(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
प्रेग्नेंसी के बाद पहले पीरियड से जुड़ी सारी जानकारी यहां है
डिलीवरी होने के बाद अगले 6 हफ़्तों तक महिलाओं को ब्लीडिंग होती है. पर ये पीरियड नहीं होता.

हेमुल 27 साल की हैं. लगभग 2 महीने पहले उनकी डिलीवरी हुई थी. ये हेमुल की पहली प्रेग्नेंसी थी. डिलीवरी होने के बाद लगभग 5 हफ़्तों तक उन्हें ब्लीडिंग होती रही. जब 5 हफ़्तों बाद ये ब्लीडिंग रुकी तब उनके पीरियड शुरू हुए. अब आप पूछेंगे डिलीवरी के बाद जब ब्लीडिंग हो रही थी तो पीरियड 5 हफ़्ते बाद कैसे हुए? लोगों को ये बहुत बड़ी गलतफ़हमी होती है कि डिलीवरी के बाद लगातार होने वाली ब्लीडिंग पीरियड होती है. ये पीरियड नहीं है. इसके बारे में हम थोड़ी देर में बात करेंगे, फ़िलहाल वापस आते हैं हेमुल पर.
हेमुल ने हमें बताया कि डिलीवरी के बाद उनके पीरियड्स एकदम बदल से गए हैं. प्रेग्नेंसी के पहले उन्हें कभी भी पीरियड से जुड़ी कोई प्रॉब्लम नहीं रही. पर अब पीरियड बहुत ज़्यादा हैवी होते हैं, काफ़ी ब्लीडिंग होती है, बहुत दर्द होता है और पीरियड्स बहुत लंबे चलते हैं. अब इसकी वजह से उन्हें बहुत ज़्यादा कमज़ोरी महसूस हो रही है और वो काफ़ी स्ट्रेस में भी हैं. हेमुल चाहती हैं हम उनकी प्रॉब्लम के बारे में बात करें. और ये दिक्कत अकेले हेमुल की नहीं है, ऐसा डिलीवरी के बाद कई औरतों के साथ होता है.
इस पूरे हफ़्ते सेहत पर हम बात कर रहे हैं औरतों की हेल्थ के बारे में. इसलिए इस प्रॉब्लम का हल खोजना तो ज़रूरी है. सुनिए डॉक्टर्स क्या कहते हैं.
प्रेग्नेंसी के बाद पहली बार पीरियड कब शुरू होते हैं?ये हमें बताया डॉक्टर रितु सेठी ने.

-डिलीवरी होने के बाद अगले 6 हफ़्तों तक महिलाओं को ब्लीडिंग होती है.
-लेकिन ये पीरियड नहीं हैं.
-प्रेग्नेंसी के दौरान 9 महीनों तक पीरियड नहीं होते.
-लेकिन डिलीवरी होने के बाद जो बच्चेदानी की लाइनिंग है जहां से नाल जुड़ी है, वो एरिया शरीर से बाहर निकलता है.
-ये सेल्स निकलते हैं क्योंकि बच्चेदानी अपने नॉर्मल साइज़ में वापस आने लगती है.
-हॉर्मोन्स की वजह से बच्चेदानी की जो लाइनिंग निकल रही है, उसकी वजह से ब्लीडिंग होती है.
-ये ब्लीडिंग ब्राइट लाल रंग की होती है.
-पहले कुछ दिनों में ये थोड़ा हैवी होती है.
-अगले 2 हफ़्तों तक इस ब्लीडिंग का रंग बदलता है.
-ये भूरे रंग की हो जाती है.
-कम हो जाती है.
-6 हफ़्ते होते-होते ये ब्लीडिंग इतनी कम हो जाती है कि केवल पीले रंग का डिस्चार्ज रहता है.
-लेकिन इस ब्लीडिंग को पीरियड नहीं कहते.
-नॉर्मल पीरियड साइकिल डिलीवरी के 6-8 हफ़्तों के बाद ही शुरू होती है.
-कई महिलाओं में ये पीरियड और ज़्यादा लेट होते हैं.
-अगर कोई महिला अपने बच्चे को ब्रेस्टफ़ीड कर रही है तो पीरियड और भी लेट शुरू हो सकते हैं.

-डिलीवरी के बाद होने वाले पीरियड, पहले होने वाले पीरियड से थोड़ा अलग हो सकते हैं.
-कई महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग होती है.
-लेकिन आगे होने वाले पीरियड अपने आप नॉर्मल होते जाते हैं, जैसे पहले होते थे.
-पर अगर कोई महिला ब्रेस्टफ़ीड कर रही है तो हो सकता है प्रेग्नेंसी के बाद होने वाले पीरियड की ड्यूरेशन अलग हो.
-पीरियड का पैटर्न पहले से थोड़ा अलग हो सकता है.
-जैसे पीरियड थोड़ा लेट हों या बाद में होने वाले पीरियड थोड़े कम हो जाएं.
-या ज़्यादा समय के गैप पर आएं.
-ऐसा हॉर्मोन्स में आने वाले बदलाव और उथल-पुथल के कारण होता है.
किन लक्षणों को देखकर सतर्क हो जाना चाहिए?-अगर प्रेग्नेंसी के बाद होने वाले पीरियड पहले होने वाले पीरियड से बहुत अलग हैं.
-जैसे बहुत हैवी ब्लीडिंग हो रही है.
-जल्दी-जल्दी पीरियड हो रहे हैं.
-बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है.
-पीरियड लंबे समय तक चल रहे हैं.
-ये लक्षण देखने के बाद डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
-क्योंकि हो सकता है आपका हीमोग्लोबिन डिलीवरी के बाद कम हो गया हो.
-या कोई प्रॉब्लम हो जैसे थायरॉइड, बच्चेदानी के अंदर फाइब्रॉइड या बच्चेदानी के अंदर छोटी सी ग्रोथ जिसको पॉलिप कहते हैं.
-इसकी वजह से पीरियड बहुत ज़्यादा डिस्टर्ब हो जाते हैं.

-इन लक्षणों को लेकर सतर्क रहें.
-लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें.
हेल्दी पीरियड टिप्स-डिलीवरी के बाद महिलाएं काफ़ी कमज़ोर महसूस करती हैं.
-वजह है स्ट्रेस, ब्लीडिंग, टांके और ब्रेस्टफ़ीडिंग.
-इसलिए हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लें.
-डाइट में पानी और फ्लुइड्स रखें.
-अच्छे से रेस्ट करें.
-आयरन और कैल्शियम सप्लीमेंट ज़रूर लें.
-डॉक्टर की सलाह अनुसार टांकों का ध्यान रखें.
-चाहे वो नॉर्मल डिलीवरी हो या सी-सेक्शन (ऑपरेशन).
-डाइट में आयरन और कैल्शियम ज़रूर लें.
-स्ट्रेस फ्री रहें.
-डिलीवरी के बाद पीरियड में बदलाव आने की बड़ी वजह है आयरन की कमी.
-अगर पीरियड हैवी हो रहे हैं या जल्दी-जल्दी हो रहे हैं तो डॉक्टर से मिलें.
-ये हीमोग्लोबिन कम होने का संकेत हो सकता है.
जैसा डॉक्टर ऋतू ने बताया, कुछ लक्षण हैं जिनको लेकर आपको थोड़ा सतर्क रहना चाहिए. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें. साथ ही अपनी डाइट में आयरन और कैल्शियम ज़रूर लें. इनकी कमी की वजह से भी ये दिक्कतें हो सकती हैं.
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