2004 से पहले भर्ती हुए कर्मचारियों को पेंशन के लिए एक भी पैसा देना नहीं पड़ता था. नौकरी के आख़िरी महीने में जो भी तनख़्वाह मिलती थी, उसी का आधा (50%) पेंशन बन जाता था. फिर सरकार लाई नई स्कीम. NPS. नेशनल पेंशन स्कीम. 31 दिसंबर, 2004 के बाद जिन भी सरकारी कर्मचारियों की भर्ती हुई, केंद्र सरकार ने तय किया कि उनकी बेसिक सैलरी में से हर महीने 10% काटा जाएगा. बाद में मोदी सरकार ने सरकार का हिस्सा 10 से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया. 2009 में इसे भारत के सभी नागरिकों के लिए खोल दिया गया. देखिए वीडियो.
पुरानी पेंशन स्कीम के लिए प्रोटेस्ट किया तो केंद्रीय कर्मचारियों का क्या होगा?
2004 से पहले भर्ती हुए कर्मचारियों को पेंशन के लिए एक भी पैसा देना नहीं पड़ता था.
Advertisement
Advertisement
Advertisement