पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों से एक महिला की मौत का मामला काफी गरमाया हुआ है. महिला का नाम था नूर मुकादम. 27 बरस की थीं. पाकिस्तान को पूर्व राजनयिक शौकत मुकादम की बेटी थीं. 20 जुलाई को इस्लामाबाद के एक घर में वो मृत पाई गईं. उनका सिर धड़ से अलग कर दिया गया था. हत्या का आरोप पाकिस्तान के एक नामी बिज़नेसमैन के बेटे ज़हीर जाकिर जफर पर लगा है.
कौन हैं नूर मुकादम, जिनकी सिर कटी लाश ने पाकिस्तान में हंगामा मचा दिया
पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक की बेटी की निर्मम हत्या का सच क्या है?

क्या है पूरा मामला?
पाकिस्तान के जाने-माने अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जुलाई को इस्लामाबाद के कोशर पुलिस थाने में शौकत मुकादम ने FIR दर्ज करवाई. जिसके मुताबिक, शौकत और उनकी पत्नी 19 जुलाई को किसी काम से अलग-अलग जगहों पर गए थे, माने घर पर नहीं थे. जब लौटे, तो उन्हें नूर घर पर नहीं मिली. नूर का फोन नंबर भी स्विच ऑफ जा रहा था. उन्होंने खोजना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद नूर का कॉल आया, उसने बताया कि वो अपने दोस्तों के साथ लाहौर जा रही है और एक-दो दिन बाद लौटेगी.
20 जुलाई की दोपहर उन्हें ज़हीर का कॉल आया. दोनों ही परिवार एक-दूसरे को पहले से जानते थे. ज़हीर ने उन्हें बताया कि नूर उसके साथ नहीं है. रात करीब 10 बजे शौकत मुकादम को पुलिस थाने से कॉल आया, बताया गया कि नूर की हत्या कर दी गई है. पुलिस शौकत को लेकर इस्लामाबाद के सेक्टर F-7/4 गई, ये था ज़हीर का घर. जहां उन्होंने पाया कि नूर का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ है, सिर धड़ से अलग हो गया था. इसी के तुरंत बाद पुलिस ने ज़हीर को गिरफ्तार कर लिया. शौकत मुकादम ने FIR ज़हीर के ऊपर नूर की सोचीसमझी हत्या करने के आरोप लगाए. ज़हीर के खिलाफ पाकिस्तान पेनल कोड यानी PPC के सेक्शन 302 माने सुनियोजित हत्या का केस दर्ज हुआ.
नूर के दोस्त बने अहम गवाह
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, पता चला कि ब्रेन में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने की वजह से मौत हुई. 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने अपनी छानबीन में पाया कि नूर ने लाहौर जाने की बात कही थी, लेकिन वो वहां गई ही नहीं थी, वो पूरे समय इस्लामाबाद में ही थी. इस मामले में नूर के दोस्त बेहद खास गवाह बन रहे हैं. दरअसल, जब नूर का उसके परिवार से कॉन्टैक्ट नहीं हो रहा था, तब दोस्तों ने नूर को खोजना शुरू किया. एक दोस्त को नूर की तरफ से ये मैसेज मिला कि वो ज़हीर के घर में ज़बरन कैद करके रखी गई है, ऐसे में 20 जुलाई के दिन नूर के पांच दोस्त ज़हीर के घर पहुंचे. उन्होंने पाया कि घर अंदर से बंद था और ज़हीर बालकनी में ख़ॉा था. उसके हाथ में हथियार थे. उसने हथियार दोस्तों की तरफ दिखाया और अपशब्दों का इस्तेमाल किया.
दोस्तों को शक हुआ कि कुछ न कुछ नूर के साथ गलत हुआ है, ऐसे में एक लड़की पुलिस थाने पहुंची और मामले की जानकारी दी. 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के पहुंचने के पहले ही कुछ थेरेपीवर्कर्स घटनास्थल पर पहुंच गए और उन्होंने घर का दरवाज़ा तोड़कर एंट्री ली. थेरेपीवर्क्स पाकिस्तान की एक लीडिंग कंपनी है, जो ड्रग रिहेबिलिटेशन सेंटर्स चलाती है. रिपोर्ट्स हैं कि ज़हीर ने भी यहां थेरेपिस्ट के तौर पर काम किया था.
खैर, पुलिस अधिकारियों ने आगे जानकारी दी कि जब ये थेरेपीवर्कर्स वहां पहुंचे, तो ज़हीर ने उनके ऊपर भी हमला किया. जिसके बाद इन थेरेपीवर्कर्स ने ज़हीर को रस्सियों से बांधकर काबू में किया और जब पुलिस आई तो पुलिस को सौंपा. इधर नूर के दोस्तों का कहना है कि ज़हीर और नूर बचपन से ही एक-दूसरे को जानते थे और रिलेशनशिप में भी थे. लेकिन करीब दो साल पहले दोनों का ब्रेकअप हो गया था. उसके बाद दोनों की मुलाकात केवल गेदरिंग्स और ईवेंट्स के दौरान होती थी. लेकिन ब्रेकअप के बाद ज़हीर नूर के दोस्तों को अब्यूज़िव और धमकी भरे मैसेज भेजने लगा. नूर के दोस्तों का कहना है कि इस मर्डर के पीछे का मकसद बदला लेना ही है. 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात को SSP इन्वेस्टिगेशन अत्ताउर रहमान ने भी कन्फर्म किया है.
इस मामले में चूंकी थेरेपीवर्क्स का नाम भी सामने आया है, और पिछले कुछ दिनों से ये कंपनी पहले ही अन्य कारणों से आलोचनाओं का शिकार हो रही थी. इसलिए अब इस पर भी गाज़ गिर रही है. डिप्टी कमिश्नर हमज़ा शफक़ात ने जानकारी दी कि थेरेपीवर्क्स को सील करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं. साथ ही ज़हीर जफर के पैरेंट्स को भी अरेस्ट किया जा चुका है. ये जानकारी 25 जुलाई को सामने आई.
पैरेंट्स पर क्या आरोप?
पैरेंट्स समेत घर पर काम करने वाले दो स्टाफ को भी अरेस्ट किया गया है. इन पर सबूत छिपाने और अपराध में शामिल होने के आरोप हैं. इधर 25 जुलाई को नूर के मामले में सुनवाई की गई. पुलिस ने बताया कि उन्होंने आरोपी के पास से एक पिस्टल, चाकू और नकल डस्टर बरामद किया है. ये भी बताया कि जांच में ये सामने आया है कि नूर की हत्या के पहले आरोपी ने नकल डस्टर से उसे टॉर्चर किया था. आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त में है. वहीं DNA टेस्ट भी कराया जाएगा, ये जानने के लिए कि कहीं विक्टिम सेक्शुअल असॉल्ट का शिकार तो नहीं हुई. इसके अलावा पुलिस हत्या के असली मकसद का पता लगाने की भी कोशिश कर रही है.
इसी के साथ एक और बात बता दें. ज़हीर का परिवार पहले उसे बचाने के लिए ये साबित करने की कोशिश कर रहा था कि जहीर की मानसिक हालत ठीक नहीं है. लेकिन पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी के वक्त वो मानसिक तौर पर एकदम फिट पाया गया था. नूर की हत्या का मामला जब से सामने आया है, सोशल मीडिया पर इंसाफ की मांग लगातार उठ रही है. ट्विटर पर ‘JusticeForMukadam' भी चल रहा है. पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों में ये तीसरा ऐसा मामला है, जहां किसी औरत के ऊपर बेरहमी से हमला किया गया.