# ग्लोरिया अरियेरा
रियो डि जेनेरो में रहती हैं. वेदांत दर्शन और संस्कृत पढ़ाती हैं. ब्राज़ील के कई शहरों में घूम-घूम कर पढ़ा चुकी हैं. 1974 में भारत आई थीं. अर्श संदीपनी साधनालय में वेद पढ़ने. ये मुंबई में है. चार साल भारत में रहीं. उत्तरकाशी और ऋषिकेश के आश्रमों में गईं, कोर्स करने और लेक्चर सुनने. 1979 में वापस गईं. रियो डि जेनेरो में विद्या मंदिर नाम का NGO चलाती हैं. कई संस्कृत ग्रंथों का पुर्तगाली भाषा में अनुवाद कर चुकी हैं.

# लिया डिस्किन
मूल रूप से अर्जेंटीना की हैं. लेकिन पिछले तीस साल से ब्राज़ील में रह रही हैं. महात्मा गांधी के दर्शन पर इनका अच्छा-खासा काम है. करीब चार दशक से वो महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को लोगों के बीच फैला रही हैं. एथिक्स और कल्चर पर किताबें लिखी हैं. महात्मा गांधी की जीवनी- 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' को उन्होंने पुर्तगाली में ट्रांसलेट किया है और वो किताब अब अपने आठवें संस्करण में है. लिया को समाज के लिए की गई उनकी सेवा के कारण पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा.

इस साल भारत सरकार ने कुल 141 पद्म सम्मानों का ऐलान किया है. इनमें सात पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 118 पद्मश्री अवॉर्ड्स शामिल हैं. इस बार कुल 33 महिलाओं को पद्म पुरस्कार दिये जाएंगे. वहीं, 12 अवॉर्डी ऐसे हैं जो फॉरेनर्स कैटेगरी में आते हैं.
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