विकास कुमार. जयपुर के रहने वाले हैं. 42 साल के हैं. उनको ज़ेन्थेलेज़्मा है. हो सकता है आप ये शब्द ज़िंदगी में पहली बार सुन रहे हों. पर ये क्या होता है आपको पता होगा. आपने देखा होगा कई लोगों की आंखों के आसपास एक पीली सी परत बन जाती है. दूर से देखने में ये चकत्ते जैसे लगते हैं. इसी को ज़ेन्थेलेज़्मा कहते हैं. विकास चाहते हैं कि हम अपने रीडर्स को ज़ेन्थेलेज़्मा के बारे में बताएं. ज़ेन्थेलेज़्मा क्या होता है? ये हमें बताया डॉक्टर राजीव ने.

ज़ेन्थेलेज़्मा एक तरह की बीमारी है जिसमें आंखों के ऊपर और नीचे पीले रंग के निशान बन जाते हैं, ज़्यादातर ऊपर बनते हैं. कई बार आंखों के चारों तरफ़ भी बन जाते हैं. Xanthelasma होता क्यों है? -अगर आपका कॉलेस्ट्रोल या लिपिड्स (एक तरह का फैट) बढ़े हुए हैं तो आपके स्किन के अंदर कॉलेस्ट्रोल इकट्टा होने लगता है, जिसकी वजह से ये निशान बनते हैं
-कई और कारण भी हैं जैसे गुड कॉलेस्ट्रोल घटा हुआ है
-जिनके परिवार में लोगों को हाई कॉलेस्ट्रोल और लिपिड्स बढ़ने की बीमारी रही है, उनमें भी ज़ेन्थेलेज़्मा के चांसेज़ ज़्यादा होते हैं

-अगर आप जंक फ़ूड या ऑयली फ़ूड खाते हैं जिसकी वजह से आपका कॉलेस्ट्रोल बढ़ जाता है या लिपिड्स बढ़ रहे हैं तो भी आपको ज़ेन्थेलेज़्मा हो सकता है
आपने कारण जान लिए, अब बात करते हैं बचाव और इलाज की. ज़ेन्थेलेज़्मा से कैसे बच सकते हैं? -ज़ेन्थेलेज़्मा किसी को भी हो सकता है, लेकिन अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो कॉलेस्ट्रोल और लिपिड प्रोफाइल को ठीक रखना होगा
-जिन लोगों के परिवार में कॉलेस्ट्रोल की दिक्कत रही है यानी कॉलेस्ट्रोल बढ़ा रहता है, उन लोगों को अपना कॉलेस्ट्रोल और लिपिड्स चेक करवाते रहना चाहिए. उसको कंट्रोल में रखना चाहिए
-उसके अलावा जो लोग ऐसी डाइट खाते हैं जिससे उनका कॉलेस्ट्रोल और लिपिड प्रोफाइल बढ़ सकता है, वो अपनी डाइट ठीक रखें
-साथ में एक्सरसाइज़ भी करें ताकि उनका लिपिड प्रोफाइल ठीक रहे
-अगर लिपिड प्रोफाइल ठीक रहेगा तो बहुत कम चांसेज़ हैं कि आपको ज़ेन्थेलेज़्मा की परेशानी हो ज़ेन्थेलेज़्मा का इलाज क्या है? -अगर आपका ज़ेन्थेलेज़्मा कम है, आपको इससे कोई परेशानी नहीं है, या दिखने में ख़राब नहीं लग रहा है तो आपको इलाज की ज़रूरत नहीं है
-ज़्यादातर लोग जो ज़ेन्थेलेज़्मा का इलाज चाहते हैं उसकी पीछे वजह होती है कि वो दिखने में अच्छा नहीं लग रहा होता. यानी कॉस्मेटिक कारणों से लोग इसका इलाज करवाते हैं

-इलाज के लिए कुछ लोशन लगाए जाते हैं जैसे ट्राइक्लोरोएसिटिक एसिड (Trichloroacetic Acid)
-इसका मुख्य इलाज सर्जरी है
-केमिकल कॉटराइज़ेशन(Chemical Cauterization)यानी केमिकल की मदद से किसी जगह से उस टिश्यू को हटाना
-लेज़र थेरेपी
-क्रायोथेरेपी (Cryotherapy). इसमें टिश्यू को फ्रीज़ करके हटाया जाता है
-ज़ेन्थेलेज़्मा क्योंकि कॉलेस्ट्रोल और लिपिड्स बढ़ने के कारण होता है, इसलिए इलाज के लिए कॉलेस्ट्रोल और लिपिड्स को कंट्रोल करने की ज़रूरत पड़ती है. इसके लिए दवाइयां दी जाती हैं
- कॉलेस्ट्रोल और लिपिड्स को कंट्रोल करने से ज़ेन्थेलेज़्मा भी ठीक हो जाएगा, लेकिन ज़ेन्थेलेज़्मा एक मार्कर है जिससे ये भी पता चलता है कि शरीर में कॉलेस्ट्रोल और लिपिड्स बढ़े हुए हैं, इसलिए आपको उसका भी इलाज करना है ताकि दूसरी बीमारियां भी न हों. कॉलेस्ट्रॉल बढ़ने का सीधा खतरा दिल की सेहत पर होता है, इसलिए इसे नज़रअंदाज़ बिल्कुल न करें.
उम्मीद है जिन लोगों को ज़ेन्थेलेज़्मा की दिक्कत है, ये जानकारी उनके ज़रूर काम आएगी.
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