(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
बच्चे को दूध पिलाने से क्या सच में ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है?
बच्चे को एक साल तक दूध पिलाने से शरीर में मौजूद एस्ट्रोजेन हॉर्मोन का असर कुछ समय के लिए रुकता है.

ब्रेस्टफीडिंग यानी स्तनपान करवाना (Breastfeeding) बच्चे के लिए कितना ज़रूरी होता है, इसके बारे में तो बहुत बात होती है. मां के दूध से बच्चे की इम्युनिटी मज़बूत होती है. लेकिन स्तनपान का फ़ायदा केवल बच्चे को नहीं, मां को भी होता है. ऐसे ही एक फ़ायदे के बारे में हम आज बात करने वाले हैं. दरअसल, लल्लनटॉप की व्यूअर मेघना ने हमसे एक सवाल पूछा है. उन्होंने कई लोगों से सुना है कि ब्रेस्टफ़ीड करवाने से ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा कम होता है. वो जानना चाहती हैं कि क्या ये वाकई सच है? अगर हां, तो इसके पीछे की वजह क्या है? सबकुछ विस्तार से जानते हैं.
कम हो जाता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा?ये हमें बताया डॉक्टर कंचन कौर ने.

-ब्रेस्टफीडिंग किसी भी महिला के लिए बहुत ही नेचुरल चीज़ है
-बच्चे को मां का दूध पिलाना बेहद ज़रूरी है
-ये केवल बच्चे ही नहीं, मां के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद होता है
-इसलिए बच्चे को ब्रेस्टफ़ीड करवाने की पूरी कोशिश करें
-ब्रेस्टफ़ीड करवाने से न सिर्फ़ प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ा हुआ वज़न कम होता है बल्कि कैंसर का रिस्क भी कम होता है
-उन महिलाओं में जो लगभग एक साल तक बच्चे को स्तनपान करवाती हैं
-पहले 6 महीने केवल अपना ढूध देना है
-डब्बे का दूध नहीं देना है
-बच्चे को एक साल तक दूध पिलाने से शरीर में मौजूद एस्ट्रोजेन हॉर्मोन का असर कुछ समय के लिए रुकता है
-इसके रुकने से कैंसर होने का ख़तरा भी कम होता है
-इसको लाइफटाइम एक्सपोजर टू एस्ट्रोजेन बोलते हैं
-इस समय ओवरी में अंडे वैसे नहीं बनते
-हॉर्मोन लेवल कम होने के कारण ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क कम होता है
- ब्रेस्ट के अंदर कुछ हानिकारक सेल्स होते हैं जो आगे जाकर कैंसर बन सकते हैं
-ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ब्रेस्ट में कुछ ऐसे केमिकल बनते हैं जिनसे ये कैंसर बनाने वाले सेल्स खत्म हो जाते हैं

-जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवातीं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा 4 से 10 गुना ज़्यादा होता है
-इसलिए बच्चे को 1-2 साल तक दूध जरूर पिलाएं
-ये आपके और आपके बच्चे के लिए भी लाभदायक है
किन लक्षणों पर नज़र रखनी चाहिए?-ब्रेस्ट कैंसर का सबसे आम लक्षण है गांठ
-ब्रेस्ट में गांठ बनती है
-लोगों को लगता है कि अगर गांठ में दर्द होगा तभी कैंसर हो सकता है
-लेकिन ऐसा नहीं है
-बिना दर्द वाली गांठ ब्रेस्ट कैंसर का सबसे आम लक्षण है
-निप्पल का अंदर की तरफ़ धंसना
-निप्पल से खून या पानी का रिसाव होना
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-ब्रेस्ट की स्किन या निप्पल पर कोई ऐसा घाव होना जो 1-2 हफ़्ते के नॉर्मल इलाज से ठीक नहीं हो रहा
-या बगल में गांठ होना
-ऐसा कोई भी लक्षण महसूस हो तो डॉक्टर से जांच ज़रूर करवाएं
स्तनपान से ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क कैसे कम होता है, ये आपने सुन लिया. लेकिन ये मानकर नहीं चल सकते कि अगर आपने ब्रेस्टफ़ीड किया है, तो ज़िंदगी में कभी भी ब्रेस्ट कैंसर नहीं हो सकता. हां, रिस्क कम ज़रूर हो जाता है लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं होता. इसलिए डॉक्टर ने जो लक्षण बताए हैं, उन्हें याद रखिए. कभी भी कोई ऐसा लक्षण महसूस हो, तो समय रहते डॉक्टर से जांच करवाएं.
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