राजनीति में अगर किसी का सिक्का चलता है तो वो है नंबर गेम. यानी जिसके पास बहुमत का आंकड़ा सरकार उसकी. और महाराष्ट्र (Maharashtra) में कभी उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का उद्धार करने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने अब उद्धव का नंबर गेम ही बिगाड़ दिया है. और ये सवाल अब लाज़मी हो गया है कि उद्धव सरकार रहेगी या जाएगी? और इस सवाल का जवाब छिपा है महाराष्ट्र की विधानसभा के अंक गणित में. तो क्या कहता है अंक गणित आइये समझते हैं.
40 MLA की मदद से BJP की सत्ता में वापसी कराएंगे एकनाथ शिंदे? समझिए पूरा नंबर गेम
अगर इस नंबर के साथ एकनाथ शिंदे अपनी बात पर अड़े रहे तो BJP के दोनों हाथों में लड्डू!

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. पिछला चुनाव साल 2019 में हुआ था. बहुमत किसी को नहीं मिला था. चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें बीजेपी को मिलीं. बीजेपी के खाते में आईं 106 सीटें. शिवसेना को मिलीं 56 सीटें. NCP को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं. इसके अलावा छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवारों के हिस्से आईं 28 सीटें. बीते 12 मई को शिवसेना के एक विधायक की मौत हो गई. यानी विधानसभा में बचे 287 विधायक. लिहाजा बहुमत का आंकड़ा 145 से घटकर 144 हो गया है.
उद्धव सरकार के पास कितने विधायक थे?शिंदे की बगावत से पहले महाविकास अघाड़ी (MVA) यानी शिवसेना, NCP और कांग्रेस गठबंधन के पास कुल 169 विधायकों का समर्थन था. इसमें शिवसेना, NCP और कांग्रेस के विधायकों के अलावा समाजवादी पार्टी (SP) के 2, प्रहार जनशक्ति पार्टी (PJP) के 2, बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी सरकार को हासिल था.
बात अगर बीजेपी की करें तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 106 सीटें मिली थीं. इसके अलावा राष्ट्रीय समाज पक्ष (RCP) का 1, जनस्वराज्य शक्ति पक्ष (JSS) का 1 और 5 निर्दलीय विधायकों को मिलाकर बीजेपी के पास 113 की संख्या बनती है. इसके अलावा अन्य दलों के पास 5 विधायक हैं. इनमें AIMIM के 2, CPI (M) का 1 और राज ठाकरे की पार्टी MNS के पास 1 विधायक.
एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद की स्थितिएकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके समर्थन में शिवसेना और अन्य मिलाकर 40 विधायक हैं. अपने समर्थन वाले विधायकों के साथ शिंदे ने एक फोटो शेयर की है. इस फोटो में शिंदे को मिलाकर 35 विधायक दिखाई दे रहे हैं. इसके अलावा 5 और विधायक शिंदे अपने खेमे में बता रहे हैं. और अगर ये आंकड़े गलत नहीं हैं तो उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री कार्यालय से सामान बांधने का वक्त आ गया है.
बगावत से पहले MVA के पास 169 विधायक थे. और अगर इस आंकड़े से 40 विधायकों को कम कर दें तो संख्या बनती है 129. यानी बहुमत के 144 के आंकड़े से काफी पीछे. यानी शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने अगर कोई सियासी जादू नहीं किया तो सरकार गिरना तय हैं.
अगर एकनाथ शिंदे बीजेपी की तरफ शिफ्ट हुए तो देवेंद्र फडणवीस को दोबारा मुख्यमंत्री बनने में अब ज्यादा वक्त नहीं है. शिवसेना में बगावत से पहले बीजेपी गठबंधन के पास 113 विधायक थे. अगर एकनाथ शिंदे खेमे के 40 विधायकों का समर्थन बीजेपी को मिला तो बीजेपी गठबंधन का ये आंकड़ा पहुंच जाएगा 153 पर. यानी बहुमत से कहीं ज्यादा संख्या बल. इस स्थिति में अगर दो चार विधायक छिटके तो भी बीजेपी को खास दिक्कत नहीं होगी.
एक तस्वीर ये भी है कि शिंदे के 40 विधायकों के साथ बीजेपी अकेले भी सरकार बनाने की स्थिति में है. बीजेपी के 106 और शिंदे के 40 विधायकों का जोड़ 146 होता है. और महाराष्ट्र विधानसभा में फिलहाल बहुमत का आंकड़ा 144 है.