रविवार, 30 जून को जनरल उपेंद्र द्विवेदी (General Upendra Dwivedi) ने भारत के 30वें सेना प्रमुख का पदभार संभाला. उन्होंने जनरल मनोज पांडे की जगह ली है. जनरल द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान से सटे सीमाओं पर काम करने का अनुभव है. इससे पहले फरवरी, 2024 में उन्हें उप सेना प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई थी. फिर 11 जून को उन्हें आर्मी प्रमुख बनाने की घोषणा की गई.
कौन हैं जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जिन्होंने जनरल मनोज पांडे की जगह संभाला आर्मी चीफ का चार्ज?
Army Chief Upendra Dwivedi: केंद्र सरकार ने 11 जून को लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को नए सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का एलान किया था. आज उन्होंने सेना प्रमुख का पद ग्रहण कर लिया है.

इंडियन आर्मी ने अपने X अकाउंट से पोस्ट कर लिखा,
"वह चुनौतीपूर्ण परिदृश्यों और विविध भूभागों में रणनीतिक कौशल और परिचालन अनुभव के साथ पद ग्रहण कर रहे हैं."
मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. उन्होंने रीवा के सैनिक स्कूल से पढ़ाई की. जनवरी 1981 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में शामिल हो गए. इसके अलावा डिफेंस और मैनेजमेंट अध्ययन में M Phil हैं और रणनीतिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हासिल की हैं.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल उपेंद्र द्विवेदी अपने स्कूल के दिनों से ही एक बेहतरीन खिलाड़ी थे. NDA और इंडियन मिलिट्री अकैडमी (IMA) दोनों में बेहतरीन प्रदर्शन किया. कमीशन होने के बाद भी बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा और उन्हें फिजिकल ट्रेनिंग कोर्स में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है.
15 दिसंबर, 1984 को उन्हें जम्मू-कश्मीर राइफल्स की 18वीं बटालियन में नियुक्त किया गया था. अपने सैन्य करियर के दौरान, उन्होंने कश्मीर घाटी के अलावा राजस्थान के रेगिस्तान में भी बटालियन का नेतृत्व कर चुके हैं.
ये भी पढ़ें - सीमा पर पाकिस्तान ने किया सीज़फायर उल्लंघन, कहीं कोई साजिश तो नहीं?
डिप्टी चीफ के रूप में जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारतीय सेना में ऑटोमेशन और बेहतरीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया. उन्होंने उत्तरी कमान में सभी रैंकों की तकनीकी सीमा को बढ़ाने की दिशा में काम किया और बड़े डेटा एनालिटिक्स, एआई, क्वांटम और ब्लॉकचेन-आधारित जैसी अहम और उभरती हुई टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाया.
जनरल द्विवेदी IGAR (GOC) और सेक्टर कमांडर असम राइफल्स के रूप में भी काम किया है. साल 2022 से 2024 तक राइजिंग स्टार कोर और उत्तरी सेना की भी कमान संभाल चके हैं.
उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक से नवाजा जा चुका है.
वीडियो: रियासी बस हमला के बाद कैमरे पर लोगों ने खोला राज, जानिए क्या है सेना का प्लान?