क्या औरतों के मुकाबले पुरुषों को हार्ट अटैक ज़्यादा आते हैं? ये सवाल कई बार उठता है. अपने आसपास ही देख लीजिए. आपने ज़्यादातर हार्ट अटैक के मामले जो देखेंगे होंगे या सुने होंगे, उनमें पेशेंट ज़्यादातर पुरुष ही होते हैं. अब ऐसा क्यों? क्या पुरुषों का दिल महिलाओं से कमज़ोर होता है? पर दिल तो सब के पास एक जैसा ही है? फिर क्या वजह है कि हमारे दादा, नाना, पापा, मामा, चाचा को घर की महिलाओं के मुकाबले हार्ट अटैक का ज़्यादा रिस्क है? जानें इस पर डॉक्टर क्या कहते हैं.
महिलाओं से ज्यादा पुरुषों के हार्ट अटैक का शिकार होने की वजह क्या है?
अगर ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की शिकायत है तो दिल के डॉक्टर से मिलें और चेकअप कराएं.

ये हमें बताया डॉ. मितेंद्र यादव ने.

इसका जवाब है हां.
-महिलाएं मेनोपॉज़ हॉर्मोन्स की वजह से पुरुषों के मुकाबले हार्ट अटैक से ज्यादा सेफ होती हैं.
-पुरुषों में अन्य वजहें हैं जिनसे उन्हें हार्ट अटैक ज़्यादा होते हैं.
-स्मोकिंग ज़्यादा करना.
-एक्सरसाइज की कमी होना.
-खानपान में नियंत्रण न होना.
बचाव-सबसे ज़रूरी है एक सेहतमंद दिनचर्या का पालन करना.
-जिसमें नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए.
-इसमें 45 मिनट के लिए तेज़-तेज़ चल सकते हैं.
-स्विमिंग कर सकते हैं.
-साइकिलिंग कर सकते हैं.
-कोई भी एरोबिक्स एक्सरसाइज कर सकते हैं.
-पुरुषों में हार्ट अटैक की बड़ी वजह समोकिंग है, इससे बचें.
-खाने में फैट और चीनी की मात्रा कम से कम रखें.
-हेल्दी डाइट लें.
-स्ट्रेस से निपटने के लिए 20-25 मिनट योग करें.
-इन चीज़ों का ध्यान रखें तो हार्ट अटैक के रिस्क से बचे रह सकते हैं.
-अगर ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की शिकायत है तो दिल के डॉक्टर से मिलें और चेकअप कराएं.
-कोई भी पुरुष या महिला 40 साल से ऊपर हैं, उनको साल में एक बार कम से कम अपना चेकअप करवाना चाहिए.
-इन चीज़ों का ध्यान रखेंगे तो अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको ख़ुद से कोई दवाई लेने की सलाह नहीं देता.)