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योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी के भंग होने के पीछे का खेल ये है!

यूपी में हिंदू युवा वाहिनी की सभी इकाइयों को खत्म कर दिया गया है. तैयारी आगे की है.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो- PTI)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित हिंदू युवा वाहिनी (HYV) को पूरी तरह भंग कर दिया गया है. यूपी में इसकी सभी इकाइयों को खत्म कर दिया गया है. संगठन को अब नए सिरे से पुनर्गठित किया जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने सांसद रहते हुए साल 2002 में इस संगठन की स्थापना की थी. गोरखपुर दौरे पर आए योगी आदित्यनाथ ने 2 अगस्त को हिंदू युवा वाहिनी को पूरी तरह भंग करने का निर्देश दिया था. संगठन के मुख्य संरक्षक सीएम योगी आदित्यनाथ ही हैं.

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भंग करने का मकसद क्या है?

बताया जा रहा है कि तैयारी 2024 लोकसभा चुनाव की है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू युवा वाहिनी के एक नेता ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर बताया कि संगठन की पूर्वी यूपी में अच्छी पकड़ है. अब योजना यह है कि संगठन को राज्य के पश्चिमी हिस्से में मजबूत किया जाए. मकसद 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की मदद करना है.

संगठन के यूपी प्रभारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने हिंदू युवा वाहिनी यूपी की प्रदेश यूनिट, संभाग और सभी जनपदों की इकाइयों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया. हिंदू युवा वाहिनी का मकसद लोगों के बीच हिंदुत्व की विचारधारा को पहुंचाना है. संगठन ने 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ के कैंपेन में अहम भूमिका निभाई थी.

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‘जल्द होगा पुनर्गठन’

रिपोर्ट के मुताबिक, राघवेंद्र सिंह ने बताया कि सभी यूनिट का पुनर्गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लंबे समय से इकाइयों का पुनर्गठन नहीं हुआ था, इसलिए इन्हें भंग किया गया है. राघवेंद्र सिंह को योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है. उन्होंने बताया कि पुनर्गठन के लिए जल्द ही हिंदू युवा वाहिनी के नेताओं की एक बैठक होगी. और नए सिरे से लोगों को जिम्मेदारियां दी जाएंगी.

मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीजेपी के अनुरोध पर गोरखपुर में संगठन की सभी यूनिट को भंग कर दिया गया था. जिन लोगों ने इस फैसले के खिलाफ बोला, उन्हें संगठन से बाहर कर दिया गया था. इनमें तब के राज्य प्रभारी सुनील सिंह भी शामिल थे.

इस साल यूपी विधानसभा में योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर शहरी सीट से चुनाव लड़ा था. बीजेपी ने गोरखपुर डिविजन की 29 सीटों में से 28 पर जीत हासिल की थी. बताया जाता है कि हिंदू युवा वाहिनी की भी इस जीत में अहम भूमिका थी. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2002 में संगठन के 300 सदस्य थे. ये संख्या 2017 में बढ़कर 15 लाख तक पहुंच गई. गोरखपुर डिविजन में ही सिर्फ 5 लाख युवा संगठन से जुड़े थे क्योंकि गांवों में भी हिंदू युवा वाहिनी ने कार्यालय खोल लिया था.

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