‘कार में हेलमेट ना पहनने पर चालान आया’. ऐसी खबर आपने आज-कल में जरूर सुनी होगी. मामला था गौतमबुद्ध नगर के होशियारपुर इलाके का. एक महिला का पुलिस ने 1,000 रुपये का चालान काट दिया. ये न्यूज़ खूब वायरल है. लेकिन ये पूरा सच नहीं है. महिला को चालान तो मिला, उसकी कार के नंबर से ही. लेकिन चालान असल में किसी और की बाइक का निकला.
कार में हेलमेट न पहनने पर 1000 रु का चालान, खबर का सच तो ये निकला!
कार में हेलमेट के चालान से खुली ट्रैफिक विभाग की बड़ी पोल...

आजतक से जुड़े भूपेंद्र यादव की रिपोर्ट के मुताबिक महिला ग्रेटर नोएडा के जीटा-1 में रहती हैं. सरकारी स्कूल में टीचर हैं. उनका नाम शैलजा चौधरी है. शैलजा को चालान की जानकारी 7 जुलाई को ई-चालान के जरिए मिली. शैलजा का कहना है कि 7 जुलाई की शाम जब वह घर के कामकाज में व्यस्त थीं, तभी उनके मोबाइल पर ट्रैफिक पुलिस का एक मैसेज आया. लेकिन जैसे ही उन्होंने मैसेज खोला तो उसमें एक बाइक की फ़ोटोज थीं और चालान 27 जून की सुबह 8:30 बजे का है. शैलजा उस बाइक को नहीं जानती जो फ़ोटोज में थी, क्योंकि उनके पास केवल एक i20 कार है.
दरअसल शैलजा की गाड़ी के नंबर और बाइक का नंबर लगभग एक जैसा ही है. इसलिए उनको गलत चालान भेज दिया गया. इसे नोएडा ट्रैफिक पुलिस की बड़ी लापरवाही बताया जा रहा है. शैलजा का वीडियो भी इस मामले में सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा,
“मैं शैलजा चौधरी. ग्रेटर नोएडा में रहती हूं. मेरे पास i20 कार है जो मेरे नाम पर रजिस्टर है. जिसका नंबर है UP16CE67... 7 जुलाई 2023 को मुझे परिवहन विभाग की तरफ से 1000 रुपए का चालान मिला. चालान में लिखा था कि आपने हेलमेट नहीं पहना था. ये चालान 27 जून 2023 का था. लेकिन ये चालान किसी बाइक का था. चालान के साथ परिवहन विभाग ने मुझे बाइक की फ़ोटोज भी भेजी थीं. परिवहन विभाग ने मुझे ये गलत चालान भेज दिया है. चालान की वजह से हम सभी लोग परेशान हैं. मेरा परिवहन विभाग से अनुरोध है कि इस चालान को खत्म करें.”

शैल्जा ने आगे बताया कि जिस बाइक का चालान आया है, उसका नंबर UP16CE6353 है. और ये बाइक उनके नाम पर रजिस्टर नहीं है.
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत के दौरान ट्रैफिक पुलिस डिप्टी कमिश्नर प्रीती यादन ने कहा कि इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) अपने आप वाहन के नंबर पढ़ लेता है. लेकिन कभी-कभी, सिस्टम नंबर को गलत तरीके से भी पढ़ सकता है. उन्होंने कहा,
“अगर वाहन मालिक ट्रैफिक पुलिस से संपर्क करता है, तो चालान गलत पाए जाने पर उसे रद्द कर देते हैं. शिकायतकर्ता सीधे हमारे कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं या ईमेल के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते हैं."

डिप्टी कमिश्नर प्रीती यादव ने आगे बताया कि ट्रैफिक पुलिस को ईमेल के माध्यम से कई शिकायतें मिलती हैं. उनको सुलझाने के प्रयास उनकी तरफ से किए जाते हैं. हालांकि बेहतर होगा कि इस सिस्टम को सुधारा जाए. ताकि लोग इस तरह से ना परेशान हों ना इस तरह की खबरें बनें.
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