1. जानकी अम्मल
रीसर्च का फील्ड: बॉटनी (पादप विज्ञान)
क्या किया?

बॉटनी की फील्ड में पीएचडी करने वाली भारत की पहली औरत थीं. हाइब्रिड क्वॉलिटी के गन्ने और बैंगन तैयार किए. अम्मल ने गन्नों के ढेर सारे हाइब्रिड बनाए. उनके कारण भारत को मीठे गन्ने मिले. बायोटेक्नोलॉजी के फील्ड में इनके नाम से रीसर्च चेयर बनेगी.
2. इरावती कर्वे
रीसर्च का फील्ड : एन्थ्रोपोलॉजी (मनुष्य जाति का विज्ञान)
क्या किया?

देश की पहली महिला एन्थ्रोपोलॉजिस्ट मानी जाती हैं. पुणे यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ एन्थ्रोपोलॉजी उन्होंने ही शुरू किया था. डेकन कॉलेज (हैदराबाद) के डिपार्टमेंट ऑफ सोशियोलॉजी और एन्थ्रोपोलॉजी की हेड रहीं. मराठी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में काम किया.
3. रमन परिमला
रीसर्च का फील्ड: मैथमैटिक्स (गणित- अलजेब्रा)
क्या किया?

अलजेब्रा में इनका योगदान रहा है. काफी समय तक टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रीसर्च में प्रोफ़ेसर रहीं. एमरी यूनिवर्सिटी जॉर्जिया में आर्ट्स एंड साइंसेज की विशिष्ट प्रोफ़ेसर हैं, मैथ्स डिपार्टमेंट की. कई विदेशी यूनिवर्सिटीज़ में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर रह चुकी हैं.
4. एना मणि
रीसर्च का फील्ड: मीटरोलॉजी (मौसम विज्ञान)
क्या किया?

मौसम में आ रहे बदलाव मापने वाले यंत्र एना मणि ने भारत में पॉपुलर किये. मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट की हेड रहीं, जहां 121 पुरुष इनकी मातहती में काम करते थे. देश और विदेश के कई साइंटिफिक ऑर्गेनाइजेशन्स से जुड़ी हुई थीं. भारतीय मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के डिप्टी डिरेक्टर जनरल पद से रिटायर हुईं.
5. कादम्बिनी गांगुली
रीसर्च का फील्ड: मेडिसिन
क्या किया?

कलकत्ता मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर डॉक्टर बनने वाली पहली भारतीय महिला थीं. आनंदी बाई जोशी भी इनके साथ ही डॉक्टर बनी थीं लेकिन उनकी डिग्री अमेरिका से थी. पाश्चात्य मेडिसिन में दक्षिण एशिया से डिग्री लेने वाली वो पहली भारतीय ही नहीं, बल्कि पूरे ब्रिटिश राज में पहली महिला थीं.
6. अर्चना शर्मा
रीसर्च का फील्ड: साइटोजेनेटिक्स (कोशिका आनुवांशिकी)
क्या किया?

कलकत्ता यूनिवर्सिटी में जेनेटिक्स की प्रफेसर रहीं. D.Sc.(डॉक्टर ऑफ साइंस) की डिग्री वहां से पाने वाली वो दूसरी महिला थीं. पौधों में प्रजातियां किस तरह अलग-अलग होती हैं, और उनकी कोशिकाओं में किस तरह का अंतर होता है, इन सब पर उनकी रीसर्च रही. आर्सेनिक का पानी पर क्या असर होता है, ये भी उन्होंने बताया. इंडियन बोटैनिकल सोसाइटी की प्रेसिडेंट भी रहीं.
7. राजेश्वरी चटर्जी
रीसर्च का फील्ड: इंजीनियरिंग
क्या किया?

कर्नाटक की पहली महिला इंजिनियर थीं. अपने B.Sc और M.Sc की डिग्री में अपनी बेहतरीन परफॉरमेंस के लिए उन्होंने अवॉर्ड भी जीते. IISc ( इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंसेज) में फैकल्टी रहीं. अपने पति के साथ मिलकर उन्होंने माइक्रोवेव इंजिनियरिंग पर रीसर्च की जो भारत में अपनी तरह की पहली रीसर्च थी.
8. विभा चौधरी
रीसर्च का फील्ड: फिजिक्स
क्या किया?

पार्टिकल फिजिक्स (कण भौतिकी) और कॉस्मिक रेज (कॉस्मिक किरणें) पर काम किया. देबेन्द्र मोहन बोस के साथ मिलकर बोसॉन पार्टिकल्स पर काम किया. अपनी पीएचडी के लिए वो यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर गईं. वहां से डिग्री लेकर आईं, तो टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रीसर्च में आठ साल तक पढ़ाया. एक तारे का नाम इनके नाम पर ‘विभा’ रखा गया.
9. दर्शन रंगनाथन
रीसर्च का फील्ड: केमिस्ट्री
क्या किया?

दर्शन रंगनाथन (तस्वीर: विकिमीडिया)
मिरांडा कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ केमिस्ट्री की हेड थीं. देश की सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाली ऑर्गेनिक केमिस्ट थीं. अलग-अलग तरह के प्रोटीन्स के बनने, और कई तरह के प्रोटीन डिजाइन करने को लेकर उनकी स्टडी की वजह से उनके कई रीसर्च पेपर छपे. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी की डिप्टी डायरेक्टर रहीं.
10. कमल रानादिवे
रीसर्च का फील्ड: बायोमेडिसिन
क्या किया?

कैंसर और अलग-अलग वायरस के बीच के कनेक्शन के ऊपर इनकी रीसर्च रही. मुंबई के इंडियन कैंसर रीसर्च सेंटर (ICRC) में इन्होंने पहली टिशू कल्चर रीसर्च लैब शुरू की. इंडियन विमेन साइंटिस्ट्स एसोसियेशन की फाउंडर मेंबर थीं. ICRC में वो सीनियर रीसर्च ऑफिसर रहीं, उसके बाद डायरेक्टर भी रहीं. लेप्रोसी से जुड़ी वैक्सीन में उनकी रीसर्च बहुत काम आई थी.
11. असीमा चटर्जी
रीसर्च का फील्ड: ऑर्गेनिक केमिस्ट्री
क्या किया?

किसी भारतीय यूनिवर्सिटी से D.Sc की डिग्री पाने वाली वो पहली महिला थीं. मिर्गी रोकने वाली दवाई, एंटी-मलेरिया दवाई पर उनकी रीसर्च ने काफी मदद की. 400 से ज़्यादा रीसर्च पेपर लिखे उन्होंने जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में छपे. विदेश के विश्वविद्यालयों में भी उन्होंने जाकर रीसर्च की.
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