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जब धोनी ने गुस्से में कहा- मैं क्या पागल हूं, 300 वनडे खेल चुका हूं

विकेट के पीछे खड़े-खड़े टीम का आधा काम आसान कर देते हैं.

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कुलदीप-चाहल और धोनी के बीच मजेदार ट्यूनिंग है.
क्रिकेट देखने और जानने वाले मानते हैं कि इस दौर की टीम इंडिया सबसे बेस्ट है. यहां धोनी का एक्सपीरियंस है, कोहली की क्लास है और कुलदीप-चाहल की जोश है. चाइनामैन कुलदीप यादव और लेग स्पिनर युजवेंद्र चाहल ने जिस तेजी से टीम में अपनी जगह पक्की की है, उसे देख यही लगता है कि आने वाले कई सालों तक ये जोड़ी टीम के काम आएगी. मगर ये दोनों अपने सक्सेस के पीछे महेंद्र सिंह धोनी को क्रेडिट देते नहीं थकते हैं. एक पॉपुलर शो व्हाट द डक में कुलदीप और चाहल ने धोनी के बारे में कई बातें बताईं.
ये पूछे जाने पर कि विकेट के पीछे से माइक से काफी कुछ सुनने को मिलता है और क्या क्या बात होती है धोनी से, दोनों बताते हैं कि धोनी का विकेट के पीछे खड़ा होना बहुत फायदेमंद साबित होता है. चाहल बताते हैं, " माही भाई विकेट के पीछे से बैट्समेन को बहुत अच्छे से पढ़ लेते हैं. हम दोनों 10 ओवर्स के बाद ही बॉलिंग करने आते हैं और धोनी तब तक पिच और बैट्समेन को रीड चुके होते हैं. इसलिए हमारे आते ही वो हमें गाइड करते हैं कि यहां बॉल डालना या यहां बिल्कुल मत डालना. इससे एक भी ओवर इसमें खर्च नहीं करना पड़ता कि क्या ट्राई करें और क्या नहीं. "
Kuldeep-Chahal
इंग्लैंड दौरे पर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चाहल की इस जोड़ी से काफी उम्मीदें हैं. (वीडियो ग्रैब: WTD)

एक उदाहरण देते हुए युजवेंद्र चाहल ने बताया कि साउथ अफ्रीका दौरे पर वनडे सीरीज का दूसरा मैच था जिसमें उसे 5 विकेट मिले थे. उसमें डुमिनी बैटिंग कर रहा था. धोनी ने पीछे से कहा डंडे पर ही रखियो. मैंने वैसे ही किया और डुमिनी स्वीप मारने के चक्कर में आउट हो गया. इस तरह हर मैच में 50 पर्सेंट काम वो कर देते हैं. इसलिए पहली गेंद से ही हम प्लैन के हिसाब से बॉलिंग करने लगते हैं. शुरू के दो ओवर समझने में नहीं जाते हैं. यहां तक कि धोनी फील्डिंग सेट करने में भी हेल्प करते हैं. यूं तो कोहली कप्तान हैं मगर 40 ओवर के बाद वो लॉन्ग ऑन या लॉन्ग ऑफ में होते हैं. तो धोनी ही फील्ड प्लेसमेंट करते दिखते हैं.
2017 में जब कुलदीप यादव इंडिया के लिए वनडे में हैट्रिक लेने वाले तीसरे बॉलर बने तो उन्होंने इसके लिए धोनी को शुक्रिया कहा था. इससे पहले चेतन शर्मा औऱ कपिल देव ने वनडे में हैट्रिक ली थी. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस हैट्रिक में कुलदीप ने कोलकाता में तीन गेंदों पर मैथ्यू वेड, एशटन एगर और पैट कमिन्स को आउट किया था.
कुलदीप एक मजेदार किस्सा बताते हुए कहते हैं, "मगर अगला मैच इंदौर में था. ग्राउंड इतना छोटा कि कहीं भी शॉट जाए छक्का ही था. हर बार जब छक्का लग रहा था तो मैं माही भाई की तरफ देखता था. वो कहते गेंद थोड़ा और बाहर रखना चाहिए था. वो पीछे से आवाज देते रहते हैं कि थोड़ा बाहर या थोड़ा अंदर. मेरा चौथा ओवर था. बैट्समेन ने स्वीप शॉट खेला और चौका पड़ा. माही भाई मेरे पास आए और बोले कवर्स का फील्डर हटाकर पॉइन्ट पर लाओ. तो मैंने कहा नहीं माही भाई ठीक है वहीं. तो वो गुस्साकर बोले. अबे मैं पागल हूं क्या, 300 वनडे खेला हूं. फिर मैंने वही किया जो वो कह रहे थे और प्लेयर आउट हो गया. तब वो मेरे पास आए और कहा यही तो मैं कह रहा था.
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