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'ममदानी जीते तो पैसे काट लूंगा', न्यूयॉर्क मेयर चुनाव से एक दिन पहले ट्रंप की खुली धमकी

US President Donald Trump ने धमकी देते हुए कहा है कि अगर Zohran Mamdani मेयर का चुनाव जीत जाते हैं, तो जरूरी पैसे के अलावा कोई भी फेडरल फंड न्यूयॉर्क शहर को जारी नहीं किया जाएगा .

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ट्रंप ने ममदानी के जीतने की स्थिति में फंड रोकने की धमकी दी है (PHOTO-AajTak)

डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोहरान ममदानी अगर 4 नवंबर को होने वाले न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव जीत जाते हैं, तो न्यूयॉर्क शहर को मिलने वाला फेडरल फंड सीमित हो जाएगा. मेयर चुनाव की वोटिंग से कुछ घंटे पहले ये धमकी अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दी है. फेडरल फंड किसी शहर को उसके विकास और दूसरे कामों के लिए दिया जाता है. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि अगर ममदानी चुनाव जीत जाते हैं, तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि वो जरूरी मिनिमम फंड के अलावा कोई भी फेडरल फंड न्यूयॉर्क शहर को देंगे.

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जीत सकते हैं ममदानी

पोल्स और सर्वे के मुताबिक ममदानी, न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो से आगे चल रहे हैं. एंड्रयू कुओमो डेमोक्रेटिक प्राइमरी में ममदानी से हारने के बाद एक इंडिपेंडेंट उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा मैदान में गार्जियन एंजल्स के फाउंडर कर्टिस स्लिवा भी हैं जो कि रिपब्लिकन पार्टी से हैं. ट्रंप ने कहा कि स्लिवा को वोट देने से सिर्फ ममदानी को ही फायदा होगा. उन्होंने अपने समर्थकों से कुओमो को सपोर्ट करने की अपील की है. ट्रंप ने ट्रूथ पर लिखा,

आप पर्सनली एंड्रयू कुओमो को पसंद करें या न करें, आपके पास सच में कोई चॉइस नहीं है. आपको उन्हें ही वोट देना होगा, और उम्मीद करनी होगी कि वह शानदार काम करें. 

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प्रेसिडेंट ट्रंप की पोस्ट (PHOTO-Truth Social)
कौन हैं जोहरान ममदानी?

33 साल के ममदानी, भारतीय-अमेरिकी फिल्म डायरेक्टर मीरा नायर के बेटे हैं. उनके पिता महमूद ममदानी एक प्रसिद्ध युगांडाई लेखक हैं और वो भारतीय मूल के हैं. ममदानी, न्यूयॉर्क के क्वींस से विधानसभा के सदस्य हैं. उनका जन्म युगांडा के कंपाला में हुआ. सात साल की उम्र में वो न्यूयॉर्क चले गए. ममदानी की पढ़ाई-लिखाई न्यूयॉर्क में ही हुई. उन्होंने ब्रोंक्स हाई स्कूल ऑफ साइंस और बोडोइन कॉलेज से अफ्रीकाना स्टडीज की पढ़ाई की. 2018 में वो अमेरिकी नागरिक बन गए.

राजनीतिक पारी शुरू करने से पहले उन्होंने हाउसिंग काउंसलर का काम किया. वो घर खरीदने, उसे किराए पर लेने, आवास से जुड़े नियमों को लेकर जागरूकता बढ़ाने, घरों के लिए किफायती दर तय करने, जैसे कामों से जुड़े हुए थे. ममदानी को कई कारणों से आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है. एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वो इजरायल को एक यहूदी स्टेट के रूप में नहीं देखना चाहते. अपने इन्हीं बयानों के कारण वो हमेशा चर्चा में रहते हैं.

उनके इस बयान से कई इजरायल समर्थक समूह नाराज हो गए. उन पर यहूदी-विरोधी भावना को बढ़ावा देने के आरोप लगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए एक बयान के लिए भी उनकी आलोचना हुई. इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था कि अगर प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क आते हैं तो क्या वो उनके साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे, तो ममदानी ने साफ कहा कि वो ऐसा नहीं करेंगे. उन्होंने पीएम मोदी की तुलना इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कर दी. 

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वीडियो: जोहरान ममदानी के विवादित बयानों के बीच उनकी पत्नी चर्चा में क्यों?

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