जब देश आज़ादी के जश्न की तैयारी में डूबा था. तभी 14 अगस्त को खबर आई कि डोडा में हुए एक आतंकी हमले में कैप्टन दीपक शहीद हो गए. डोडा में आतंकियों के खिलाफ़ एक सर्च ऑपरेशन चल रहा था. कैप्टन दीपक इस मिशन को लीड कर रहे थे. आतंकी हमले के दौरान दीपक को गोली लगी. उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके. 15 अगस्त को शहीद दीपक का पार्थिव शरीर उत्तराखंड में उनके घर पहुंचा. लेकिन जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके घरवालों के सामने पहुंचा. वहां से सामने आई तस्वीरों ने सबका दिल तोड़ दिया. शहीद दीपक के पिता अपने बेटे को इस तरह देखकर बुरी तरह टूट गए. लेकिन उन्होंने अगले ही पल कहा, मुझे अपने बेटे की शहादत पर गर्व है.