उत्तर प्रदेश के मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने बाद योगी सरकार ने एक नया फैसला लिया है. राज्य सरकार अब नए मदरसों को अनुदान मुहैया नहीं कराएगी.
यूपी : योगी सरकार का बड़ा फैसला, नए मदरसों को सरकारी पैसा नहीं मिलेगा!
मंत्री दानिश रज़ा ने फैसले पर कहा - "हमारा मकसद अच्छी शिक्षा देना है"

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक योगी सरकार ने राज्य कैबिनेट के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसमें यह कहा गया था कि नए मदरसों को अनुदान सूची से बाहर कर दिया जाए. यह फैसला बीते 17 मई को लिया गया.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले बजट (2021-22) में यूपी सरकार ने मदरसा नवीनीकरण योजना के तहत 479 करोड़ रुपये का आवंटन किया था. मदरसा बोर्ड ने इस फैसले का स्वागत किया था और कहा था कि इससे छात्रों को बेहतर शिक्षा देने में मदद मिलेगी, विशेषकर गणित, अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान और गृह विज्ञान जैसे विषयों को लेकर छात्र लाभान्वित होंगे.
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के मुताबिक प्रदेश में इस समय 19 हजार 213 मदरसे चल रहे हैं, जिसमें से 14 हजार 677 मदरसे प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूल स्तर के हैं.
इस मदरसों में गणित, गृह विज्ञान, दर्शनशास्त्र, जनरल स्टडीज, विज्ञान, उर्दू-फारसी-अरबी साहित्य, अंग्रेजी, कम्प्यूटर जैसे कई विषय पढ़ाए जाते हैं.
परिषद के मुताबिक समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा संचालित मदरसों को अनुदान दिए जाते रहे हैं. इस तरह के अनुदान प्राप्त करने के लिए मदरसों को पहले एक प्रस्ताव भेजना होता है, जिसका शासन स्तर पर मूल्यांकन किया जाता है और उसके बाद अनुदान देने के आदेश जारी किए जाते रहे हैं.
परिषद के मुताबिक इस समय राज्य के ऐसे 560 मदरसे हैं जिनको सरकारी अनुदान मिल रहा है.
मंत्री ने क्या कहा?प्रदेश में अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा है कि हमारा मकसद अच्छी और गुणवत्ता वाली शिक्षा देना है. अब सिर्फ नए खुलने वाले मदरसों को ही सरकार अनुदान नहीं देगी.
दानिश आजाद ने बताया कि यूपी में दो तरह के मदरसे हैं. एक एडेड मदरसे और दूसरी मान्यता प्राप्त मदरसे. सरकार आगे भी मदरसों को मान्यता तो देगी, लेकिन इन्हें अनुदान नहीं मिल पाएगा. इन्हें अपना खर्च बच्चों से मिल रही फीस से चलाना होगा.
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