जिम में बॉडी बनाने में बहुत मेहनत लगती है. मांसपेशियों को मज़बूत करने में महीनों, सालों लग जाते हैं. पर वापस चर्बी आने में, वज़न बढ़ने में बहुत कम समय. हमारे व्यूअर हैं रितेश. काफ़ी समय से जिम जा रहे थे. एक्सरसाइज और हैवी वर्कआउट कर रहे थे. मसल्स भी बना लिए थे. पर कुछ समय पहले उनके पैर की हड्डी टूट गई. जिस वजह से वो एक्सरसाइज नहीं कर पाए. अब पैर तो ठीक है, पर वो ज़्यादा जोर नहीं लगा सकते. इस वजह से एक्सरसाइज और जिम पूरी तरह से छूट गया. देखते ही देखते उनकी मांसपेशियां गायब हो गईं. शरीर में चर्बी बढ़ गई, और भी कई बदलाव आए हैं.
अचानक जिम छोड़ने से शरीर को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
भले ही आप हैवी एक्सरसाइज नहीं कर सकते. जिम नहीं जा सकते. पर किसी न किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी करते रहें. नहीं तो न सिर्फ़ वज़न बढ़ेगा बल्कि और समस्याएं भी होंगी.

रितेश चाहते हैं कि हम किसी फिटनेस एक्सपर्ट से एकदम से एक्सरसाइज या जिम छोड़ने से होने वाले नुकसानों के बारे बात करें. साथ ही ये भी बताएं कि अगर जिम वापस जाना मुमकिन नहीं है तो कैसे बॉडी मेनटेन करें.
एकदम से जिम छोड़ देने पर शरीर में क्या बदलाव आते हैं?ये हमें बताया फिटनेस एक्सपर्ट कुशल पाल सिंह ने.

अगर आप लंबे समय से वर्कआउट कर रहे थे और किसी कारण से अचानक बंद करना पड़ रहा है तो क्या इसका शरीर पर प्रभाव पड़ेगा? जवाब है हां, शरीर में बदलाव आना तय है. आपने अपने फ़िटनेस लेवल का सफ़र ज़ीरो से हीरो तक एक लंबे समय में तय किया है. जब आप एक्सरसाइज करना बंद कर देते हैं तो आपका फ़िटनेस लेवल वापस जीरो पर आएगा ही. इसके अलावा जो लक्षण देखने को मिलेंगे वो हैं मोटापा वापस आना. एनर्जी लेवल कम होना. नींद की साइकिल में बदलाव आना. मानसिक स्वास्थ पर भी असर पड़ता है.
किस तरह का नुकसान झेलना पड़ता है शरीर को?उदाहरण के तौर पर जब हम वर्कआउट कर रहे थे तब दिल और लंग्स ज़्यादा कैपेसिटी में काम कर रहे थे, उसमें गिरावट देखने को मिल सकती है. मांसपेशियों की ताकत में भी गिरावट देखने को मिल सकती है. शरीर के बैलेंस में भी गिरावट आना संभव है. शरीर का लीन बॉडी मास यानी बोन मास और मसल मास इनमें भी गिरावट आती है. उस गिरावट की वजह से शरीर का फैट परसेंटेज बढ़ जाएगा. जिसकी वजह से मोटापा आना तय है. जब हम एक्सरसाइज कर रहे होते हैं तब हमारा मेटाबॉलिज्म बहुत दुरुस्त होता है.
एक्सरसाइज बंद करने पर मेटाबॉलिज्म में परिवर्तन आता है. ये मेटाबॉलिज्म ही है जो ब्लड शुगर लेवल, ग्लूकोस लेवल या ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है. इसलिए मेटाबॉलिज्म में अगर कोई बदलाव आएगा तो उसका असर इन पर भी पड़ेगा. मानसिक स्वास्थ में भी बदलाव आता है. ख़ुशी और एनर्जी लेवल में गिरावट आ सकती है. जब हम एक्सरसाइज कर रहे होते हैं तो इम्यूनिटी ठीक रहती है. लेकिन जब एक्सरसाइज बंद कर देते हैं तो उसका असर इम्यूनिटी पर भी पड़ता है. जो कि नीचे आने लगती है और उसकी वजह से बार-बार बीमार पड़ते हैं.
अगर हमें ज़िंदगी भर हेल्दी और फ़िट रहना है तो ज़िंदगीभर ही इसके लिए मेहनत करनी पड़ेगी. लेकिन फिर भी अगर किसी वजह से हमें जिम या व्यायाम बंद करना पड़ रहा है तो कुछ बातों पर गौर ज़रूर करें. एक्सरसाइज को अचानक से पूरी तरह बंद न करें. धीरे-धीरे कम करें. खाने-पीने की आदतों को दुरुस्त रखना होगा. हेल्दी खाते रहें. मानसिक स्वास्थ पर गौर करें. सोशली एक्टिव रहें. मेडिटेशन करें. किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी करते रहें. WHO के मुताबिक एक इंसान को हफ़्ते में 150 मिनट फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए. जैसे चलना, जॉगिंग, योग वगैरा.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)