मूवी रिव्यू: गुलाबो सिताबो
विकी डोनर, अक्टूबर और पीकू की राइटर-डायरेक्टर टीम अब ये धमाका लाई है.
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ये कहानी है लखनऊ में फ़ातिमा महल नाम की हवेली में रहने वाले मिर्ज़ा चुन्नन नवाब की. 78 साल के बुजुर्ग. हवेली उनकी बेगम के नाम है. फत्तो बी. जो उनसे 17 साल बड़ी हैं. ये हवेली जर्जर हालत में. ईंटे भुरभुरा रही हैं. रेलिंग टूट चुकी हैं. तीन-चार परिवार यहां किराए पर रहते हैं. बहुत कम किराया देते हैं. इनमें सबसे कम किराया देता है बांके. जो अपनी तीन बहनों और मां के साथ रहता है. आटा चक्की चलाता है. बांके सिर्फ 30 रुपये महीना किराया देता है. तीन महीने से तो दिया भी नहीं है. पूरा रिव्यू देखें वीडियो में.
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