी है. (सांकेतिक फोटो: सोशल मीडिया)

आजकल आए दिन हार्ट अटैक की ख़बरें आती रहती हैं. कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक पड़ रहा है. इसके पीछे वजह है दिल में मौजूद खून की नसों में रूकावट. ये रुकावट कई कारणों से हो सकती है. ऐसे में कई बार बात जान पर आ जाती है. तब पेशेंट को सर्जरी की ज़रुरत पड़ती है. इन्हीं सर्जरी में से एक है बाईपास सर्जरी जो आजकल बहुत आम हो गई है. क्या है ये सर्जरी, कैसे की जाती है और दिल की नसों में आने वाली रूकावट से कैसे बचें, इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं डॉक्टर्स से.

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खून की नसों में अगर रुकावट आ जाए तो क्या करें?

ये हमें बताया डॉक्टर कौशल छत्रपती ने.

डॉक्टर कौशल छत्रपती, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट

दिल की नसों में होने वाली रुकावट के दो उपाय हैं. पहला है एंजियोप्लास्टी (angioplasty) और स्टेंट. दूसरा उपाय है बाईपास सर्जरी (bypass surgery).  

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एंजियोप्लास्टी क्या होती है?

एंजियोप्लास्टी (angioplasty) और स्टेंट आजकल ज्यादा प्रचलित हैं. 80 से 90 प्रतिशत मरीजों का इलाज इसी से किया जाता है. जिस नस में रुकावट होती है उसमें पहले एक तार डाला जाता है. फिर एक छोटे गुब्बारे से उस रुकावट को फुलाकर निकाल दिया जाता है. नस में दोबारा रुकावट न हो इसके लिए एक छल्ला डाला जाता है जिसे स्टेंट कहते हैं. आजकल जो स्टेंट आते हैं उनमें दवाई लगी होती है. स्टेंट से दवाई धीरे-धीरे निकलती रहती है और भविष्य में नस ब्लॉक होने से रोकती है. 

एंजियोप्लास्टी (सांकेतिक फोटो: सोशल मीडिया) 

बाईपास सर्जरी क्या होती है?

दिल की ब्लॉक नसों का दूसरा उपाय है बाईपास सर्जरी. इसे कोरोनरी आरट्री बाईपास सर्जरी (Coronary Artery bypass surgery) भी कहा जाता है. इसमें नसों को खोला नहीं जाता और न ही कोई छल्ला डाला जाता है, बल्कि नस के ब्लॉकेज को बाईपास किया जाता है. इस प्रक्रिया में मरीज के शरीर से ही एक नस का हिस्सा लिया जाता है. जैसे कि लीमा (LIMA) यानी बाईं आंतरिक स्तन धमनी, रीमा (RIMA) यानी दाईं स्तन धमनी, सैफेनस वेन ग्राफ्ट्स और रेडियल धमनी. नस के हिस्से को ब्लॉक हो चुकी नस पर चिपकाया जाता है. जिसके बाद खून ब्लॉक हो चुकी नस के बजाय नए हिस्से से होकर बहता है. ये संरचना कुछ-कुछ पुल की तरह काम करती है. मरीज को ब्लड फ्लो में रुकावट का सामना नहीं करना पड़ता. 

बाईपास सर्जरी (सांकेतिक फोटो: सोशल मीडिया) 

बचाव

एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी ब्लॉक नसों का पूरा समाधान है. ये विकल्प समस्या से तुरंत राहत देने के लिए है. एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी से ब्लॉक खुल जाता है और आप हार्ट अटैक से बच जाते हैं. लेकिन अगर ब्लॉक पड़ने की समस्या को खत्म नहीं किया गया तो नस दोबारा ब्लॉक हो सकती है. इस समस्या से बचने के लिए रोज एक्सरसाइज करें. सिगरेट, शराब और तंबाकू का सेवन न करें. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखें. हेल्दी चीजें खाएं और जंक फूड से दूर रहें, पिज्जा-बर्गर आदि से परहेज करें. रोज 5-6 किलोमीटर चलें. इन सभी चीजों को फॉलो करने से आप नर्व ब्लॉकेज से बच सकते हैं. अगर एक एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी हो चुकी है तो दोबारा इस खतरे से बच सकते हैं.

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