कौन हैं डॉ.जयेश लेले, जिन्होंने बीच डिबेट में ही रामदेव को शटअप बोल दिया?
एलोपैथी बनाम आयुर्वेद को लेकर डॉक्टर और बाबा के बीच हुई तीखी बहस.

टीवी डिबेट में बाबा रामदेव की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉक्टर डॉक्टर जयेश लेले के बीच गरमागरमी हो गई.
टीवी डिबेट में गरमा-गरमी कोई नई बात नहीं. लेकिन इस बार आमने-सामने थे बाबा-रामदेव और एक एलोपैथिक डॉक्टर. बहस का मुद्दा था बाबा रामदेव का वह बयान, जिसमें उन्होंने एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर ही सवाल उठा दिए थे. टीवी डिबेट में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के महासचिव डॉक्टर जयेश लेले भी मौजूद थे. रामदेव और डॉक्टर लेले के बीच तीखी बहस हुई. डॉक्टर लेले ने बहस के दौरान ही बाबा रामदेव को डांटना शुरू कर दिया. कौन हैं डॉक्टर जयेश लेले, आइए बताते हैं.
रामदेव से कहा- चुप... चुप... चुप
बाबा रामदेव ने एलोपैथिक डॉक्टरों की बुराई करने के बाद भले ही पत्र लिखकर अपना बयान वापस ले लिया हो. लेकिन उसके बाद भी बवाल थमता नहीं दिख रहा. आजतक के डिबेट शो के दौरान बाबा रामदेव और IMA के प्रतिनिधि में जुबानी भिड़ंत हो गई. कोरोना पर बहस के दौरान IMA महासचिव डॉ जयेश एम. लेले अचानक बाबा रामदेव पर नाराज हो गए. बीच डिबेट में बोले- आप चुप रहिए.. चुप.. चुप... चुप.. यू कीप क्वाइट... यू कीप क्वाइट. उन्होंने बाबा रामदेव पर एलोपैथिक की जानकारी के बिना अनर्गल बयान देने का आरोप भी लगाया. रामदेव अपने तर्क देते रहे. ये वीडियो देखिए-
डॉ. जयेश लेले के बारे में जान लीजिए
एलोपैथिक डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA). इसी संस्था के महासचिव डॉक्टर जयेश लेले मुंबई में प्रैक्टिस करते हैं. उनका क्लीनिक मुंबई के मलाड वेस्ट इलाके में है. वह काफी सीनियर डॉक्टर हैं. 1979 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहे हैं. उनके लिंक्डइन पेज के अनुसार, उन्होंने अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से की है. वह जनरल मेडिसिन और पीडियाट्रिक्स डॉक्टर हैं. मतलब वयस्क लोगों के इलाज के साथ ही बच्चों की बीमारियों का इलाज भी करते हैं. डॉक्टर लेले मेडिकल प्रैक्टिस के साथ-साथ मेडिकल एसोसिएशन में भी लगातार सक्रिय रहे हैं. वह IMA की मेडिकल एक्रिडिटेशन कमेटी के सदस्य रहे हैं. IMA में स्टेट लेवल पर भी पद संभाल चुके हैं. महाराष्ट्र में IMA चीफ भी रहे हैं. उन्हें 2015 में IMA की तरफ से इंडिविजुअल कम्यूनिटी सर्विस पुरस्कार मिल चुका है. प्रोफेसर श्रीधर शर्मा ओरेशन अवॉर्ड भी दिया जा चुका है. डॉक्टर लेले वक्त-वक्त पर डॉक्टरों के हितों की आवाज उठाते रहे हैं. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश का भी विरोध किया था, जब होम्योपैथिक डॉक्टरों को एक शॉर्ट-टर्म कोर्स करके एलोपैथिक प्रैक्टिस करने की छूट दी जा रही थी. इसके अलावा वह डॉक्टरों पर होने वाली हिंसा को लेकर भी बहुत मुखर होकर बोलते रहे हैं. उन्होंने साल 2019 में कहा था कि देश भर में 30-40 फीसदी डॉक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने कभी न कभी हिंसा का सामना जरूर किया है. उनका कहना था कि यह ट्रेंड दुनिया भर में ही नहीं बल्कि भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है. वैसे तो डॉक्टर लेले डॉक्टरों से जुड़ी खबरों को लेकर चर्चा में रहते हैं. लेकिन टीवी डिबेट में उन्हें उत्तेजित होकर बोलते देखने के बाद वह सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंड कर रहे हैं. कई लोग उनके उत्साह की तारीफ कर रहे हैं. तो कई उन्हें सेहत का ध्यान रखते हुए गुस्सा काबू में रखने की सलाह देते भी नजर आ रहे हैं.