पश्चिम बंगाल के संदेशखाली (Sandeshkhali Violence in West Bengal) में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए जा रही सिविल सोसायटी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 70 किलोमीटर पहले ही रोक लिया. इसके बाद फैक्ट फाइंडिंग टीम धरने पर बैठ गई. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार संदेशखाली (Sandeshkhali Violence) की सच्चाई छिपाना चाहती है. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी, पूर्व आईपीएस अधिकारी राज पाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य चारू वली खन्ना, एडवोकेट ओपी व्यास, भावना बजाज और वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक शामिल हैं. पूरी खबर जानने के लिए देखें वीडियो.
Sandeshkhali में जांच के लिए पहुंची टीम के साथ Bengal Police ने क्या किया?
Sandeshkhali में महिलाओं पर अत्याचार की कथिनत घटनाओं की जांच करने जा रही civil society fact finding committee को बंगाल पुलिस ने वहां जाने से रोक दिया है. बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली जा रही थी टीम.
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