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420 का भी केस... अंकिता मर्डर केस वाले पुलकित आर्य का काला सच ये है!

पुलकित ने 2016 में अपनी जगह किसी और को बैठाकर परीक्षा पास की थी.

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अंकिता मर्डर केस का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य (फोटो-आजतक)

उत्तराखंड के पूर्व बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य अपने रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता की हत्या के आरोप में सलाखों के पीछे हैं. पुलकित पर कोई पहली बार आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है. इससे पहले साल 2016 में उस पर धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज हुआ था. हैरानी की बात है कि अंकिता की गुमशुदगी की शिकायत पुलकित ने ही दर्ज कराई थी.

किन विवादों में रहा पुलकित? 

पुलकित कोविड लॉकडाउन के दौरान भी विवादों में रहा है. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पुलकित पर आरोप लगा था कि उसने 2016 में उत्तराखंड आयुष प्री मेडिकल टेस्‍ट (UAPMT) में अपनी जगह किसी और को बैठाकर परीक्षा पास की थी. बाद में उसे कॉलेज से निकाल दिया गया. लेकिन अगले साल उसने दोबारा वहां एडमिशन ले लिया. इसी मामले में पुलकित के खिलाफ हरिद्वार में IPC की धारा 420 और 468 के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था. 

आजतक से जुड़े रिपोर्टर मुदित अग्रवाल के मुताबिक साल 2016 से पहले पुलिस ने पुलकित को उत्तराखंड सरकार की गाड़ी में शराब पीते हुए पकड़ा था. उस दौरान पुलकित ऋषिकुल कॉलेज में पढ़ाई करता था. इसके अलावा गाजियाबाद में भी पुलकित पर हंगामा करने का आरोप लगा था. रसूखदार होने के चलते मामला रफा दफा हो गया.  

कौन है पुलकित आर्य ?

पुलकित आर्य पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य का बेटा है. पुलकित का परिवार मूल रूप से रुड़की के इमलीखेरा से है. वहां विनोद आर्य का फार्मसी का बिजनेस है. पिता विनोद आर्य भारतीय जनता पार्टी में एक जाना-माना नाम हैं. विनोद आर्य यूपी के सह प्रभारी और उत्तराखंड के राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. बेटे की गिरफ्तारी से पहले वो ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे.

पुलकित के भाई अंकित आर्य भी राज्य मंत्री और उत्तराखंड ओबीसी कल्याण आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. हत्या मामले में पुलकित की गिरफ्तारी के बाद ही बीजेपी ने शनिवार को विनोद आर्य और उनके बेटे को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

उत्तराखंड के पौड़ी में पुलकित का एक रिजॉर्ट है. वनंतरा रिजॉर्ट. इसी रिजॉर्ट में 19 साल की अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी. अंकिता की हत्या मामले में सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी गिरफ्तार किया गया है. सोरभ इस रिजॉर्ट का मैनेजर था और अंकित असिस्टैंट मैनेजर. तीनों के खिलाफ हत्या और सबूत छिपाने के आरोप में IPC की धारा 302 और 201 की धाराएं लगाई गई हैं.

फिलहाल तीनों आरोपी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है. पीड़िता के परिवार ने आरोपी को फांसी देने की बात मांग की है. 

अंकिता के पिता ने कहा- जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं, तब तक अंतिम संस्कार नहीं