आजतक से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि डीएम टीके शिबू के खिलाफ शिकायतें आती रही हैं कि उन्होंने खनन और दूसरे निर्माण कामों में भ्रष्टाचार किया है. इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में उन्होंने पोस्टल बैलेट पेपर सील न करके लापरवाही भी की, जिससे पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति पैदा हो गई थी. सरकार ने बताया कि इस मामले की जांच विंध्याचल मंडल के कमिश्नर ने की थी जिसमें ज़िलाधिकारी टीके शिबू दोषी पाए गए हैं. इसी वजह से उन्हें निलंबित किया गया है.
वहीं पवन कुमार वाले मामले में सरकार का कहना है कि उन्हें शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने और साथ ही अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण न कर पाने के लिए सस्पेंड किया गया है.
NOTICE
इंटरनेट पर चर्चा
सोशल मीडिया पर भी इन सस्पेंशन को लेकर बातें की जा रही हैं. गौरव सिंह सेंगर नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा,चल गया बाबा का बुलडोज़र. सोनभद्र कलेक्टर टीके शिबू निलंबित... भ्रष्टाचार के मामले में भी होगी जांच, शिकायतों की फेहरिस्त लंबी है. बुलडोज़र के रडार पर बहुत से अधिकारी हैं!!
सबकी जांच होनी चाहिए महाराज जी जितने कर्मचारी अधिकारी कुर्सी पर बैठे हैं. सबकी चल अचल संपत्ति की जांच होनी चाहिए. नेता तो डकैत हैं ही अधिकारियों ने खूब लूटा है प्रदेश को.
एक और यूजर ओमप्रकाश मिश्रा ने लिखा,
माननीय चित्रकूट वालों का नंबर कब आएगा? पिछले पांच साल भूमाफिया, राशनमाफिया से साठगांठ करके सरकार की छवि (खराब) करने वालों को भी सजा मिलनी चाहिए.
पिछले दिनों गाजियाबाद में पेट्रोल पंप कर्मी से 25 लाख की लूट का मामला सामने आया था. सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे लेकर योगी सरकार पर निशाना भी साधा था. वहीं विधानसभा चुनावों में लॉ एंड ऑर्डर एक प्रमुख मुद्दे के रूप में सामने आया था. सीएम योगी ने कई बार दावा किया था कि उनके नेतृत्व वाली सरकार में अपराध और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है और लापरवाही करने वाले अधिकारियों को भी बख्शा नहीं गया है. अब एसएसपी पवन कुमार के निलंबन को इससे जोड़कर देखा जा रहा है. बताया गया है कि अगले एसएसपी की नियुक्ति होने तक मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ये पदभार संभालेंगे.